- रविचंद्रन अश्विन ने तिलक वर्मा की नाबाद पचास रन की पारी को भारत की जीत में निर्णायक बताया और उनकी तारीफ की.
- तिलक वर्मा और शिवम दुबे ने हारिस रऊफ के खिलाफ अहम साझेदारी कर भारत को दबाव से उबारा और जीत की राह बनाई.
- अश्विन ने कुलदीप और वरुण की शानदार गेंदबाजी को सराहा, जिसने पाकिस्तान के बल्लेबाजों को रोकने में मदद की.
Ravichandran Ashwin on Haris Rauf: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व दिग्गज स्पिनर रविचद्रन अश्विन ने रविवार को दुबई में पाकिस्तान के खिलाफ नाबाद अर्द्धशतक लगाकर भारत को जीत दिलाने वाले तिलक वर्मा की जमकर तारीफ की है. तिलक जब बल्लेबाजी के लिए आए थे, तब टीम इंडिया संघर्ष कर रही थी. टीम इंडिया ने 20 के स्कोर पर तीन विकेट गंवा दिए थे. लेकिन फिर तिलक ने पहले संजू सैमसन और उसके बाद शिवम दुबे के साथ मिलकर अहम साझेदारियां की और टीम की जीत का बेस तैयार किया. तिलक आखिरी में 53 गेंदों पर 69 रन बनाकर नाबाद रहे और भारत को खिताबी मुकाबले में पाकिस्तान के खिलाफ 5 विकेट से जीत दिलाई.
'हारिस राउफ़ की बदौलत हमने मैच जीता'
तिलक वर्मा और शिवम दुबे ने मिलकर रविवार को पाकिस्तानी गेंदबाज हारिस रऊफ की जमकर कुटाई की. 15वें ओवर में दोनों ने मिलकर पहले 17 रन बटोरे. यह ओवर भारत की जीत का टर्निंग प्वॉइंट साबित हुआ, क्योंकि इसके बाद ही भारत की जीत की संभावना 50 प्रतिशत से अधिक हो गई थी, जबकि यह इससे पहले 42 फीसदी थी.
अश्विन ने हारिस को ट्रोल करते हुए अपने यूट्यूब चैनल पर कहा,"तिलक वर्मा ने पूरी तरह से समां बांध दिया. उन्होंने दिखाया कि उनमें बर्फ़ की नसें हैं. शानदार पारी. भारत बहुत ही नाज़ुक स्थिति में था. हारिस राउफ़ की बदौलत हमने मैच आसानी से जीत लिया."
तिलक की तारीफ के बांधे पुल
रविचद्रन अश्विन ने आगे कहा,"तिलक वर्मा ने दबाव को झेला. उन्होंने स्पिन को बहुत अच्छी तरह खेला. उन्होंने स्वीप शॉट खेले, और ज़मीन पर शॉट लगाने में भी सक्षम थे. उन्होंने महसूस किया कि विकेट का उछाल थोड़ा चिपचिपा था और उन्होंने स्क्वेयर ऑफ द विकेट खेलना शुरू कर दिया. लोग सोचते हैं कि यह शॉट (रऊफ़ को छक्का) मारना आसान है, लेकिन लाइन में आकर उसे पकड़ना मुश्किल है."
कुलदीप-चक्रवर्तीक को बताया विजेता
अश्विन ने शुरुआती 10 ओवरों में पाकिस्तान की खराब शुरुआत के बाद कुलदीप यादव और वरुण चक्रवर्ती द्वारा मैच को संभालने में निभाई गई भूमिका की भी सराहना की. उन्होंने कहा,"मैं वरुण चक्रवर्ती और कुलदीप यादव को श्रेय देना चाहूंगा. यह एक बेहतरीन वापसी थी. साहिबज़ादा फरहान और फ़ख़र ज़मान ने उन्हें शानदार शुरुआत दी. हालांकि, पाकिस्तान और श्रीलंका में यही फर्क है."
अश्विन ने आगे कहा,"श्रीलंका ने हमारे स्पिनरों का बखूबी सामना किया और सही शॉट भी चुने. अगर आप एशिया की टीमों को देखें, तो पाकिस्तान के पास स्पिन के बहुत अच्छे खिलाड़ी हैं. हालांकि, यह बड़े मैचों का दबाव होता है. भारतीय टीम में कई ऐसे खिलाड़ी हैं जो इस दबाव का सामना कर सकते हैं."
अश्विन ने इस दौरान यह भी बताया कि आखिर दुबई में कुलदीप का प्रदर्शन क्यों शानदार रहा. अश्विन नेबताया कि दुबई की धीमी पिचों ने बल्लेबाजों को खुलकर खेलने का मौका नहीं दिया. उन्होंने कहा,"कुलदीप यादव ने इतनी अच्छी गेंदबाजी इसलिए की क्योंकि जिस शॉट पर संजू आउट हुए, वही शॉट आईपीएल में जयपुर में एक्स्ट्रा कवर के ऊपर से छक्का होता."
अश्विन ने कहा,"दुबई में जब आप धीमी गति से गेंदबाजी करते हैं, तो गेंद नीचे बैठ जाती है और अधिक उछाल के साथ आती है. गेंद का ऊपरी किनारा लगता है. सैम अयूब का उदाहरण देखिए, उन्होंने गेंद को कट करने की कोशिश की, लेकिन गेंद का किनारा लगा और बुमराह ने पॉइंट पर कैच कर लिया. आईपीएल में ऐसे विकेट कभी नहीं गिरेंगे. ध्यान से सोचिए. शायद यही अंतर है." 30 वर्षीय कुलदीन ने सात मैचों में 9.29 की औसत से 17 विकेट लिए और वो टूर्नामेंट में सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज रहे.
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