Ishan Kishan: यह तो आखिर होना ही था, लेकिन जब एक दिन पहले पूर्व ऑलराउंडर इरफान पठान ने इशान किशन (Ishan Kishan) को लेकर सवाल किया, तो पूरी तरह साफ हो गया था कि BCCI तक गूंज पहुंचेगी ही पहुंचेगी, लेकिन असर इतनी तेजी से होगा कि इसकी उम्मीद नहीं थी. दरअसल इशान किशन पिछले दिनों दक्षिण अफ्रीका दौरे से मानसिक थकान (?) की बात कहकर बीच दौरे से स्वदेश वापस लौटे, तो इस बात को लेकर चर्चा हो ही रही थी कि वह केबीसी में क्यों गए, दुबई में पार्टी क्यों कर रहे हैं. लेकिन इसमें तड़का तब लगना शुरू हुआ, जब राहुल द्रविड़ ने यह कहा कि अगर इशान को टीम में वापस लौटना है, तो इस समय उपलब्ध 'मंच' पर रन बनाने होंगे. और यह मंच रणजी ट्रॉफी ही था.
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लेकिन द्रविड़ के साफ इशारा देने के बावजूद भी इशान ने खुद को झारखंड के लिए उपलब्ध नहीं कराया. इस तड़के ने तब आग का रूप ले लिया जब खबरें ऐसी आईं कि इशान बड़ोदा में पठान बंधुओं के साथ ट्रेनिंग कर रहे हैं, लेकिन रणजी ट्रॉफी मैच नहीं खेल रहे हैं. पठान ने साफ-साफ पूछ लिया था कि आखिर यह कैसा अनफिट होना?
और अब बीसीसीआई भी कुछ खिलाड़ियों को लेकर इस बात से नाखुश है कि वे रणजी ट्रॉफी में खेलने के इच्छुक नहीं हैं. अब जबकि पुजारा और रहाणे जैसे बल्लेबाज द्रविड़ के पॉलिसी साफ करने के बाजूद वापसी में जी-जान से जुटे हैं, परफॉर्म कर रहे हैं, वहीं कुछ स्टार खिलाड़ी रणजी ट्रॉफी न खेलकर खुद को आईपीएल के लिए तैयार कर रहे हैं. और BCCI इन खिलाड़ियों के अभी से ही 'आईपीएल मनोदशा' में आने से बिल्कुल भी खुश नहीं है. कुछ खिलाड़ी फिट होने के बावजूद भी रणजी ट्रॉपी में नहीं खेल रहे हैं.
इसी बात से BCCI खुश नहीं है और खबरें ऐसी आ रही हैं कि बोर्ड ने इन खिलाड़ियों से बात करने का फैसला किया है. अग्रणी अखबार की रिपोर्ट के अनुसार बोर्ड खिलाड़ियों से कहने जा रहा है कि अगर वे फिट हैं, तो वे राज्य टीमों के लिए खेलें. और जो फिट नहीं हैं, उन्हें सीधे पुनर्वास कार्यक्रम के लिए राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी में जाना होगा.
सूत्रों के अनुसार अगले कुछ दिनों के भीतर सभी फिट खिलाड़ियों को अपने-अपने राज्य के लिए खेलने का आधिकारिक निर्देश जारी कर दिया जाएगा . अगर ये राष्ट्रीय ड्यूटी पर नहीं हैं, तो इन्हें राज्य टीम को सेवा देनी ही होगी. सिर्फ अनफिट खिलाड़ियों को ही रियायत मिलेगी. और इन्हें भी एनसीए जाकर वहां से फिटनेस प्रमाण-पत्र लेना होगा. बोर्ड इस बात से बिल्कुल भी खुस नहीं है कि खिलाड़ी अभी जनवरी से से ही 'आईपीएल मनोदशा' में आ गए हैं.