'यहां कोई और खुशी नहीं, क्रिकेट का भी जनाजा निकाला', भारत से हार के बाद ऐसे गुस्सा जता रहे पाकिस्तानी

Pakistani cricket fans react: आंतकवाद और आर्थिक संकट से जूझते पाकिस्तान के लोग चीख-चीख कर कह रहे हैं कि उनके पास कुल मिलाकर एक क्रिकेट ही था जिससे उन्हें खुशी मिलती थी

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Pakistani Fans Reaction After IND vs PAK Asia Cup 2025 :
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  • भारत ने दुबई में एशिया कप 2023 के फाइनल में पाकिस्तान को पांच विकेट से हराकर टूर्नामेंट क्लीन स्वीप किया.
  • पाकिस्तान की टीम को लगातार तीन बार हराकर भारत ने दोनों टीमों के बीच एकतरफा श्रेष्ठता साबित की.
  • पाकिस्तान के क्रिकेट प्रशंसक हार से निराश होकर सोशल मीडिया पर अपनी टीम और हालात पर गुस्सा जता रहे हैं.
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Pakistan Cricket Fans React to India's Big Win:  भारत ने दुबई में पाकिस्तान के खिलाफ 'एशिया कप 2025' के खिताबी मुकाबले में 5 विकेट से जीत दर्ज करके माहौल बना दिया है. भारत ने न सिर्फ पूरा टूर्नामेंट 7-0 के क्लीन स्वीप से अपने नाम किया है बल्कि पाकिस्तान को लगातार तीन बार हराकर यह भी साबित कर दिया है कि असल में दोनों के बीच कोई मुकाबला ही नहीं है. भारत ने हर मोर्चे पर पाकिस्तान को धोया है और इस कदर धोया है कि पाकिस्तान की जनता कराह उठी है. पाकिस्तान के लोगों ने हर बार अपनी टीम से उम्मीद पाली लेकिन भारत से चीतों के सामने पाकिस्तान का हर खिलाड़ी फुस्स साबित हुआ. अपनी उम्मीदों का यूं जनाजा निकलते देख पाकिस्तान के लोगों का गुस्सा भी अपनी टीम पर फूट रहा है. आंतकवाद और आर्थिक संकट से जूझते पाकिस्तान के लोग चीख-चीख कर कह रहे हैं कि उनके पास कुल मिलाकर एक क्रिकेट ही था जिससे उन्हें खुशी मिलती थी लेकिन पाकिस्तान की मौजूदा टीम ने उसे भी बर्बाद कर दिया है. 

पूरा सोशल मीडिया ऐसे वीडियोज से भर गया है जहां पाकिस्तान के लोग अपना गुस्सा निकाल रहे हैं. सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में एक पाकिस्तानी फैन यहां तक बोलता सुना गया कि पाकिस्तान की औकात ही नहीं है कि वो भारतीय टीम से कोई मुकाबला जीत जाए. खेल के मामले में भारत बाप था और आगे भी रहेगा.

वायरल वीडियो में शख्स पाकिस्तान की क्रिकेट टीम को गालियां दे रहा है और इंडिया को महान बताकर सैल्यूट कर रहा है. वो इसमें कहते सुना गया, “अगर पूरा पाकिस्तान भी जाए तो हम इंडिया से क्रिकेट नहीं जीत सकतें. हमारी औकात नहीं है, यह सीधी बात है. उन्होंने हमें ऐसे मारा है कि हमारी नस्लें पैदा हो जाएं लेकिन हम जीत नहीं सकते. इंडिया हमारे बाप थे और बाप रहेंगे. अरे हम कबतक रोएंगे. लाशें हम उठा रहे हैं, पाकिस्तान के पास कौन सी खुशी हैं. हमारे मुल्क में और क्या है? एक ले देकर क्रिकेट था और इन्होंने उसका भी जनाजा निकाल दिया… हम कहां जाएं, ये बताओ, हमें जवाब चाहिए.”

आतंकवाद और आर्थिक संकट से जूझता पाकिस्तान

पाकिस्तान ने दुनियाभर में आतंकवाद की फसल बोने और काटने वाले देश के रूप में अपनी पहचान बनाई है. वो आतंकवाद को अपनी विदेश नीति के रूप में इस्तेमाल करता है, उसे अपनी नापाक हरकतों को अंजाम देने के लिए टूल के रूप में इस्तेमाल करता है. पहलगाम हमले में 26 नागरिकों के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चलाकर उसके आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था. मुंह की खाने के बाद भी पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा, वहां सरकार और सेना के संरक्षण में वापस आतंकी ठिकाने तैयार हो रहे हैं. 

दूसरी तरफ पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर सैन्य जनरलों की बढ़ती पकड़ के कारण, देश में बढ़ती गरीबी और बेरोजगारी के बीच संसाधनों का इस्तेमाल मुख्य रूप से रक्षा खर्च के लिए किया जा रहा है. चालू वित्त वर्ष के बजट में रक्षा व्यय में 20 प्रतिशत की बड़ी वृद्धि की गई है, जबकि शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और रोजगार बढ़ाने वाली आर्थिक विकास योजनाओं जैसे अन्य क्षेत्रों में कुल खर्च में 7 प्रतिशत की कटौती की गई है.

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पाकिस्तान की संकटग्रस्त अर्थव्यवस्था आईएमएफ के कर्ज पर निर्भर है, फिर भी ऐसा लगता है कि सेना टैंक और हवाई जहाज जैसे हथियारों पर खर्च करने से नहीं बच रही है. अगस्त में आई रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान आईएमएफ के 7 बिलियन डॉलर के बेलआउट पैकेज की दूसरी समीक्षा के लिए तय पांच लक्ष्यों में से तीन को पूरा करने में नाकाम रहा है. इससे भारत का यह दावा सही साबित हुआ कि इस्लामाबाद लंबे समय से कर्ज में डूबा हुआ है और आईएमएफ के नियमों को ठीक से लागू करने और पालन करने का उसका रिकॉर्ड बहुत खराब है.

पाकिस्तान के अखबार 'ऑब्जर्वर' के एक लेख के अनुसार, गरीबी, बेरोजगारी, जनसंख्या दबाव और असमानता मिलकर एक गंभीर संकट पैदा कर रहे हैं, जिसका असर बहुत दूर तक जाएगा. यहां 44.7 प्रतिशत लोग गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन करते हैं.

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हाल के वर्षों में पाकिस्तान की प्रति व्यक्ति आय स्थिर हो गई है और कभी-कभी कम भी हुई है, जो बढ़ती आर्थिक समस्याओं को दिखाती है. पाकिस्तान सांख्यिकी ब्यूरो के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2022-2023 में देश की प्रति व्यक्ति आय में 11.38 प्रतिशत की गिरावट आई. यह 2022 में 1,766 डॉलर से घटकर 2023 में 1,568 डॉलर रह गई. इस दौरान पूरी अर्थव्यवस्था भी सिकुड़ी, जो 33.4 अरब डॉलर घटकर 375 अरब डॉलर से 341.6 अरब डॉलर हो गई.

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