- एशिया कप 2025 में भारत और पाकिस्तान तीन बार आमने-सामने होंगे, जिससे क्रिकेट प्रेमियों में उत्साह बढ़ा है
- 18 अप्रैल 1986 को शारजाह में भारत ने टॉस जीतकर पाकिस्तान को बल्लेबाजी का लक्ष्य दिया था
- भारत ने 50 ओवर में 7 विकेट पर 247 रन बनाए, लेकिन पाकिस्तान की पारी में जावेद मियांदाद ने नाबाद 116 रन बनाए
अगले महीने यूएई में होने वाले एशिया कप (Asia Cup 2025) का माहौल बनने लगा है. खासकर भारत और पाकिस्तान (India vs Pakistan) के मैचों को लेकर. इस मेगा इवेंट में दोनों चिर-प्रतिद्वंद्वी तीन बार एक-दूसरे से भिड़ सकते हैं. इसी कड़ी में दोनों देशों के पुराने यादगार मैचों और रिकॉर्डों की बात भी फैंस करने लगे हैं. हम भी आपके लिए नियमित अंतराल पर भारत और पाकिस्तान (India vs Pakistan) के मुकाबलों के खास पल, रिकॉर्ड और मकाबले लेकर आएंगे. इसी के तहत बात ऐसे मुकाबले की करते हैं, जो कई सालों नहीं बल्कि दशकों तक पूरे हिंदुस्तान को मनोवैज्ञानिक दृष्टि से प्रभावित करता रहा. यह मुकाबला शारजाह में 18 अप्रैल 1986 को खेला गया था, लेकिन मुकाबले की आखिरी गेंद पर जावेद मियांदाद ने छक्का जड़कर पाकिस्तान को जीत दिलाई, तो इस छक्के का असर अगले कई सालों तक टीम इंडिया ही नहीं, बल्कि भारत के आम जनमानस पर भी पड़ा. चलिए मैच के बारे में जान लीजिए.
टॉस जीतकर भारत ने पाकिस्तान को थमाया बल्ला
भारत के दोनों ओपनरों गावस्कर और श्रीकांत ने पहले विकेट के लिए 117 रन जोड़कर इमरान खान एंड कंपनी के तोते उड़ा दिए. लेकिन ये दोनों आउट हुए, तो मिड्ल ऑर्डर फिसलता ढह सा गया. नंबर तीन पर आए दिलीप वेंगसरकर (50) के बाद ज्याादातर भारतीय बल्लेबाज दहाई का आंकड़ा नहीं छू सके. और भारत ने 50 ओवरों में 7 विकेट पर 247 रन बनाकर पाकिस्तान के सामने 248 का लक्ष्य रखा.
जीत भारत के एकदम सामने खड़ी थी!
भारतीय बॉलरों ने भी दम दिखाया और उसके 3 विकेट 61 रन पर गंवा दिए, लेकिन मुसीबत यह रही कि जावेद मियांदाद (नाबाद 116 रन ) एक छोर पर लंगर डाल दिया. एक समय जीत भारत के एकदम सामने खड़ी थी क्योंकि पाकिस्तान ने 9 विकेट गंवा दिए थे और पचासवें ओवर की पांचवीं गेंद पर उसका स्कोर 242 रन था. चेतन शर्मा की आखिरी गेंद थी और पाकिस्तान को जीत के लिए चार रन बनाने थे, तो भारत तो सिर्फ 1 ही विकेट लेना था.
...चेतन शर्मा की बड़ी गलती और फिसल गई जीत
आखिरी गेंद...पाकिस्तान के सामने जीत के लिए 4 रन...और आप बॉलर विशेष यानी चेतन शर्मा की मनोदशा समझ सकते हैं. चेतन क्या करें क्या न करें...मानो यही कशमकश चेतन के ज़हन में रन-अप से बॉलिंग क्रीज तक चलती रही...चेतन का जंप...गेंद हाथ से छूटी...यॉर्कर की कोशिश फुलटॉस में बदल गई..और जावेद मियांदाद ने फुलटॉस बनाकर डीप मिडविकेट के ऊपर से छक्का जड़ा, तो पाकिस्तान को मैच जिताने के साथ ही उन्होंने अगले कई सालों तक हिंदुस्तान को मायूस कर दिया.