इंडियन प्रीमियर लीग (IPL 2025) में लीग चरण मंगलवार को समाप्त हो रहा है. और मेगा इवेंट में शीर्ष दो टीम बनने की रेस बहुत जबर्दस्त हो गई है. वजह यह है कि रविवार को चेन्नई ने गुजरात को 83 रन से मात देने के साथ ही उसके टॉप पायदान पर बने रहने की रेस पर जबर्दस्त प्रहार किया है. यह गुजरात की लगातार दूसरी हार थी. और इस हार के साथ ही अब गुजरात की नंबर एक पायदान छिननी तय है. नंबर एक के लिए पंजाब, रॉयल चैलेंजर्स और बहुत ही दूर के पहलू से मुंबई के लिए भी रास्ता खुल गया है. हर टीम शीर्ष 2 टीमों में शामिल होने चाहती है. वजह यह है कि टॉप-2 टीमों में आने के अपने ही फायदे हैं.चलिए आप मिलने वाले 4 फायदों के बारे में जान लीजिए:
1. क्वालीफायर-1 का फायदा
प्वाइंट्स टेबल में शीर्ष दो पायदान पर रहने वाली दोनों ही टीमें सीधे क्वालीफायर-1 के लिए क्वालीफाई कर जाती हैं. यह सीधा मौका तीसरे और चौथे नंबर की टीम पास नहीं ही होता.
2. दूसरा मौका
शीर्ष दो पायदान में रहने वाली टीम के पास क्वालीफायर-1 में हारने की सूरत में भी एक और मौका रहता है, जो विकल्प प्लेऑफ राउंड में नंबर तीन और चार के पास नहीं ही होता. यही वजह है कि हर कोई टॉप-2 में जगह बनाना चाहता है. क्वालीफायर-1 में हारने वाली टीम के पास क्वालीफायर-2 में इलिमिनेटर के विजेता से भिड़ने का एक और मौका मिलता है.
3. मनोवैज्ञानिक लाभ
शीर्ष दो पायदान पर रहने वाली टीमों को मनोवैज्ञानिक लाभ मिलता है क्योंकि उन्हें पता होता है कि जीतने की सूरत में उन्हें सीधे फाइनल का टिकट मिलेगा. यह लाभ तीसरे और चौथे नंबर की टीम के पास नहीं ही होता. इलिमिनेटर में जीत दर्ज करने वाली टीम को फाइनल के टिकट के लिए एक और मैच खेलना पड़ता है
4. घरेलू फायदा
कुछ मामलों में शीर्ष टीमों को अपने घरेलू मैदान पर क्वालीफायर-1 की मेजबानी का मौका मिलता है. इससे टीम को घरेलू फायदा मिलता है. इसमें पिच, मैदान और घरेलू दर्शकों से मिलने वाला जोरदार समर्थन भी शामिल हैं और ये बातें मैच पर खासा असर डालती हैं.