भारत ने तीसरे और आखिरी वनडे में मेहमान दक्षिण अफ्रीका को 9 विकेट से हरा दिया. यूं तो टीम इंडिया की जीत का मार्ग पहले टॉस और फिर इसके बाद गेंदबाजों ने 50 प्रतिशत पहले ही कर दिया था, लेकिन बाद में लेफ्टी यशस्वी जायसवाल (नाबाद 116 रन, 121 गेंद, 12 चौके, 1 छक्का) ने एक छोर पर नाबाद शतक बनाते हुए टीम इंडिया की सीरीज जीत 2-1 से सुनिश्चित कर दी. तुलनात्मक रूप से मिले आसान 271 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए जायसवाल और रोहित शर्मा (75 रन, 73 गेंद, 7 चौके, 3 छक्के) ने भारत को ठीक वैसी ही शुरूआत दी, जैसी जरूरत थी. दोनों ने ही शुरुआत में आतिशी अंदाज से ज्यादा सतर्कता का परिचय दिया. और जब जरूरत पड़ी, तो स्ट्रोक भी लगाए. नतीजा यह रहा कि रोहित और जायसवाल ने पहले विकेट के लिए 155 रन जोड़े, तो साफ हो गया कि यहां से सिर्फ और सिर्फ औपचारिकता भर बाकी है. रोहित आउट हुए, तो कोई फर्क पड़ना भी नहीं थी. भारत के पास एक से बढ़कर एक इन फॉर्म बल्लेबाज थे, तो 'ब्रिथिंग स्पेस' भी थोक के भाव में था. एक बार जायसवाल का शतक पूरा हुआ, तो फिर यशस्वी के साथ-साथ दूसरे छोर पर पूर्व कप्तान और नाबाद रहे विराट कोहली (65 रन, 45 गेंद, 6 चौके, 3 छक्के) और ज्यादा खूंखार हो उठे. उनके बल्ले से शॉट देखने लायक थे. दोनों ही तीसरे गीयर में बल्लेबाजी कर रहे थे, तो पारी के 40वें ओवर की पांचवी गेंद पर भारत ने जीत पर 9 विकेट से मुहर लगाते हुए सीरीज 2-1 से कब्जा ली. नाबाद शतकवीर यशस्वी जायसवाल को प्लेयर ऑफ द मैच घोषित किया गया, जबकि विराट कोहली प्लेयर ऑफ द सीरीज रहे.
भारतीय पारी: उम्मीद से कहीं पहले समेट दिया दक्षिण अफ्रीका को
कुलदीप यादव और प्रसिद्ध कृष्णा की शानदार गेंदबाजी से भारत ने क्विंटन डिकॉक की आक्रामक शतकीय पारी के बावजूद तीन मैचों की सीरीज के तीसरे और निर्णायक मैच में शनिवार को साउथ अफ्रीका को 47.5 ओवर में 270 रन पर आउट कर दिया. डिकॉक ने 89 गेंद की पारी में आठ चौके और छह छक्के की मदद से 106 रन बनाने के अलावा कप्तान तेम्बा बावुमा (48) के साथ दूसरे विकेट के लिए 113 और मैथ्यू ब्रीट्जके (24) के साथ तीसरे विकेट के लिए 54 रन की साझेदारी की.
गेंदबाजों ने बनाया भारत का दबदबा
साउथ अफ्रीका 28वें ओवर तक दो विकेट पर 167 रन बनाकर बड़े स्कोर की तरफ बढ़ रहा था लेकिन कृष्णा (9.5 ओवर में 66 रन पर एक विकेट) ने 29वें ओवर में दो विकेट लेकर भारत की वापसी कराने के बाद डिकॉक को भी चलता किया. इसके बाद कुलदीप (10 ओवर में 41 रन पर चार विकेट) ने डेवाल्ड ब्रेविस (29), मार्को यानसन (17) और कोर्बिन बोश (नौ) जैसे आक्रामक बल्लेबाजों को आउट कर मैच पर भारत का दबदबा बनाए रखा.
उल्टे हाथ से उछाला सिक्का और जीता टॉस
भारत 20 वनडे मैचों के लंबे अंतराल के बाद टॉस जीतने में सफल रहा. केएल राहुल ने टॉस जीतने के लिए सिक्का उल्टे हाथ से उछाला. यह ट्रिक काम कर गई. इसके बाद अर्शदीप सिंह (36 रन पर एक विकेट) ने टीम में वापसी कर रहे रेयान रिकल्टन को खाता खोले बगैर चलता कर पहले ओवर में ही टीम को सफलता दिला दी.
जडेजा ने तोड़ी साझेदारी
शुरुआती दो वनडे में संघर्ष करने वाले डिकॉक ने रविंद्र जडेजा (50 रन पर एक विकेट) के खिलाफ छक्के के साथ 16वें ओवर में अपना अर्धशतक पूरा किया. दूसरे छोर से एकाग्रता के साथ बल्लेबाजी कर रहे तेम्बा बावुमा ने जडेजा के खिलाफ रिवर्स स्वीप पर शानदार चौका लगाने के बाद एक रन के साथ 19 ओवर में साउथ अफ्रीका के रनों का शतक पूरा किया. वह हालांकि इस गेंदबाज की धीमी गेंद से सामंजस्य बिठाने में नाकाम रहे और गेंद उनके बल्ले का बाहरी किनारा लेकर कोहली के हाथों में चली गयी. बावुमा और डी कॉक के बीच दूसरे विकेट के लिए शतकीय साझेदारी हुई.
डिकॉक का 23वां शतक
एक छोर से विकेट गिरते रहे, लेकिन दूसरे छोर पर डी कॉक बेपवराह होकर खेलते दिखे. डी कॉक ने राणा के खिलाफ छक्के के साथ 80 गेंद में अपना 23वां वनडे शतक पूरा किया. यह भारत के खिलाफ उनका 7वां शतक रहा. कृष्णा ने डिकॉक को बोल्ड कर उनकी शतकीय पारी पर विराम लगाया. ब्रेविस और यानसन ने इसके बाद आक्रामक बल्लेबाजी से 35 रन की साझेदारी के दौरान भारतीय गेंदबाजों को परेशान करना जारी रखा लेकिन कुलदीप ने अपनी फिरकी पर दोनों को पवेलियन की राह दिखा दी. कुलदीप ने अपनी गेंद पर ही कोर्बिन बोश (नौ) का कैच लपक कर दक्षिण अफ्रीका के बड़ा स्कोर खड़ा करने का सपना तोड़ दिया. उन्होंने इसके बाद लुंगी एनगिडी को एलबीडब्ल्यू किया जबकि कृष्णा ने ओर्टनील बार्टमैन को बोल्ड कर दक्षिण अफ्रीका की पारी समेटने की औपचारिकता पूरी की. केशव महाराज 20 रन पर नाबाद रहे.














