ICC चेयरमैन बनने के बाद जय शाह को छोड़ना होगा ये पद, इन शक्तिशाली बोर्ड से भी अध्यक्ष पद के लिए मिला समर्थन

ICC chairman: न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार, बीसीसीआई में एक शक्तिशाली पद पर होने के नाते, एक बार रिंग में उतरने के बाद शाह के चुनाव पर कभी संदेह नहीं था. यह समझा जाता है कि शक्तिशाली SENA क्रिकेट बोर्डों में से एक ने जय शाह का समर्थन किया था.

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बीसीसीआई सचिव जय शाह मंगलवार को निर्विरोध रुप से आईसीसी के चेयरमैन चुने गए हैं. जय शाह 1 दिसंबर को अगले आईसीसी चेयरमैन का पदभार संभालेंगे. बता दें, बीसीसीआई सचिव जय शाह वैश्विक क्रिकेट प्रशासन के शिखर पर पहुंचने वाले पांचवें भारतीय हैं. 35 वर्षीय शाह, जो 2019 से बीसीसीआई सचिव हैं, 62 वर्षीय मौजूदा ग्रेग बार्कले की जगह लेंगे. न्यूजीलैंड के ग्रेग बार्कले ने तीसरी बार चुनाव नहीं लड़ने का फैसला लिया था, जिसके बाद जय शाह का नाम चर्चा में था. वहीं आईसीसी चेयरमैन बनने के बाद जय शाह को नियमों के अनुसार, बीसीसीआई सचिव का पद छोड़ना होगा.साथ ही उन्हें ICC की सबसे शक्तिशाली उप-समिति पद से भी इस्तीफा देना होगा. उम्मीद है कि बीसीसीआई की अगली आम वार्षिक बैठक में जय शाह यह पद छोड़ देंगे. बता दें, जगमोहन डालमिया, शरद पवार, एन श्रीनिवासन और शशांक मनोहर के बाद यह हाई-प्रोफाइल पद संभालने वाले पांचवें भारतीय होंगे.

जय शाह एकमात्र ऐसे व्यक्ति थे, जिन्होंने चेयरमैन पद के आवेदन किया था, जिसका बाद उनका चयन आसान हो गया. आईसीसी की प्रेस रिलीज के अनुसार, जय शाह ने चेयरमैन बनने के बाद क्रिकेट की वैश्विक पहुंच और लोकप्रियता का विस्तार करने की अपनी प्रतिबद्धता पर जोर दिया.

न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार, बीसीसीआई में एक शक्तिशाली पद पर होने के नाते, एक बार रिंग में उतरने के बाद शाह के चुनाव पर कभी संदेह नहीं था, क्योंकि बीसीसीआई वैश्विक संस्था के राजस्व में 75 प्रतिशत से अधिक का योगदान देता है. रिपोर्ट की मानें तो यह समझा जाता है कि शक्तिशाली SENA क्रिकेट बोर्डों (दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया) में से एक शाह का प्रस्तावक था और इनमें से एक अन्य देश ने नामांकन का समर्थन किया और नामांकन के आखिरी दिन वह अकेले दावेदार रहे.

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आईसीसी संविधान के अनुसार, 17 वोट हैं, जिसमें 12 पूर्ण टेस्ट खेलने वाले देश, अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, दो सहयोगी सदस्य नामांकित और एक स्वतंत्र महिला निदेशक. इसके अलावा जब जय शाह 2022 में ICC की सबसे शक्तिशाली उप-समिति - वित्त और वाणिज्यिक मामलों (F&CA) का प्रमुख नियुक्त किया गया था, तभी से कयास लगाए जा रहे थे कि वो आईसीसी चेयरमैन बनेंगे. शाह के लिए इससे बेहतर समय नहीं हो सकता था, जिन्हें 2025 में 2028 तक तीन साल की अवधि के लिए अनिवार्य कूलिंग ऑफ पीरियड पर जाना पड़ता.

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बीसीसीआई का संविधान पदाधिकारियों को 18 साल की संचयी अवधि के लिए पद पर रहने की अनुमति देता है - नौ राष्ट्रीय बोर्ड में और नौ राज्य इकाइयों में. लेकिन एक बार में, कोई व्यक्ति केवल छह साल की अवधि के लिए पदाधिकारी रह सकता है जिसके बाद तीन साल की कूलिंग ऑफ अवधि आवश्यक है. अगर सब कुछ ठीक रहा तो शाह आईसीसी में दो कार्यकाल ले सकते हैं और 2028 में बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में बीसीसीआई में अपने शेष चार साल पूरे करने के लिए वापस आ सकते हैं.

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2009 में गुजरात राज्य में अपने क्रिकेट प्रशासन करियर की शुरुआत करने के बाद, शाह अक्टूबर 2019 से बीसीसीआई सचिव हैं. उन्हें 2022 में फिर से चुना गया और उनका कार्यकाल 2025 तक था. एक बार जब वह आईसीसी की कुर्सी संभाल लेंगे, तो वह उन्हें बीसीसीआई और आईसीसी की समिति में वित्त और वाणिज्यिक मामलों अपना पद छोड़ना होगा. शाह 2021 से 2024 तक एशियन क्रिकेट काउंसिल के अध्यक्ष भी रहे.

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