जब ऐसा लग रहा था कि अगले साल प्रस्तावित चैंपियंस ट्रॉफी (Champions Trophy 2025) की मेजबानी का रास्ता साफ हो गया है, तो ऐसे में पाकिस्तान मीडिया के हवाले से बड़ी खबर आ रही है. वैसे यहां सवाल भी है कि कहीं वीरवार को आईसीसी (ICC) की मीटिंग का टलना कहीं इससे ही तो जुड़ा नहीं है. बहरहाल, अब पाकिस्तान के अग्रणी अखबार डॉन के अनुसार बीसीसीआई (BCCI) के प्रतिनिधियों ने पीसीबी के अगले तीन साल या कहें कि 2027 तक आईसीसी टूर्नामेंट में खेलने के "साझेदारी फॉर्मूले" को ठुकरा दिया है. दोनों ही देशों के बीच पिछले कुछ महीनों से पाकिस्तान की मेजबानी वाली प्रस्तावित चैंपियंस ट्रॉफी में टीम इंडिया के पड़ोसी देश में खेलने को लेकर गतिरोध बना है. इसी का समाधान निकालने के लिए पाकिस्तान बोर्ड ने हाल ही में प्रस्ताव रखा था कि अगर टीम इंडिया पाकिस्तान नहीं आती है, तो पाकिस्तान टीम भी साल 2027 तक आईसीसी टूर्नामेंट में भारत के खिलाफ तटस्थ स्थानों पर ही खेलेगी.
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"पहले यह था पीसीबी का साझेदारी प्लान"
पीसीबी ने भारत की मेजबानी वाले आईसीसी टूर्नामेंटों में "जैसे को तैसा" की तर्ज पर चलते हुए तटस्थ स्थान पर खेलने को "पार्टनरशिप फॉर्मूले" का नाम दिया था. इस प्लान के तहत पाकिस्तान साल 2031 तक इसी नीति के तहत भारत के खिलाफ खेलना चाहता था. इस अवधि को हाल ही में घटकार साल 2027 तक कर दिया गया था. इसके तहत भारत को अगले साल अपने यहां होने वाले वीमेन विश्व कप कप और साल 2026 में श्रीलंका के साथ मिलकर आयोजित किए जाने वाले टी20 विश्व कप में पाकिस्तान के खिलाफ मैचों को तटस्थ स्थान पर खेलना था, लेकिन अब यह प्लान भी ठंडे बस्ते में जाता दिखाई पड़ रहा है.
इस वजह से टल गई वीरवार को प्रस्तावित बैठक
इस मुद्दे के समाधान के लिए वीरवार को प्रस्तावित बैठक (जो स्थगित हो गई) से पहले पीसीबी चेयरमैन मोहसिन नकवी ने यह पता लगाने की कोशिश की कि क्या बीसीसीआई "ताजा प्लान" पर सहमत है.लेकिन भारतीय बोर्ड के नकारात्मक जवाब के साथ ही मोहसिन को यह साफ हो गया कि इस मुद्दे पर अब खुद को शामिल रखना बेमानी है. और यही वजह रही कि वीरवार को जय शाह की अध्यक्षता में प्रस्तावित पूर्ण सदस्य देशों की बैठक स्थगित हो गई. चैंपियंस ट्रॉफी का आयोजन अगले साल 19 फरवरी से 9 मार्च तक आयोजित होगी.