यह ख़बर 03 नवंबर, 2012 को प्रकाशित हुई थी

सिर्फ सचिन से नहीं बनेगी बात, सलामी जोड़ी को लेकर बड़ा सवाल बरकरार

खास बातें

  • रणजी के मैच में रेलवे के खिलाफ सचिन तेंदुलकर ताबड़तोड़ बल्लेबाज़ी करते नज़र आए, जिससे उनके आलोचक खामोश दिख रहे हैं। वहीं सहवाग और गंभीर के फॉर्म को लेकर चिंताएं बरकरार हैं।
नई दिल्ली:

रणजी सीज़न का पहला दिन भारतीय क्रिकेट के लिए सौगात लेकर आया, क्योंकि पहले ही दिन सचिन तेंदुलकर ने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में अपना 79वां शतक सिर्फ 103 गेंदों में पूरा किया और 100 से ज्यादा के स्ट्राइक रेट से उन्होंने 136 गेंदों पर 137 रन ठोक डाले।

रेलवे के खिलाफ सचिन ताबड़तोड़ बल्लेबाज़ी करते नज़र आए, जिससे उनके आलोचक खामोश दिख रहे हैं। सचिन ने यह पारी काफी संभलकर संवारी। गेंदबाज़ों को बखूबी परखते रहे और पहली बाउंड्री 31 गेंद बाद लगाई। बाउंड्री के साथ ही उन्होंने अर्द्धशतक का सफ़र तय किया और फिर आक्रामक अंदाज़ में 50 से सैकड़े पर पहुंचे।

रणजी के इसी मैच में अजिंक्य रहाणे का शतक एक और बोनस साबित हुआ। पहले दिन रणजी में पांच बल्लेबाज़ों ने शतकीय पारियां खेलीं। सचिन तेंदुलकर और रहाणे ने मुंबई के लिए शतक ठोके, जबकि इरफ़ान पठान और आदित्य वाघमोड़े ने बड़ौदा के लिए और पार्थिव पटेल ने गुजरात के लिए।

फर्स्ट क्लास क्रिकेट में पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर के 81 शतक हैं और सचिन उनसे दो शतक पीछे हैं। गावस्कर ने सचिन की पारी पर खुशी ज़ाहिर की और कहा कि सचिन से बेहतर उनके रिकॉर्ड को भला कौन तोड़ सकता है। गावस्कर ने यह भी कहा सचिन को कुछ भी साबित करने की ज़रूरत नहीं।

लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या सचिन को पिछले कुछ समय से जिन मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है, उन्होंने उसका हल ढूंढ लिया है? क्या इंग्लैंड की बेहतर गेंदबाज़ी के सामने भी सचिन के बल्ले में ऐसी ही धार दिखेगी? 23 साल से दुनियाभर की पिच पर राज करने वाले सचिन को कुछ भी साबित करने की ज़रूरत नहीं। उनके फ़ैन्स भी उनके लिए कुछ ऐसी ही दुआएं मांग रहे होंगे, लेकिन टीम इंडिया के लिए ओपनर्स को लेकर बड़ा सवाल बरक़रार है।

गाज़ियाबाद के नेहरू स्टेडियम में मुंबई से ज्यादा फ़ैन्स पहुंचे। ये सभी फ़ैन्स दिल्ली की सलामी जोड़ी से बड़ी उम्मीद लगाकर पहुंचे, लेकिन उन्हें टीम इंडिया के ओपनर्स ने मायूस होने पर मजबूर कर दिया। उत्तर प्रदेश के ख़िलाफ़ वीरेन्दर सहवाग टीम इंडिया के अपने साथी प्रवीण कुमार का शिकार बन गए।

आउट होने से पहले सहवाग को जीवन दान भी मिला था, लेकिन वह इसका फ़ायदा नहीं उठा सके। सहवाग ने 25 रन बनाए और पच्चीसों सवाल छोड़ गए। सहवाग के ओपनिंग पार्टनर गौतम गंभीर भी इंग्लैंड के ख़िलाफ़ सीरीज़ से पहले लय में नहीं लौट सके। उनके बल्ले से सिर्फ 32 रन निकले।

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गावस्कर ने फिर भी इंग्लैंड के ख़िलाफ़ इसी जोड़ी को मौका दिए जाने की बात कही है, लेकिन ओपनर्स को लेकर सवाल ख़त्म नहीं होते। रणजी 2012−13 का फर्स्ट डे, फर्स्ट शो सुपरहिट होता, अगर गंभीर-सहवाग की जोड़ी भी हिट हो पाती।