IPL 2025: 'मैंने कभी भी ऐसी चेन्नई टीम नहीं देखी', रैना ने प्रबंधन की रणनीति पर उठाया बड़ा सवाल

Chennai Super kings: रैना ही नहीं, हरभजन सिंह ने भी चेन्नई के स्काउट टैलेंट डिपार्टमेंट पर सवाल खड़ा कर दिया है

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नयी दिल्ली:

इंडियन प्रीमियर लीग (IPL 2025) में चेन्नई सुपर किंग्स के प्रदर्शन से हर कोई हैरान है. न ही इसके खिलाड़ियों में पहले जैसा जोश दिख रहा है तो न ही रणनीति. अब तो बात यहां तक पहुंच गई है कि मिस्टर आईपीएल कहे जाने वाले सुरेश रैना (Suresh Raina) ने यहां तक कह दिया है कि सीएसके प्रबंधन ने पिछले साल हुई नीलामी में बड़ी गलती की. मुंबई के साथ हुए मैच में कमेंट्री बॉक्स से रैना ने कहा कि उन्होंने कभी भी सुपर किंग्स को इस तरह संघर्ष करते नहीं देखा. चेन्नई की टीम आठ में से छह मैच गंवाकर प्वाइंट्स टेबल में सबसे फिसड्डी है. और प्रदर्शन को देखते हुए लगता नहीं कि यह टीम प्ले-ऑफ के लिए क्वालीफाई कर भी पाएगी. 

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साल 2008 से लेकर 2021 तक चेन्नई के लिए 12 सीजन खेलने वाले रैना ने कहा कि इस साल के खराब प्रदर्शन के लिए प्रबंधन की नीलामी में खराब रणनीति जिम्मेदार रही. उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि कोच और प्रबंधन के लिहाज से इस साल की नीलामी ठीक नहीं रही. यहां नीलामी में कई प्रतिभाशाली खिलाड़ी थे. इसमें प्रशांत आर्य थे, तो श्रेयस अय्यर, ऋषभ पंत और केएल राहुल भी थे.' उन्होंने कहा, 'जब आप बाकी दूसरी टीमों को खेलते देखते हैं, तो वे सुपर किंग्स के सामने बहुत ही ज्यादा आक्रामक हैं. मैंने कभी भी चेन्नई को इस तरह संघर्ष करते नहीं देखा.' 

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वहीं, रैना के बगल में ही बैठे और चेन्नई के लिए खेल चुके हरभजन सिंह ने कहा, 'युवाओं में मुझे कोई भी ऐसा खिलाड़ी नहीं दिखता, जो मैच बदलने वाली पारी खेल सकता है. जो भी चेन्नई के लिए टैलेंट स्काउट डिपार्टमेंट संभालते हैं, उनसे सवाल पूछा जाना चाहिए कि क्या उन्होंने प्रबंधन को सही सूचना दी. इसमें दो राय नहीं कि रणनीति के नजरिए से सीएसके दिवालिया दिख रहा है और ऐसा लगता है कि उसने अपनी सारी ऊर्जा धोनी के कद और पूर्व कप्तान के इर्द-गिर्द समेट दी है.

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पैसा पूरा खर्च हुआ, लेकिन मैच विनर्स गायब?

पिछले साल हुई मेगा नीलामी में सभी टीमों को गवर्निंग काउंसिल की तरफ से खिलाड़ियों की खरीद-फरोख्त के लिए 120 करोड़ रुपये का पर्स मिला था. और अब वर्तमान में 25 खिलाड़ियों खर्च करने के बाद उसके खाते में पांच लाख रुपये बचे हैं. मतलब पैसा तो सुपर किंग्स ने जमकर खर्च किया, लेकिन इसके  बावजूद वह स्तरीय टीम खड़ी नहीं कर सके. अश्विन जैसे खिलाड़ी पर करीब दस करोड़ रुपये खर्च किए गए, जो आखिरी दौर में हैं. अब यही लग रहा है कि चेन्नई प्रबंधन के लिए सटीक रणनीति से ऊपर धोनी केंद्र में हो गए!  जाहिर है कि अगर रैना और भज्जी जैसे खिलाड़ी नीलामी को लेकर सवाल उठा रहे हैं, तो एकदम सही उठा रहे हैं.

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