Ricky Ponting on Virat Kohli: ऑस्ट्रेलिया के महान खिलाड़ी रिकी पोंटिंग ने भारत में टेस्ट क्रिकेट में क्रांति लाने में पूर्व कप्तान विराट कोहली की "बड़ी भूमिका" की सराहना की और कहा कि भारत के बल्लेबाज अब बड़े मंच पर खेलने से नहीं डरते हैं जिसका सबूत विदेशों में चुनौतीपूर्ण हालात में उनकी सफलता है. पोंटिंग ने पूर्व मुख्य कोच राहुल द्रविड़ के योगदान की भी सराहना की, जिन्होंने जून में भारत को टी20 विश्व कप खिताब दिलाने के बाद पद छोड़ दिया था.
विराट कोहली को लेकर पोंटिंग का बड़ा बयान
पोंटिंग ने स्काई स्पोर्ट्स से कहा, "कोहली की कप्तानी की शुरुआत की बात करें तो, (उन्होंने) क्रिकेट को बदलने में बड़ी भूमिका निभाई और (राहुल) द्रविड़ ने पिछले चार सालों में इसे जारी रखा है. टीम में ऐसे व्यक्ति का प्रभाव बहुत अच्छा होगा और उनके पास स्टार खिलाड़ी हैं." कोहली की कप्तानी में भारत ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज जीतने वाली पहली एशियाई टीम बनी, इसके अलावा उसने अन्य जगहों पर भी कुछ यादगार जीत दर्ज की. अपनी आक्रामक कप्तानी से कोहली ने सभी को यह विश्वास दिलाया कि भारतीय टीम विदेशों में भी जीत सकती है और जब वह टीम में नहीं थे, तब भी उनका आत्मविश्वास टीम पर हावी रहा.
2020-21 में ऑस्ट्रेलिया में पिछली टेस्ट सीरीज़ के दौरान, कोहली अपनी बेटी वामिका के जन्म के कारण पहले मैच के बाद भारत के लिए रवाना हो गए थे. लेकिन अजिंक्य रहाणे की कप्तानी में भारत ने चोटों और प्रमुख खिलाड़ियों की अनुपस्थिति से जूझते हुए ऐतिहासिक 2-1 से सीरीज़ जीत हासिल की. "उन्होंने गाबा में एक गेम जीता, जो बस नहीं होता. मुझे लगता है कि उनके बल्लेबाज विदेशी बल्लेबाजी की परिस्थितियों के अनुकूल बहुत अच्छी तरह से ढल जाते हैं. "मुझे नहीं लगता कि वे गाबा या ऑप्टस ओवल से उतने डरे हुए हैं, जितने शायद पहले थे. शायद यह चयन का मामला है, या उन्हें अब बड़े मंच से डर नहीं लगता," पोंटिंग ने कहा.
कोहली के कार्यकाल के दौरान, भारत ने 40 मैच जीते और 17 हारे, जबकि उन्होंने खेले गए 68 टेस्ट में से 11 ड्रॉ रहे. इस बार, कोहली लंबे समय से भारत के साथी रोहित शर्मा की कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया का दौरा करेंगे. "उनकी तेज़ गेंदबाज़ी की गहराई बहुत बढ़िया है. पिछले 6-7 सालों में नेतृत्व मजबूत रहा है." पोंटिंग ने निडर क्रिकेट खेलने वाले खिलाड़ियों को तैयार करने के लिए इंडियन प्रीमियर लीग की भी प्रशंसा की. "पिछले 10 सालों से आईपीएल के इर्द-गिर्द रहने के कारण, मैंने देखा है कि बहुत से युवा खिलाड़ी (बिना किसी डर के आक्रामक तरीके से खेलते हैं) क्योंकि आईपीएल में बहुत दबाव होता है. यह उनके लिए विश्व कप जैसा है.
उन्होंने निष्कर्ष निकाला, "उनके बल्लेबाज़ बहुत आक्रामक स्ट्रोक बनाने वाले खिलाड़ी हैं. वे असफल होने से नहीं डरते." ऑस्ट्रेलियाई टीम 2014-15 में घरेलू मैदान पर अपनी आखिरी सीरीज़ जीत के बाद से बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी जीतने में विफल रही है. तब से भारतीयों ने लगातार चार मौकों पर खिताब जीता है, जिसमें से दो-दो बार घरेलू मैदान पर और दो बार विदेशी मैदान पर जीत दर्ज की है.