स्ट्राइक रोटेट ना करने पर ईशान किशन की हुई आलोचना, तो बल्लेबाज़ ने दिया करारा जवाब

दूसरे वनडे के बाद, ईशान किशन ने मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया जहां उन्होंने जीत और अपनी मानसिकता के बारे में बात की.

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Ishan Kishan
नई दिल्ली:

शिखर धवन की अगुवाई वाली टीम इंडिया ने रांची के जेएससीए इंटरनेशनल स्टेडियम कॉम्प्लेक्स में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ चल रही तीन मैचों की एकदिवसीय श्रृंखला में 279 रनों का पीछा किया. श्रेयस अय्यर और ईशान किशन ने क्रमश: 113* और 93 रन की पारी खेली जिससे भारत ने 25 गेंद रहते सात विकेट से आसान जीत दर्ज की. श्रेयस और किशन ने मिलकर चौथे विकेट के लिए 161 रनों की साझेदारी की और इस साझेदारी ने भारत की जीत तय कर दी. अंत में श्रेयस (113*) और संजू सैमसन (30*) मेजबान टीम के लिए नाबाद रहते हुए जीत दिलवा दी. दूसरे वनडे के बाद, ईशान किशन ने मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया जहां उन्होंने जीत और अपनी मानसिकता के बारे में बात की.

उन्होंने कहा कि "हम हमेशा सीखने की कोशिश करते हैं,  जिस दिन हम अच्छा खेलते हैं, हम अपनी गलतियों का विश्लेषण करते हैं और उन पर वर्क करते हैं. हम कैसे बेहतर हो सकते हैं. मैं अपना शतक चूक गया, लेकिन 93 रन टीम के काम आए.  जब आप शतक से चूकते हैं तो आपको बुरा लगता है, लेकिन अगली बार जब मैं ऐसी ही स्थिति में होता हूं, तो मैं कोशिश नहीं करूंगा सौ से ना चूकूं,".

"जब स्ट्राइक रोटेट करने की बात आती है, तो कुछ खिलाड़ियों में स्ट्राइक रोटेट करने की ताकत होती है. कुछ खिलाड़ियों में बड़े शॉट मारने की ताकत होती है. मेरे जैसे बहुत से लोग छक्के नहीं मार सकते, मैं इसे आसानी से कर सकता हूं. छक्के मारना मेरी ताकत है, जब मैं बड़े शॉट्स के जरिए अपना काम करने के बारे में जा सकता हूं, मैं तब स्ट्राइक रोटेट करने के बारे में नहीं सोचता. लेकिन हां कई बार ऐसा होगा जब मुझे स्ट्राइक रोटेट करने की ज़रूरत होगी, इसलिए उसके लिए प्रेक्टिस भी ज़रूरी है. लेकिन अगर कोई गेंद ऐसी है, जिस पर मैं छक्का मार सकता हूं, इसलिए मुझे खुद को स्ट्राइक रोटेट करने के लिए मजबूर नहीं करना चाहिए."

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