- महिला क्रिकेटरों की विश्व कप जीत के बाद उनके ब्रांड मूल्य में पचास प्रतिशत से अधिक की वृद्धि होने की उम्मीद है
- स्मृति मंधाना, शैफाली वर्मा और जेमिमा रोड्रिग्स के विज्ञापन सौदे अब एक करोड़ रुपये से अधिक के हो गए हैं
- बैंकिंग, एफएमसीजी, खेल सामग्री, जीवनशैली और शिक्षा क्षेत्रों में महिला क्रिकेटरों को शामिल कर रहे हैं
How World Cup win turned women cricketers into the new brand icon: भारत को महिला वनडे विश्व कप में पहली बार जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाली खिलाड़ियों का इसके बाद ब्रांड मूल्य भी आसमान छूने लग गया है और उनके पास पैसा कमाने का यह सबसे अच्छा मौका है. स्मृति मंधाना, शैफाली वर्मा और जेमिमा रोड्रिग्स जैसी खिलाड़ियों के ब्रांड मूल्य में 50 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि होने की उम्मीद है, जो उन्हें संभालने वाली प्रबंधन फर्मों के अनुसार व्यक्तिगत रूप से एक करोड़ से अधिक के विज्ञापन सौदों में तब्दील हो जाएगा. इन खिलाड़ियों को अपने विज्ञापन का चेहरा बनाने के लिए कतार में लगे ब्रांडों में ऑटोमोबाइल कंपनियों से लेकर बैंक और एफएमसीजी तक शामिल हो सकते हैं. इसके अलावा खेल सामग्री, जीवनशैली, सौंदर्य और व्यक्तिगत देखभाल और शिक्षा निगमों के साथ भी सौदे होने की उम्मीद है.
मंधाना, ऋचा घोष और राधा यादव का प्रबंधन करने वाली बेसलाइन वेंचर्स के एमडी और सह-संस्थापक तुहिन मिश्रा तथा शेफाली और जेमिमा का प्रबंधन करने वाले जेएसडब्ल्यू स्पोर्ट्स के मुख्य वाणिज्यिक अधिकारी करण यादव दोनों पीटीआई के सवालों के जवाब में महिला क्रिकेटरों के भविष्य के बारे में उत्साहित थे.
यादव ने कहा, ‘‘हम उनके ब्रांड मूल्य में तेज उछाल देख रहे हैं। शीर्ष स्तर की किसी खिलाड़ी के विज्ञापन मूल्य में दो से तीन गुना तक बढ़ोतरी हो गई है। जेमिमा की कीमत 60 लाख रुपये से बढ़कर लगभग 1.5 करोड़ रुपये से अधिक हो गई है। शैफाली की कीमत 40 लाख रुपये से बढ़कर लगभग एक करोड़ रुपये से अधिक हो गई है.‘
मिश्रा ने कहा, ‘‘हमें शीर्ष खिलाड़ियों के लिए 25-55 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद है. विश्व कप में शानदार प्रदर्शन करने वाली खिलाड़ियों के लिए यह आंकड़ा और अधिक हो सकता है.''
उन्होंने कहा, ‘‘हमें यह भी उम्मीद है कि यह जीत वाणिज्यिक बाजार में महिला क्रिकेट को मजबूत करेगी, जहां ब्रांड अल्पकालिक अभियान के बजाय दीर्घकालिक साझेदारी पर ध्यान देते हैं.''
यादव ने कहा कि महिला क्रिकेट की बढ़ती लोकप्रियता और प्रशंसकों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी ने भी खिलाड़ियों के ब्रांड मूल्य में वृद्धि में योगदान दिया है.
उन्होंने बताया, ‘‘जेमिमा के फॉलोअर्स की संख्या दोगुनी 33 लाख हो गई है और शैफाली के फॉलोअर्स की संख्या में लगभग 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. बड़ा बदलाव यह है कि ब्रांड अब उन्हें केवल क्रिकेट सत्र तक सीमित चेहरे के रूप में नहीं देखते हैं और इससे खिलाड़ियों के ब्रांड मूल्य में वृद्धि हो रही है.''
मिश्रा ने कहा कि महिलाएं उन ब्रांडों का प्रचार करके एक और सफलता हासिल करने के लिए तैयार हैं, जिनका प्रचार पारंपरिक रूप से पुरुष खिलाड़ी करते रहे हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘हम भारत में महिला खिलाड़ियों के लिए खेल सामग्री, जीवनशैली, सौंदर्य और व्यक्तिगत देखभाल तथा शिक्षा जैसे विभिन्न उद्योगों में रुचि देख रहे हैं. उत्साहजनक बात यह है कि शीर्ष महिला क्रिकेटर अब उन क्षेत्रों में भी प्रवेश कर रही हैं जिन्हें पहले पुरुष-प्रधान माना जाता था.‘
मिश्रा ने कहा, ‘‘उदाहरण के लिए, स्मृति हुंडई, गल्फ ऑयल, एसबीआई बैंक, पीएनबी मेटलाइफ जैसे ब्रांडों से जुड़ी हैं, जो पारंपरिक रूप से पुरुष प्रधान क्षेत्र रहे हैं. इससे पता चलता है कि बाजार अब वास्तव में हमारी स्टार महिला खिलाड़ियों की ताकत को समझता है.''














