- भारत को घरेलू मैदान पर पहले टेस्ट में 30 रनों से हार का सामना करना पड़ा था.
- विशेषज्ञों ने टीम में स्पेशलिस्ट बल्लेबाजों और गेंदबाजों की कमी को लेकर चिंता जताई
- सुंदर को पहले टेस्ट में नंबर तीन पर बल्लेबाजी का मौका मिला, जबकि गुवाहाटी में उन्हें आठवें नंबर पर उतारा गया
Gautam Gambhir: कोलकाता टेस्ट में हार के बाद गुवाहाटी में भी लंका लग गई है. दो टेस्ट मैच की सीरीज़ के पहले टेस्ट में कोलकाता में भारत को दक्षिण अफ़्रीका से 30 रनों से हार का सामना करना पड़ा. भारत तीन दिनों के ही अंदर घरेलू पिच पर हार गया. कोच गौतम गंभीर की अगुआई में कोलकाता में भारत की टेस्ट में ये चौथी हार रही. उतनी ही जितनी कि 2013 से 2023 के बीच दस सालों में टीम इंडिया को घरेलू मैदान पर हार देखने को मिली थी. जाहिर तौर पर अब कोच गंभीर के कई फ़ैसलों को लेकर बड़े सवाल खड़े होने लगे हैं.
ज़रूरत से ज़्यादा ऑलराउंडर्स
कोलकाता टेस्ट में टीम इंडिया के 6 बांये हाथ के ख़िलाड़ियों ने प्लेइंग XI में जगह बनाकर अनोखा इतिहास बना दिया. ऑलराउंडर्स पर ज़ोर दिया गया. लेकिन एक्सपर्ट्स इस बात को लेकर सवाल उठा रहे हैं कि टीम में स्पेशलिस्ट बैटर्स या बॉलर्स को तवज्जो दी जानी चाहिए. ये क्लासिकल टेस्ट खेलने का अंदाज़ नहीं माना जाता. ऑलराउंडर्स का पूरा इस्तेमाल भी नहीं हो पा रहा है. पहले टेस्ट में वाशिंगटन सुंदर को सिर्फ़ 1 ओवर गेंद डालने का मौक़ा मिला. दूसरी पारी में उन्होंने गेंदबाज़ी की ही नहीं.
STAR SPORTS पर पूर्व कप्न, कोच और कॉमेन्टेटर रवि शास्त्री कहते हैं, “टीम सेलेक्शन को लेकर मैं इनकी सोच नहीं समझ पा रहा. कोलकाता में टीम 4 स्पिनर के साथ उतरी और एक स्पिनर को सिर्फ 1 ओवर डालने का मौक़ा मिला. मेरे ख्याल से एक स्पेशलिस्ट बैटर के साथ जाना चाहिए था.”
प्लेइंग XI पर सवाल- क्या है कोच की सोच?
प्लेइंग XI में उलट-पुलट को लेकर कॉमेन्टेटर्स भी हैरान हैं. पूर्व कप्तान रवि शास्त्री ने STAR SPORTS पर कॉमेन्ट्री के दौरान ख़ासकर वाशिंगटन सुंदर के बैटिंग पोज़िशन को लेकर सवाल उठाये. रवि शास्त्री कहते हैं, “वाशिंगटन सुंदर को पिछले टेस्ट में नंबर 3 पर उतारा गया. ये समझ से परे है. वो नंबर 3 से 8 पर उतारे जाने लायक नहीं हैं (उन्हें थोड़ा और ऊपर बैटिंग करना चाहिए था.)”
सुंदर को पहले टेस्ट में नंबर 3 की पोज़िशन दी गई जो (नंबर3 और नंबर 4) आमतौर पर सभी अच्छी टीमों के बेस्ट बल्लेबाज़ की पोज़िशन होती है. सुंदर ने कोलकाता में सबसे ज़्यादा गेंदों का सामना कर सबसे ज़्यादा रन भी बनाये. लेकिन गुवाहाटी में उन्हें तीसरे से सीधे 8वें नंबर पर उतारा गया. तीसरे नंबर पर फिर से साई सुदर्शन को मौक़ा दिया गया.
पिच का पचड़ा- ‘ये तो पूरा रोड था'
कोलकाता में गौतम गंभीर ने जिस तरह की टर्निंग ट्रैक की ज़िद की उसका नतीजा सबने देख लिया. टीम तीन दिनों के अंदर ही मैच हार गई. बंगाल क्रिकेट संघ के अध्यक्ष और पूर्व कप्तान गांगुली ने गंभीर के रवैये की खुलकर आलोचना की.
गुवाहाटी में कुलदीप यादव ने पहली पारी में 29.1 ओवर में 115 रन देकर (3.94 इकॉनमी) 4 विकेट लिए. लेकिन कुलदीप यादव ने कहा, “ये तो पूरा रोड था. कोलकाता का विकेट तो अलग था. इसीलिए ये चैलेंजिंग है और इसलिए इसे टेस्ट क्रिकेट कहते हैं.”
मतलब साफ है कि गंभीर एंड कंपनी ना तो मनमुताबिक पिच हासिल कर पा रहे हैं, ना समझ पा रहे हैं कि किस तरह की पिच उनकी टीम के मनमाफिक साबित होगी. जबकि, विदेशी टीमें अपने मनमुताबिक पिचों पर विपक्षी टीम को खिलवाकर घरेलू पिच का फायदा उठाती हैं.
पूर्व कप्तान, कोच और कॉमेन्टेटर रवि शास्त्री STAR कहते हैं, “ये अब भी अच्छी पिच है. ये ऐसी पिच नहीं जहां स्कोर 7 विकेट पर 145 होना चाहिए था. गेंदबाज़ी भी कंसिस्टेंट नहीं रही. ”
टीम चयन पर सवाल
चयनकर्ता और कोच गौतम गंभीर के साथ टीम मैनेजमेंट पर भी टीम के चयन को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं. टीम में साई सुदर्शन को तब मौक़ा मिला है जब कप्तान शुभमन गिल घायल हो गए. साई सुदर्शन जैसे स्पेशलिस्ट बैटर की जगह प्लेइंग XI में वाशिंगटन सुंदर आये. मो. शमी जैसे स्पेशलिस्ट गेंदबाज़ों को बाहर रखे जाने को लेकर भी पूर्व कप्तान सौरव गांगुली और दूसरे एक्सपर्ट्स ने भी सवाल खड़े किये हैं.
गंभीर का खराब रिकॉर्ड
कोच गंभीर के रिकॉर्ड उनके लिए खतरे की घंटी बजाते जा रहे हैं. 2013 से 2023 तक भारत को घरेलू पिच पर 4 टेस्ट में हार का सामना करना पड़ा. जबकि, कोच गंभीर अपने पिछले डेढ़ साल के कार्यकाल में 4 टेस्ट हार चुके हैं और गुवाहाटी में हालात अच्छे नहीं नज़र आ रहे हैं. गंभीर के कार्यकाल में भारत ने 2025 ICC चैंपियंस ट्रॉफी और एशिया कप की ट्रॉफी तो जीती है, मगर टेस्ट में जीत का रिकॉर्ड अच्छा नहीं नज़र आता.
गंभीर के कार्यकाल में रिकॉर्ड
टेस्ट क्रिकेट: 18 मैच, 7 जीत, 9 हार, 2 ड्रॉ (41.17% जीत)
वनडे क्रिकेट: 14 मैच, 9 मैच, 4 हार, 1 टाई (64.28% जीत)
टी-20-I क्रिकेट: 22 मैच, 20 जीत, 2 हार (90.9% जीत)
टीम चयन पर सवाल
चयनकर्ता और कोच गौतम गंभीर के साथ टीम मैनेजमेंट पर भी टीम के चयन को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं. टीम में साई सुदर्शन को तब मौक़ा मिला है जब कप्तान शुभमन गिल घायल हो गए. साई सुदर्शन जैसे स्पेशलिस्ट बैटर की जगह प्लेइंग XI में वाशिंगटन सुंदर आये. मो. शमी जैसे स्पेशलिस्ट गेंदबाज़ों को बाहर रखे जाने को लेकर भी पूर्व कप्तान सौरव गांगुली और दूसरे एक्सपर्ट्स ने भी सवाल खड़े किये हैं.
गंभीर का खराब रिकॉर्ड
कोच गंभीर के रिकॉर्ड उनके लिए खतरे की घंटी बजाते जा रहे हैं. 2013 से 2023 तक भारत को घरेलू पिच पर 4 टेस्ट में हार का सामना करना पड़ा. जबकि, कोच गंभीर अपने पिछले डेढ़ साल के कार्यकाल में 4 टेस्ट हार चुके हैं और गुवाहाटी में हालात अच्छे नहीं नज़र आ रहे हैं.
गंभीर के कार्यकाल में भारत ने 2025 ICC चैंपियंस ट्रॉफी और एशिया कप की ट्रॉफी तो जीती है, मगर टेस्ट में जीत का रिकॉर्ड अच्छा नहीं नज़र आता.
गंभीर के कार्यकाल में रिकॉर्ड
टेस्ट क्रिकेट: 18 मैच, 7 जीत, 9 हार, 2 ड्रॉ (41.17% जीत)
वनडे क्रिकेट: 14 मैच, 9 मैच, 4 हार, 1 टाई (64.28% जीत)
टी-20-I क्रिकेट: 22 मैच, 20 जीत, 2 हार (90.9% जीत














