रिंग सेरेमनी से पहले रिंकू सिंह ने इस मंदिर जाकर लिया आशीर्वाद, जानें कहां स्थित है मंदिर और इसकी मान्यता

Rinku Singh's ring ceremony: रिंकू सिंह आज लखनऊ के पांच सितारा होटल में प्रिया सरोज के साथ रिंग सेरेमनी करने जा रहे हैं

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रिंकू सिंह अपनी छोटी बहन नेहा के साथ
नयी दिल्ली:

टीम इंडिया के बल्लेबाज रिंकू सिंह (Rinku Singh) आज लखऊ के पांच सितारा होटल में मछलीपुर की सांसद प्रिया सरोज के साथ रिंग सेरेमनी करने जा रहे हैं. रिंकू के चाहने वालों और सोशल मीडिया पर उनकी रिंग सेरेमनी को लेकर खासा उत्साह है. इस कार्यक्रम में चुनिंदा लोगों सहित कुल मिलाकर करीब तीन सौ लोगों को निमंत्रण भेजा गया गया है. रिंग सेरेमनी से पहले हमेशा की तरह ही इस बल्लेबाज की छोटी बहन नेहा सिंह सक्रिय हो गई हैं. हाल ही में  रिंकू,  बहन नेहा और कुछ पारिवारिक सदस्यों ने रिंग सेरेमनी के लिए लखनऊ जाने से पहले बुलंदशहर स्थित चौढ़ेरा वाली विचित्रा देवी मंदिर का दौरा किया. विचित्रा देवी को महालक्ष्मी का रूप माना जाता है. 

नेहा ने रिंग सेरेमनी के इस बड़े दिन से पहले मंदिर जाकर अपने भाई और होने वाली भाभी प्रिया सरोज के सुखद जीवन के लिए मां चोंदेरा वाली मां के मंदिर जाकर आशीर्वाद लिया. इन दोनों के अलावा परिवार के और भी सदस्य थे, लेकिन पोस्ट की तस्वीर में रिंकू छोटी बनन के साथ नजर आ रहे हैं. पिछले काफी दिनों से अपना यू-ट्यूब चैनल चला रहीं उनकी छोटी बहन महरून रंग का सूट पहने हुए थीं, तो रिंकू कैजुअल टीशर्ट और पैंट में दिखाई पड़े. मां के दर्शन के बाद दोनों ने मंदिर में ही फोटो खिंचवाया.

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पांच सौ साल पुराना है मंदिर

चौढेरा वाली मां का यह मंदिर बुलंदशहर जिले के गांव चौढ़ेरा में स्थित है. यह मंदिर 500 साल पुराना है और यहां हर दिन हजारों श्रद्धालु दूर-दूर  से मां के दर्शन के लिए आते हैं. मंदिल अलीगढ़-अनूपशहर हाईवे 93 से दो किलोमीटर दूर पश्चिम दिशा में स्थित  है. मंदिर विचित्रा देवी को समर्पित है, जिन्हें महालक्ष्मी का रूप माना जाता है. मंदिर की वास्तुकला प्राचीन है और यह तीन बीघे में फैला हुआ है. नवरात्रि के मौके पर भव्य मेले का आयोजन होता है और मान्यता है कि जो भी यहां आता है, वह खाली नहीं जाता. 

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मंदिर का इतिहास

साल 1997 में धनीराम गुरु नई दिल्ली वालों ने गांव पड्ररावल में मां विचित्रा देवी के विशाल मंदिर का निर्माण करवाया था.  मंदिर की स्थापना से पहले भी यहां एक प्राचीन मंदिर था, जहां विचित्रा देवी की पूजा की जाती थी. मंदिर के आसपास कई अन्य मंदिर भी हैं, जैसे कि गौरा देवी मंदिर, जो भी विचित्रा देवी के साथ पूजनीय है. मंदिर तक पहुंचने के लिए कई रास्ते हैं, और यह सड़क, रेल और हवाई नेटवर्क के माध्यम से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है

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