Ramiz Raja on Team India Win Semifinal vs AUS Champions Trophy 2025: दुबई के इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में मंगलवार को भारत ने चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के पहले सेमीफाइनल मुकाबले में आस्ट्रेलिया को चार विकेट से हराकर फाइनल का टिकट हासिल कर लिया. पहले बल्लेबाजी करते हुए ऑस्ट्रेलिया 49.3 ओवर में 264 रन बनाकर ऑल आउट हो गई. 265 रनों का पीछा करने उतरी टीम इंडिया ने 11 गेंद शेष रहते चार विकेट से मैच जीत लिया. 265 रनों का पीछा करने के लिए ओपनर के रूप में कप्तान रोहित शर्मा और उपकप्तान शुभमन गिल मैदान पर उतरे थे. दोनों से एक अच्छी शुरुआत की उम्मीद थी. दोनों ने शुरुआत के ओवरों में कुछ अच्छे शॉट्स भी खेले.
बल्लेबाजी की मददगार पिच पर कोहली का बल्ला खूब चला और बड़े शॉट खेलने की बजाय उन्होंने संयम से अपनी पारी को आगे बढाया. वनडे पारियों में स्पिनरों के खिलाफ पिछले कुछ अर्से में नाकाम साबित होते आये कोहली ने यहां आस्ट्रेलिया के स्पिनर एडम जम्पा को बखूबी खेला. उन्होंने अपनी पारी में शानदार पूल और ड्राइव लगाये.
रमीज राजा ने भारत की जीत पर कहा
भारत चैंपियंस ट्रॉफी का फाइनल खेलने का हकदार है क्योंकि भारत सफेद गेंद के क्रिकेट में विश्व स्तरीय टीम बन गया है, चाहे बुमराह हो या न हो, गेंदबाजी आक्रमण महत्वपूर्ण है. चार स्पिनरों के जरिए दबाव बनाया गया. सही टीम चुनी गई और परिस्थितियों के हिसाब से खेली गई. शमी ने तीन विकेट लिए, उन्होंने अच्छी गेंदबाजी की.
विराट कोहली के पारी पर रमीज राजा ने कहा
विराट कोहली द्वारा खेली गई पारी कमाल की थी. यह चौकों और छक्कों वाली विराट कोहली की आम पारी नहीं थी, बल्कि परिस्थिति इसकी मांग कर रही थी, जिसे विराट कोहली ने बिल्कुल सही समझा कि आपको सिंगल के जरिए एक ओवर में पांच रन बनाने हैं, इसलिए वहां जोखिम लेने की कोई जरूरत नहीं थी. उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में अपनी स्थिति बनाए रखी. श्रेयस अय्यर ने उनकी बहुत मदद की है और वह एक तरह से गुमनाम हीरो भी हैं. विराट कोहली के सामने कोई उनकी बहुत तारीफ नहीं करता क्योंकि विराट कोहली ने रन चेज में दबदबा बनाया है.
उन्होंने रन चेज की पारी में ही 8000 रन बनाए हैं. लेकिन उनकी बल्लेबाजी में भी काफी सुधार हुआ है. उनकी बल्लेबाजी में लय है और वह मौके पर बड़ी पारी खेलते हैं. विराट कोहली ने जो सिंगल लिए, उन्होंने इस पारी में 50 से ज्यादा सिंगल बनाए और एक परफेक्ट पारी खेली क्योंकि कई बार जब कोई बल्लेबाज सिंगल लेता है तो वह बोरिंग लगता है. लेकिन जब विराट कोहली सिंगल लेते हैं तो वह बोरिंग नहीं लगता क्योंकि उसमें कला विकसित होती है. वह एक दिमाग का इस्तेमाल कर रहे होते हैं. यह देखकर आपको खुशी भी होती है और हैरानी भी होती है कि वह कैसे दिशा बदलते हैं और हम चौके-छक्के नहीं देख रहे हैं, बल्कि परिस्थिति की मांग थी कि आप सिर्फ स्ट्राइक रोटेशन के लिए जाएं और आप मैच जीत जाएंगे