- मोहम्मद सिराज ने इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में 23 विकेट लेकर प्लेयर ऑफ द सीरीज का खिताब जीता था
- ओवल टेस्ट के अंतिम दिन सिराज ने तीन महत्वपूर्ण विकेट लेकर भारत की मैच में जीत सुनिश्चित की थी
- सिराज ने बताया कि ओवल टेस्ट मैच उनके लिए ईश्वर द्वारा लिखी गई एक खास पटकथा की तरह था
Mohammed Siraj: इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में मोहम्मद सिराज ने कमाल की गेंदबाजी की और 23 विकेट लेने में सफल रहे थे. भारत के लिए सिराज हीरो बनकर उभरे थे. इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट मैचों की सीरीज में सिराज 23 विकेट लेकर प्लेयर ऑफ द सीरीज बने थे. इस सीरीज के आखिरी टेस्ट मैच में जो ओवल में खेला गया था. उस टेस्ट मैच के आखिरी दिन सिराज ने तीन विकेट लेकर भारत को टेस्ट मैच जिताया था और टेस्ट सीरीज को ड्रा कराने में अहम भूमिका निभाई थी. ओवल टेस्ट मैच मे ंआखिरी दिन इंग्लैंड को जीत के लिए 35 रन चाहिए थे और 4 विकेट बचे हुए थे. सिराज ने इंडियन एक्सप्रेस के साथ बातचीत में ओवल टेस्ट मैच को लेकर बात की और बताया कि मेरे लिए भगवान ने पूरी पटकथा तैयार कर रखी थी.
मोहम्मद सिराज ने इंटरव्यू में ओवल टेस्ट मैच को लेकर कहा, "यह मेरे लिए कहीं ऊपर से लिखी गई एक पटकथा थी. लॉर्ड्स में बोल्ड होने से (वह टेस्ट जिसमें भारत हार गया था), फिर ओवल पहुंचने तक. फिर मैंने एक कैच हैरी ब्रुक का लिया और मेरे पैर बाउंड्री को छू गई. सब कुछ मेरे लिए लिखा हुआ था, यह ईश्वर की ओर से मेरे लिए एक स्क्रिप्ट लिखी हुई थी. जब मैं उस आखिरी सुबह उठा, तो उन्हें 35 रनों की ज़रूरत थी".
सिराज ने आगे कहा, "मैंने खुद से कहा कि यह खेल एक घंटे से ज़्यादा नहीं चलेगा और मैं यह मैच जीतऊंगा. मैच सुबह 11 बजे शुरू होना था और टीम बस सुबह 9 बजे तक निकल जाएगी. मैं सुबह 6 बजे उठा. मैंने खुद से पूछा, 'मैं आज इतनी जल्दी क्यों उठ गया?' मैं अचानक उठा था. उसके बाद, मैंने लिखा, 'मैं यह कर सकता हूं, मैच जीता सकता हूं'. जब गेंद मेरे हाथ से निकली, तो मैंने वैसा ही किया जैसा मैं सोच रहा था. यह एक अच्छा संकेत है. ईश्वर ने लिखा था, 'जा हीरो बन जा तू, हीरो बन जा'
जल्द तीनों फॉर्मेट खेलूंगा
इंटरव्यू में सिराज ने एशिया कप और चैंपियंस ट्रॉफी में न चुने जाने को लेकर भी बात की और कहा, "मुझे पूरा यकीन है कि मौका मिलने पर मैं तीनों फॉर्मेट में अच्छा प्रदर्शन करूंगा. हमने दुबई में चैंपियंस ट्रॉफी खेली थी, वहां बहुत गर्मी थी और हमें ज़्यादा स्पिनरों की ज़रूरत थी, इसलिए मुझे नहीं चुना गया. रोहित भाई ने मुझसे कहा था कि ज़्यादातर गेंदबाज़ी स्पिनर ही करेंगे और वह नहीं चाहते थे कि मैं वहां जाकर बेंच पर बैठूं. उन्होंने मुझे परिवार के साथ समय बिताने, अभ्यास करने और अपनी फिटनेस पर काम करने के लिए कहा था.