विराट कोहली के बाद दिग्गज कपिल देव ने खिलाड़ियों के साथ परिवार के यात्रा करने पर दिया बड़ा बयान

Kapil Dev on Family Travel on Long Cricket Tours: बीसीसीआई ने 45 दिनों से अधिक के दौरे पर परिवार के साथ रहने की सीमा तय करने का नियम लागू किया है.

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Kapil Dev on Family Travel on Long Cricket Tours

Kapil Dev on Family Travel on Long Cricket Tours: पूर्व भारतीय कप्तान कपिल देव ने लंबे क्रिकेट दौरों पर खिलाड़ियों के परिवारों के साथ यात्रा करने पर चल रही बहस पर अपनी राय साझा करते हुए कहा कि परिवार की मौजूदगी महत्वपूर्ण है, लेकिन इससे टीम के फोकस पर असर नहीं पड़ना चाहिए. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज में भारत की 1-3 की हार के बाद परिवार के साथ यात्रा करने पर बहस तेज हो गई, जिसके बाद बीसीसीआई ने 45 दिनों से अधिक के दौरे पर परिवार के साथ रहने की सीमा तय करने का नियम लागू किया.

क्यों मचा है बवाल

नए नियम के अनुसार, 45 दिनों से अधिक चलने वाली सीरीज या टूर्नामेंट के लिए, परिवार के सदस्य 14 दिनों तक खिलाड़ियों के साथ रह सकते हैं, जबकि छोटे दौरों के लिए यह सीमा घटाकर सिर्फ सात दिन कर दी गई है.

कपिल ने मंगलवार को पीजीटीआई प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान संवाददाताओं से कहा, "मुझे नहीं पता यह क्रिकेट बोर्ड का फैसला है, मेरा कहना है कि हां, आपको परिवार की जरूरत है, लेकिन आपको हर समय टीम के साथ रहने की भी जरूरत है. हमारे समय में, हम खुद से कहते थे, क्रिकेट बोर्ड से नहीं, कि पहले हाफ में हमें क्रिकेट खेलने दें; दूसरे हाफ में परिवार को भी वहां आकर इसका आनंद लेना चाहिए. यह एक मिश्रण होना चाहिए."

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विराट ने भी लंबे दौरों पर परिवार के साथ होने पर दिया था बयान

इससे पहले, बेंगलुरु में आरसीबी के इनोवेशन लैब समिट में बोलते हुए, स्टार बल्लेबाज विराट ने लंबे दौरों पर खिलाड़ियों के साथ परिवार के होने के महत्व को समझाते हुए बताया कि कैसे उनकी मौजूदगी मैदान पर चुनौतीपूर्ण और तनावपूर्ण दिनों को संभालने में मदद करती है. लोगों को परिवार की भूमिका समझाना बहुत मुश्किल है. हर बार जब आपके पास कुछ ऐसा होता है जो तनावपूर्ण होता है, जो बाहर होता है, तो अपने परिवार के पास वापस आना कितना महत्वपूर्ण होता है. मुझे नहीं लगता कि लोगों को इस बात की समझ है कि इससे क्या मूल्य मिलता है,"

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कोहली ने कहा था. उन्होंने कहा कि प्रियजनों के साथ समय बिताने से उन्हें खेल के दबाव से अलग होने और कठिन मैचों के बाद खुद को अलग-थलग करने के बजाय मानसिक रूप से फिर से तैयार होने का मौका मिलता है. उन्होंने कहा, "मैं अपने कमरे में जाकर अकेले बैठकर उदास नहीं रहना चाहता. मैं सामान्य होना चाहता हूं. तब आप वास्तव में अपने खेल को एक जिम्मेदारी के रूप में देख सकते हैं."

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