भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने रविवार को दूसरे वनडे में श्रीलंका के खिलाफ 32 रन की हार को दुखद बताते हुए कहा कि मध्य ओवरों में बल्लेबाजों के खेलने के तरीके पर चर्चा होगी. भारतीय टीम 241 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए लेग स्पिनर जेफ्री वांडरसे के छह झटकों से 208 रन पर सिमट गई जिससे एक बार फिर स्पिन के खिलाफ उनकी कमजोरी उजागर हुई.
रोहित ने मैच के बाद कहा,"जब आप कोई मैच हारते हैं तो दुख होता है. यह सिर्फ उन 10 ओवरों के बारे में नहीं है जिसमें भारत ने 50 रन पर छह विकेट खो दिए थे. आपको लगातार क्रिकेट खेलना होता है और हम ऐसा करने में विफल रहे. थोड़ा निराश हूं, लेकिन ऐसी चीजें होती रहती हैं." उन्होंने कहा,"हम अच्छा नहीं खेले. हम जिस तरह से खेले, उस पर ज्यादा ध्यान नहीं देना चाहता. लेकिन बीच के ओवरों में हमारी बल्लेबाजी के बारे में चर्चा होगी."
रोहित ने कहा कि भारतीय बल्लेबाजों को यहां की पिचों के हिसाब से खुद को ढालना होगा. उन्होंने कहा,"आपको पिचों के हिसाब से खुद को ढालना होगा. बायें और दायें हाथ के बल्लेबाजों के संयोजन के साथ हमें लगा कि स्ट्राइक रोटेट करना आसान होगा. लेकिन जेफ्री को श्रेय जाता है, उन्होंने छह विकेट झटके."
श्रीलंकाई कप्तान चरिथ असालंका ने कहा कि परिस्थितियों के हिसाब से 240 रन का स्कोर काफी था. उन्होंने कहा,"मैं स्कोर से खुश था. 240 काफी अच्छा स्कोर था. एक कप्तान के तौर पर मुझे इस तरह की समस्याएं (स्पिन के कई विकल्प) पसंद हैं. वांडरसे का स्पैल शानदार था." 'प्लेयर ऑफ द मैच' वांडरसे ने कहा,"टीम पर काफी दबाव था. मैं आराम के बाद वापसी कर रहा था. श्रेय लेना आसान है. लेकिन मैं बल्लेबाजों केा भी श्रेय देना चाहता हूं जिन्होंने 240 रन का स्कोर खड़ा किया."
ऐसा रहा मैच
श्रीलंका के लेग स्पिनर जेफ्रे वांडरसे (33 रन देकर छह विकेट) की फिरकी में फंसी भारतीय टीम कप्तान रोहित शर्मा (64 रन) के अर्धशतक के बावजूद रविवार को दूसरे वनडे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में 32 रन से हारकर तीन मैच की सीरीज में 0-1 से पिछड़ गई. दोनों टीमों के बीच पहला वनडे टाई रहा था.
वाशिंगटन सुंदर की अगुआई में भारतीय स्पिनरों के शानदार प्रदर्शन से श्रीलंकाई टीम संघर्ष करती दिखी लेकिन निचले क्रम के बल्लेबाजों की बदौलत नौ विकेट पर 240 रन का स्कोर खड़ा करने में सफल रही. स्पिनरों के मुफीद इस पिच पर भारत के लिए यह लक्ष्य पहाड़ सा बन गया और पूरी टीम 42.2 ओवर में 208 रन पर सिमट गई.
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वांडरसे ने 33 रन देकर छह विकेट और कप्तान चरिथ असालंका ने 20 रन देकर तीन विकेट झटके. रोहित (44 गेंद, पांच चौके, चार छक्के) जब क्रीज पर थे तो नतीजा भारत के पक्ष में होता दिख रहा था. उन्होंने और शुभमन गिल (35 रन, 44 गेंद) पहले विकेट के लिए महज 13.3 ओवर में 97 रन की भागीदारी निभा ली थी.
रोहित ने इस दौरान स्पिनर दुनिथ वेलालागे और अकिला धनंजय तथा तेज गेंदबाज असिथा फर्नांडो पर मैदान के चारों ओर शॉट लगाये. लेकिन वांडरसे की गेंद को रिवर्स स्वीप करने के प्रयास में पाथुम निसांका को कैच देकर आउट हो गये जिससे भारतीय बल्लेबाजी इकाई मुश्किल में आ गई. जल्द ही यह स्कोर 17.1 ओवर में दो विकेट पर 116 रन हो गया और फिर चार गेंद बाद 116 रन पर तीन विकेट हो गया.
भारतीय टीम ने 10 ओवर में 50 रन के अंदर छह विकेट गंवा दिये और दिलचस्प बात है कि ये सभी विकेट वांडरसे ने झटके जिन्हें चोटिल वानिंदु हसारंगा की जगह मैच में उतारा गया था. वांडरसे ने रोहित के बाद गिल को पवेलियन भेजा जो पहली स्लिप में कामिंदु मेंडिस को कैच दे बैठे. शिवम दुबे आते ही चलते बने. विराट कोहली के 14 रन पर सस्ते में आउट होने के बाद जिम्मेदारी श्रेयस अय्यर और अक्षर पटेल पर थी. पर वांडरसे ने दुबे के बाद कोहली और श्रेयस को भी एलबीडब्ल्यू आउट किया.
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केएल राहुल महज दो गेंद ही खेल सके और वांडरसे की गेंद पर बोल्ड हो गये.अक्षर पटेल (44 रन, 44 गेंद) ने दबाव कम करने के लिए असालंका पर एक छक्का और दो चौके से 14 रन जुटाये. उन्होंने वाशिंगटन सुंदर के साथ सातवें विकेट के लिए 38 रन की साझेदारी की. अक्षर ने अकिला धनंजय पर भी एक छक्का जमाया. लेकिन असालंका ने अपनी ही गेंद पर अक्षर का कैच लपककर भारतीय टीम की उम्मीद तोड़ दी. इस समय स्कोर सात विकेट पर 187 रन था. इसके बाद बाकी औपचारिकता रह गई थी.
इससे पहले सुंदर ने 10 ओवर में एक मेडन से 30 रन देकर तीन विकेट झटके. कुलदीप यादव ने 10 ओवर में 33 रन देकर दो विकेट चटकाये. इन दोनों ने पिच से मिल रही मदद का पूरा फायदा उठाया. टॉस जीत कर बल्लेबाजी करने उतरी श्रीलंका के लिए अविष्का फर्नांडो ने 40 रन, कामिंदु मेंडिस ने 40 रन, दुनिथ वेलालागे ने 39 और कुसल मेंडिस ने 30 रन का योगदान दिया.
श्रीलंकाई टीम छह विकेट पर 136 रन बनाकर जूझ रही थी लेकिन पिछले मैच में अर्धशतक जड़ने वाले वेलालागे और कामिंदु मेंडिस के बीच सातवें विकेट के लिए 72 रन की साझेदारी से इस स्कोर तक पहुंची. अंतिम पांच ओवरों में भारतीय गेंदबाजों के प्रयास संतोषजनक नहीं रहे जिससे श्रीलंका ने महत्वपूर्ण 44 रन जोड़े.
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