IPL 2022: बीसीसीआई आईपीएल के नए फ्रेंचाइजी सीवीसी कैपिटल को लेकर यह बड़ा फैसला लेने को तैयार

IPL 2022: बीसीसीआई के फैसले से हो सकता है कि खिलाड़ियों को रिटेन करने की तारीख नवंबर 30 से बढ़कर और आगे चली जाए.

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आईपीएल की प्रतीकात्मक तस्वीर
नयी दिल्ली:

IND vs NZ 1st Test: जब से अगले साल होने वाली इंडियन प्रीमियर लीग (IPL 2022) से नया फ्रेंचाइजी  सीवीसी कैपिटल जुड़ा है, तब से यह खरीददार विवादों के घेरे में है. ध्यान दिला दें कि पिछले दिनों आईपीएल से दो नयी टीमों को जोड़ा गया था. जहां लखनऊ फ्रेंचाइजी को संजीव गोएनका समर्थित ग्रुप आपीएसजी वेंचर्स लि. ने 7090 करोड़ रुपये में खरीदा था, तो अहमदाबाद की फ्रेंचाइजी सीवीसी कैपिटल पार्टनर्स ने 5625 करोड़ रुपये में हासिल की थी, लेकिन चंद दिनों बाद ही मीडिया में कैपिटल लेकर निगेटिव खबरें आनी शुरू हो गयी थीं और जोर-शोर से सवाल उठने लगे थे. अगले साल के संस्करण में आठ की जगह दस टीमें हिस्सा लेंगी. 

मीडिया में इस तरह की खबरें तब प्रकाशित हुयी थीं कि कैपिटल पार्टनर्स का संबंध लंदन में बेटिंग कंपनी चलाने वाले समूह से पेशेवर रिश्ता है. ये खबरें आने के बाद बीसीसीआई की प्रक्रिया पर भी सवाल खड़े हो गए थे और तब से ही अलग-अलग खबरें आ रही थीं. खबर यह भी थी कि अगले साल बीसीसीआई दस की जगह नौ टीमें करने जा रहा है. बहरहाल अब एक अग्रणी अखबार में छपी रिपोर्ट के अनुसार अब बीसीसीआई इस मामले में पूरी तरह से पारदर्शिता बरतना चाहता है. इसी के तहत बीसीसीआई अब सीवीसी कैपिटल पार्टनर्स के विदेशी बेटिंग कंपनियों के साथ रिश्तों की जांच के लिए तटस्थ पेनल की नियुक्ति करने जा रहा है. इस पैनल की संरचना अभी पूरी तरह से साफ नहीं है, लेकिन इस पैनल में सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के पूर्व जजों को शामिल किया जा सकता है. 

सूत्रों के अनुसार बीसीसीआई इस मामले में कोई जोखिम नहीं लेना चाहता. चार दिसंबर को होने वाली बीसीसीआई की एजीएम से पहले गवर्निंग काउंसिल की बैठक होगी, जिसमें तटस्थ पैनल की नियुक्ति का फैसला हो सकता है और पैनल का फैसला ही  कैपिटल पार्टनर्स का आईपीएल में भविष्य तय करेगा. इस विषय पर ध्यान आईपीएल के पूर्व कमिश्नर ललित मोदी ने दिलाया था. मोदी ने सीवीसी कैपिटल्स पार्टनर्स को फ्रेंचाइजी अधिकार देने पर सवाल खड़े किए थे. तभी से बीसीसीआई ने इस मामले पर चुप्पी साधी हुयी है. 

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बता दें कि सीवीसी कैपिटल पार्टनर्स की वेबसाइट में स्पोर्ट्स बेटिंग और ऑनलाइन गेमिंग कंपनी टिपिको भी शामिल है. यह कंपनी जर्मनी और सिसाल में बेटिंग, गेमिंग और पेमेंट कंपनी के लिए काम करती है. अब जबकि भारत में बेटिंग पर बैन हो, तो इसी वजह से मामले ने तूल पकड़ लिया. लेकिन सवाल यह है कि आखिरकार बीसीसीआई से इतनी बड़ी गलती कैसे हो हो गयी. बहरहाल, अगले साल के संस्करण में दस टीमें होने पर तलवार लटकी है. यह भी हो सकता है कि टीमों की संख्या दस से नौ हो जाए. 
 

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