- ईशान किशन ने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी 2025 के फाइनल में 101 रन बनाकर टीम को पहली बार खिताब दिलाया
- उन्होंने 49 गेंदों में 6 चौके और 10 छक्के लगाकर फाइनल में शतक लगाने वाले पहले कप्तान बनने का रिकॉर्ड बनाया
- ईशान किशन ने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में पांचवीं बार शतक लगाने वाले खिलाड़ी अभिषेक शर्मा के बराबरी की
Ishan Kishan record: कहते हैं हर किसी को दूसरा मौका मिलना चाहिए, लेकिन दूसरा मौका मिलना इस बात पर निर्भर करता है कि आप उसकी कितनी परवाह करते हैं, इसका ताजा उदाहरण क्रिकेट में करुण नायर रहे हैं, जिन्होंने टेस्ट में तिहरा शतक लगाया था लेकिन इसके बाद उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया लेकिन क्रिकेट ने उन्हें दूसरे मौका दिया और इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में खेले. इसके बाद अब क्रिकेट में दूसरा उदाहरण ईशान किशन पेश कर रहे हैं. लंबे समय से भारतीय टीम से बाहर चल रहे ईशान किशन ने बल्ले से बड़ा संदेश दे दिया है. सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी 2025 के फाइनल में उन्होंने हरियाणा के खिलाफ विस्फोटक बनाया और अपनी टीम पहली बार सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी 2025 का खिताब दिलाया.
ऐसा करने वाले पहले कप्तान
सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी 2025 के फाइनल में ईशान किशन ने धमाकेदार अंदाज में बल्लेबाजी की और 101 रन की पारी खेली और अपनी टीम को जीत गिलाई. ईशान ने केवल 49 गेंद पर 101 रन बनाए जिसमें 6 चौके और 10 छक्के शामिल रहे. ईशान सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के फाइनल में शतक लगाने वाले पहले कप्तान हैं. इससे पहले किसी भी कप्तान ने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के फाइनल में शतक नहीं लगाया है.
SMAT फ़ाइनल में बतौर कप्तान सबसे बड़ी पारी
- 101 - ईशान किशन (2025)
- 81* - रजत परिदार (2024)
- 60* - मनीष पांडे (2019)
- 47* - सुरेश रैना (2016)
- 45 - क्रुणाल पंड्या (2023)
फाइनल में शानदार शतक लगाने के बाद ईशान किशन ने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में सबसे ज्यादा शतक लगाने के मामले में अभिषेक शर्मा की बराबरी करने में सफल हो गए हैं. अभिषेक ने 54 पारियों में 5 शतक लगाए हैं तो वहीं, अब ईशान ने यह कारनामा 62 पारियों में पूरा किया है.
टीम इंडिया से बाहर किए जाने पर ईशान किशन ने तोड़ी चुप्पी
झारखंड को टूर्नामेंट जिताने के बाद, किशन ने आखिरकार दो साल से ज़्यादा समय तक सीनियर इंडिया टीम से बाहर रहने पर अपनी चुप्पी तोड़ी. विकेटकीपर-बल्लेबाज को तत्कालीन हेड कोच राहुल द्रविड़ और सेलेक्शन कमेटी के चेयरमैन अजीत अगरकर ने अनुशासनहीनता के आधार पर टीम से बाहर कर दिया था, और उन्होंने कहा कि वह दौर उनके लिए सच में बहुत मुश्किल था.
ईशान ने कहा, “जब मेरा इंडियन टीम में सिलेक्शन नहीं हुआ, तो मुझे बहुत बुरा लगा क्योंकि मैं अच्छा प्रदर्शन कर रहा था, लेकिन मैंने खुद से कहा कि अगर इस तरह के प्रदर्शन के बाद भी मेरा सिलेक्शन नहीं हो रहा है, तो शायद मुझे और ज़्यादा मेहनत करनी होगी. शायद मुझे अपनी टीम को जिताना होगा। शायद हमें एक यूनिट के तौर पर अच्छा प्रदर्शन करना होगा.”
खुद पर विश्वास रखना होगा
उन्होंने आगे कहा, "यह ज़रूरी है कि आप निराशा को खुद पर हावी न होने दें, यह मेरा सभी युवाओं के लिए संदेश है, निराशा आपको एक कदम पीछे ले जाएगी, लेकिन साथ ही, आपको बहुत ज़्यादा कड़ी मेहनत करनी होगी और खुद पर विश्वास रखना होगा और बस उसी पर ध्यान देना होगा जो आप हासिल करना चाहते हैं. " किशन ने आगे कहा, "मुझे पता है कि आप कई बार अपने मौकों को लेकर बहुत सोचते हैं, और जब आप अपना नाम नहीं देखते, तो आपको बस बुरा लगता है, इसलिए, मैं अब उस ज़ोन में नहीं हूं. मुझे किसी चीज़ की उम्मीद नहीं है, लेकिन मेरा काम बस परफॉर्म करते रहना है".














