- यशस्वी जायसवाल ने अपने चौथे वनडे में शतकीय पारी खेलकर भारत को साउथ अफ्रीका के खिलाफ निर्णायक मुकाबला जिताया
- जायसवाल ने रोहित शर्मा और विराट कोहली से बातचीत कर छोटे-छोटे लक्ष्य निर्धारित कर अपनी पारी को संतुलित किया
- उन्होंने पिछले दो मैचों में अच्छी शुरुआत के बावजूद शतक नहीं बना पाने को लेकर रणनीति में बदलाव किया
Yashasvi Jaiswal Statement on Rohit Sharma and Virat Kohli: भारत के लिए अपना चौथा वनडे खेल रहे सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल ने पिछली दो असफलताओं को भुलाते हुए शानिवार को शतकीय पारी खेलकर इतिहास रच दिया. जायसवाल के शतक के दम पर भारत ने विशाखापत्तनम में सीरीज के निर्णायक मुकाबले में मेहमान टीम साउथ अफ्रीका को 9 विकेट से रौंद दिया और वनडे सीरीज 2-1 से अपने नाम की. वहीं जायसवाल को उनकी शतकीय पारी के लिए प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया. जायसवाल ने मैच के बाद बताया कि रोहित और कोहली ने उन्हें पहले शतक में मदद की.
साउथ अफ्रीका के खिलाफ भारत की जीत के बाद पोस्ट मैच प्रेजेंटेशन सेरेमनी में बोलते हुए यशस्वी जायसवाल ने कहा कि रोहित के साथ बातचीत के दौरान उन्होंने कैसे छोटे-छोटे टारगेट सेट किए. जायसवाल ने कहा,"मुझे वाकई मज़ा आया. (शतक को लेकर) मैं वास्तव में आभारी और धन्य हूं." बल्लेबाजी के दौरान रोहित के साथ बातचीत पर उन्होंने कहा,"हम इस बारे में काफी बातचीत कर रहे थे कि हम कैसे खेल सकते हैं और हम कैसे लक्ष्य निर्धारित कर सकते हैं और हम किस गति से खेल सकते हैं. तो, मैं समझने की कोशिश कर रहा था. पिछले दो मैचों में मैंने अच्छी शुरुआत की थी लेकिन मैं उसे गोल में नहीं बदल सका. इसलिए, हम बात कर रहे थे कि इसे कैसे बदल सकते हैं और कैसे मैं पारी को संतुलित कर सकता हूं."
जायसवाल ने आगे कहा,"मैं सिर्फ यही सोच रहा था कि इस पारी को कैसे बेलेंस करूं. कभी-कभी मुझे आक्रामक होने की ज़रूरत होती थी और कभी-कभी मैं सोच रहा था, ठीक है, शायद मैं एक रन लूंगा या मैं गेम चला दूंगा. तो, यह मेरी योजना थी और यह बहुत अच्छी थी."
बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने कहा,"मुझे अपने सोच पर नियंत्रण रखना था कि मैं कहां खेल सकता हूं, मैं कौन सा शॉट खेल सकता हूं और मैं जितना हो सके, मैच को उतना डीप लेकर जाउं. और यह बात मेरे दिमाग में है कि अगर जरूरत पड़ी तो मुझे गेंदबाजों के पीछे जाने की जरूरत है."
जायसवाल ने आगे कहा,"विराट पाजी, जैसे ही आए, वो बहुत सारे शॉट खेलने लगे और हम इस पर भी बात कर रहे थे.वह मुझे छोटे-छोटे लक्ष्य देते रहे जिन पर मुझे ध्यान केंद्रित करने की जरूरत थी. तो, इससे मुझे अपने लक्ष्य की ओर भी मदद मिल रही थी. तो, मैंने वास्तव में इसका आनंद लिया."
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