श्रीलंका दौरे में क्रुणाल पंड्या के इलाज में लापरवाही पर खड़ा हुआ सवाल, कैसे हुई यह चूक

पिछले दिनों श्रीलंका दौरे में क्रुणाल पंड्या कोविड-19 संक्रमित निकले, तो मानों सीरीज ही रद्द होने के कगार पर पहुंच गयी थी. संपर्क में रहे आठ खिलाड़ियों के बाहर जाने से सीरीज बेमजा हो गयी थी, लेकिन बीसीसीआई सचिव जय शाह ने सीरीज को रद्द होने से किसी तरह बचा लिया.

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क्रुणाल पंड्या श्रीलंका में कोविड-19 पॉजिटिव हो गए, तो सीरीज ही एक तरह से रद्द सी ही हो गयी थी
नयी दिल्ली:

पिछले दिनों श्रीलंका दौरे पर गई टीम राहुल द्रविड़ के दौरे के दौरान कोविड-19 पॉजिटिव हुए कृणाल पंड्या (Krunal Pandya) ने गले में दर्द महसूस होने के तुरंत बाद इसकी जानकारी बीसीसीआई (BCCI) के चिकित्सा अधिकारी को दी थी, लेकिन फिर भी उनकी आरटी-पीसीआर जांच एक दिन बाद हुई जिससे चिकित्सा अधिकारी की सक्रियता पर सवाल उठाये जा रहे हैं. अगर दौरे पर चिकित्सा अधिकारी तुरंत सक्रिय हुए होते, तो कोविड-19 जांच में पॉजिटिव पाये गये पंड्या के करीबी संपर्क के आठ खिलाड़ी पृथकवास में जाने से बच जाते क्योंकि इसके कारण वे दो टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में नहीं खेल पाए. साथ ही, फैंस के नजरिए से भी सीरीज बेमजा हो गयी थी और लगभग रद्द हो गयी थी, लेकिन किसी तरह बीसीसआई सचिव जय शाह ने हस्तक्षेप कर सीरीज रद्द होने से बचा लिया. 

पता चला है कि क्रुणाल ने गले में दर्द के लक्षण महसूस होने के बाद तुरंत टीम के साथ गये डॉक्टर अभिजीत साल्वी को 26 जुलाई को इसके बारे में बताया, लेकिन उस समय तो रैपिड एंटीजन टेस्ट हुआ और न ही खिलाड़ी को पृथकवास में भेजा गया, बल्कि गले में दर्द के बावजूद टीम के डॉक्टर ने खिलाड़ी को टीम बैठक में शिरकत करने की मंजूरी दी और 27 जुलाई की सुबह को ही उनका आरटी-पीसीआर टेस्ट किया गया. रिपोर्ट दोपहर में आयी जिसके बाद बीसीसीआई और श्रीलंका क्रिकेट ने संयुक्त रूप से मिलकर मैच को एक दिन के लिये स्थगित करने का फैसला किया क्योंकि इस खिलाड़ी के आठ करीबी खिलाड़ियों का भी परीक्षण किया गया था.

शुरू में सभी जांच में नेगेटिव आए थे, लेकिन श्रीलंका से रवाना होने से पहले कृष्णप्पा गौतम और युजवेंद्र चहल को भी पॉजिटिव पाया गया. शिखर धवन की अगुआई वाली भारत की सफेद गेंद की टीम ने इस दौरे पर तीन वनडे और तीन टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले थे. टीम ने वनडे श्रृंखला 2-1 से जीती और टी20 में उसे 1-2 से हार मिली. श्रीलंका में इस घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले बीसीसीआई के एक सूत्र ने गोपनीयता की शर्त पर कहा, ‘कृणाल को 26 जुलाई को ही गले में दर्द था और उसने प्रोटोकॉल का पालन करते हुए चिकित्सा अधिकारी को सूचित किया. हैरानी की बात है कि उसका रैपिड एंटीजन टेस्ट (खुद जांच की किट) नहीं हुआ और उसे तुरंत पृथकवास में नहीं भेजा गया.'

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उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि रैपिड एंटीजन टेस्ट निर्णायक नहीं होता लेकिन यह प्रोटोकॉल का पहला हिस्सा है, लेकिन मैं पुष्टि कर सकता हूं कि कृणाल ने गले में दर्द के बावजूद टीम बैठक में शिरकत की.' बीसीसीआई सूत्र ने कहा, ‘बल्कि एक सवाल और उठाया जा रहा है कि बीसीसीआई की श्रीलंका में चिकित्सा टीम हर पांचवें दिन जांच पर कैसे सहमत हुई जबकि इंडियन प्रीमियर लीग में जांच प्रत्येक तीसरे दिन करायी गयी.' उन्होंने कहा, ‘जय शाह की वजह से श्रृंखला के रद्द होने का संकट हट गया जिन्होंने हस्तक्षेप किया और सभी करीबी संपर्कों को पृथकवास में भेज गया. उनके इस कदम ने श्रृंखला को बचा लिया और श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड की मदद की, लेकिन अगर चिकित्सा टीम अति सतर्क रहती हो इस स्थिति से बचा जा सकता था. 

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