- तेज गेंदबाज औकिब नबी रणजी ट्रॉफी में स्विंग गेंदबाजी के दम पर लगातार प्रभावशाली प्रदर्शन कर रहे हैं
- औकिब नबी ने दिल्ली के खिलाफ मैच में पहली पारी में 35 रन देकर पांच विकेट और दूसरी पारी में एक विकेट लिए थे
- पिछले सीजन में नबी ने 44 विकेट लिए थे और दलीप ट्रॉफी में हैट्रिक सहित पांच विकेट लेकर प्रभावित किया था
Auqib Nabi swing specialist from Jammu and Kashmir : जम्मू और कश्मीर के तेज गेंदबाज औकिब नबी भारतीय घरेलू क्रिकेट में चुपचाप अपनी पहचान बना रहे हैं. 27 साल का यह तेज़ गेंदबाज़ गेंद को दोनों तरफ़ स्विंग कराने की क्षमता की बदौलत रणजी ट्रॉफी में लगातार अच्छा प्रदर्शन करने वाले गेंदबाज़ों में से एक बन गए हैं औकिब नबी ने रणजी ट्रॉफी में दिल्ली के खिलाफ शानदार प्रदर्शन किया और अपनी टीम को जीत दिलाई. नबीं ने सपाट और धीमी दिख रही पिच पर गेंदबाज़ी करते हुए पहली पारी में 35 रन देकर 5 विकेट लिए तो वहीं, दूसरी पारी में एक विकेट लेने में सफल रहे. अपनी गेंदबाजी में नबी ने अनुज रावत और ऋतिक शौकीन जैसे अहम बल्लेबाजों के विकेट लिए, और नबी ने हवा में अपने विशिष्ट नियंत्रण और गतिशीलता का प्रदर्शन कर भविष्य के लिए उम्मीद जगा दी है.
सबसे ख़ास बात यह थी कि औकिब नबी आउटस्विंग और इनस्विंग गेंदों के बीच सहजता से बदलाव करते हैं जिससे बल्लेबाज उन्हें भांपने में असफल रहता है. बता दें कि पिछले सीज़न में उन्होंने 44 विकेट लिए और जम्मू-कश्मीर को क्वार्टर फ़ाइनल तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई थी. उनके शानदार प्रदर्शन की बदौलत उन्हें दलीप ट्रॉफी के लिए नॉर्थ ज़ोन टीम में शामिल किया गया, जहा उन्होंने ईस्ट ज़ोन के खिलाफ हैट्रिक और 5 विकेट लेकर अपनी छाप छोड़ी थी.
इस सीज़न में अब तक, उन्होंने सिर्फ़ चार मैचों में 25 विकेट लिए हैं. पिछले साल की शुरुआत से, नबी ने रणजी ट्रॉफी में 75 विकेट लिए हैं, जो इस दौरान टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले तेज गेंदबाज हैं. लेकिन इस रिकॉर्ड के बावजूद, औकिब नबी अभी तक इंडिया 'ए' टीम में जगह नहीं बना पाए हैं और न ही आईपीएल में अनुबंध हासिल कर पाए हैं लेकिन जिस तरह से उनकी गेंदबाजी की चर्चा हो रही है, उसे देखकर उम्मीद है कि औकिब नबी को जल्द ही इंडिया 'ए टीम में और आईपीएल में खेलने का मौका मिलेगा.
नबी की गति लगभग 125-135 किमी प्रति घंटा है, जो भले ही तेज़ न हो, लेकिन वह अपनी स्विंग, सटीकता से इसकी भरपाई कर देते हैं. बारामूला में जन्मे औकीब नबी इस बात का एक बेहतरीन उदाहरण हैं कि कड़ी मेहनत और धैर्य कैसे रंग ला सकते हैं. अगर वह इसी तरह प्रदर्शन करते रहे, तो जल्द ही चयनकर्ताओं उन्हें बडे़ मौके दे सकते हैं.
96 साल में पहली बार दिल्ली को जम्मू-कश्मीर ने रणजी ट्रॉफी में हराया
सलामी बल्लेबाज कामरान इकबाल के शानदार शतक की बदौलत जम्मू-कश्मीर ने मंगलवार को यहां दिल्ली को सात विकेट से शिकस्त देकर इस प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ 65 साल में पहली जीत दर्ज की, दिल्ली क्रिकेट की गिरती साख का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि टीम तीन घरेलू मैचों में सिर्फ चार अंक हासिल कर सकी.
टीम कुल सात अंकों के साथ ग्रुप डी में आठ टीमों के बीच छठे स्थान पर है और उसे नॉकआउट के लिए क्वालीफाई के लिए चमत्कार की जरूरत होगी. सात बार की रणजी चैंपियन दिल्ली की टीम के इस तरह के पतन के कई कारण है जिसमें संदिग्ध चयन, खराब रणनीतियां, चतुर कप्तानी के अभाव के अलावा दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) में गुटबाजी और अंदरूनी कलह प्रमुख है.
दिल्ली और जम्मू-कश्मीर की टीमों ने 1960 से अब तक 43 बार एक दूसरे का आमना सामना किया है और इनमें से 37 मैचों में दिल्ली ने जीत दर्ज की है जबकि जम्मू कश्मीर की यह पहली जीत है. जीत के लिए 179 रन का पीछा कर रही जम्मू कश्मीर को मैच के आखिरी दिन 124 रन की जरूरत थी. सलामी बल्लेबाज इकबाल ने 147 गेंद में नाबाद 133 रन बनाकर जम्मू कश्मीर को आसान जीत दिला दी.














