भारतीय लेफ्टी पेसर अर्शदीप सिंह को बहुत देर से वनडे में इंट्री मिली, लेकिन अभी से ही लेफ्टी बल्लेबाजों के लिए चिंता का विषय बन गए हैं. शाखापट्टम में सरदार जी का 14वां वनडे है, लेकिन करीब एक महीने बाद न्यूजीलैंड के खिलाफ खेली जाने वाली वनडे सीरीज के लिए उन्होंने कीवी टॉप ऑर्डर को जरूर चिंता में डाल दिया है. तीसरे वनडे में रिकल्टन को आउट कर अर्शदीप ने एक बार और दक्षिण अफ्रीकी लेफ्टी बल्लेबाज को जमींदोज कर दिया, लेकिन इन आंकड़ों ने एक महीने बाद भारत दौरे पर आने वाली न्यूजीलैंड टीम के खास तौर टॉप ऑर्डर के स्टार बल्लेबाज भारतीय मूल के रवींद्र रचिन, डेवोन कॉनवे और बहुत हद तक निचले क्रम के बल्लेबाज मिचेल सैंटनर को जरूर चिंता में डालते हुए मैसेज जरूर भेज दिया है. वजह यह है कि अभी तक के वनडे में शुरुआती 10 ओवरों में अर्शदीप लेफ्टी बल्लेबाजों के बड़े दुश्मन बनाकर सामने आए हैं. अर्शदीप के आंकड़े बताते हैं कि लेफ्टी बल्लेबाजों को सिंह के खिलाफ खेलने का रास्ता निकालना होगा. और अगर ऐसा हो चला है, तो इसके पीछे बहुत ही खास वजह भी है. न्यूजीलैंड टीम 11 जनवरी से शुरू होने वाले दौरे में 3 वनडे 5 टी20 मैच खेलेगी.
ये आंकड़े बढ़िया हैं, कीवी टॉप ऑर्डर के लिए ट्रेलर !
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ विशाखापट्टम में रियान रिकल्कन के विकेट तक अर्शदीप सिंह 14वें वनडे में 22 विकेट चटका चुके हैं. अगर ये आंकड़े बहुत असाधारण नहीं हैं, तो साधारण भी नहीं हैं. लेकिन जब बात शुरुआती 10 ओवरों में लेफ्टी बल्लेबाजों के खिलाफ आती है, तो उनके आंकड़े बोल रहे हैं. इस मैच तक अर्शदीप पावर-प्ले में 5 बार लेफ्टी बल्लेबाजों को आउट कर चुके हैं. उनका हर विकेट हर 16.5 रन पर आया है. इकॉनमी रन-रेट 4.74 का है. डॉट बॉल (खाली गेंद) 60.5 प्रतिशत (%) हैं. इस सीरीज में अर्शदीप ने कभी क्विंटन डिकॉक, तो कभी रियान रिकल्टन को अपना शिकार बनाया है. बहरहाल, इन आंकड़ों ने कीवी ओनपरों को जरूर नोटिस भेज दिया है क्योंकि अर्शदीप की गेंद दुनिया की किसी भी लेफ्टी बल्लेबाज के लिए बहुत ही घातक गेंद में तब्दील हो गई है!
लेफ्टी के घातक बना अर्शदीप का यह 'हथियार'!
लेफ्टी अर्शदीप सिंह अपनी फुल लेंथ डिलीवरी, यॉर्कर के लिए जाने जाते हैं, लेकिन इनमें में भी उनकी सर्वश्रेष्ठ गेंद इन स्विंग मानी जाती है और कुछ प्रतिशत इसमें कभी-कभी रिवर्स स्विंग भी दिखाई पड़ जाती है, लेकिन लेफ्टी बल्लेबाजों के लिए सबसे बड़ी चुनौती यह है कि यही गेंद उनके लिए आउटस्विंग बन जाती है. मतलब हवा में ही नहीं, बल्कि टप्पा खाने के बाद भी पड़कर बाहर निकलती है. और अशर्दीप जब लेफ्टी बल्लेबाज के लिए ओवर-द-विकेट आते हैं, तो सटीक टप्पे के साथ इस गेंद का स्तर और ऊंचा चला जाता है. यह एक ऐसी गेंद में तब्दील हो जाती है, जिस पर दुनिया का बड़े से बड़ा लेफ्टी ओपनर शुरुआती ओवरों में नई गेंद के सामने परेशानी में पड़ सकता है. यही वजह कि कीवी ओपनर रचिन रवींद्र और डेवोन कॉनवे के लिए भारत दौरा आसान नहीं होगा.














