- पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने टी-20 एशिया कप में मैच रेफरी पर आपत्ति जताई और विवादित प्रतिक्रिया दी है
- भारतीय खिलाड़ियों ने पाकिस्तान के मोहसिन नकवी से ट्रॉफी लेने से साफ मना कर दिया था
- मोहसिन नकवी ने एशियाई क्रिकेट परिषद के उपाध्यक्ष की बात मानने से इनकार कर दिया था
टी-20 एशिया कप (Asia Cup 2025) में पाकिस्तान टीम ने कई विवादों को जन्म दिया है. उन्होंने मैच के रेफरी एंडी पाइक्राफ्ट से टीम इंडिया द्वारा हाथ न मिलाने पर आपत्ति जताई, टूर्नामेंट से हटने की धमकी दी और अंत में विजेताओं को ट्रॉफी देने से मना कर दिया. इन कारणों से पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दंड भुगतना पड़ सकता है. एशियाई क्रिकेट परिषद (ACC) और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) के सूत्रों ने टेलीकॉम एशिया स्पोर्ट को बताया कि अगले सप्ताह होने वाली आईसीसी बोर्ड की बैठक में यह मुद्दा मुख्य रूप से उठ सकता है. सूत्रों ने बताया,'भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) अगले सप्ताह ICC बोर्ड की बैठक में इस मुद्दे को उठाएगा. यह मामला कई विवादों के बाद सामने आया है, जिसमें पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) ने टकराव वाली प्रतिक्रिया दी थी. इसमें मैच रेफरी पर आपत्ति जताना और विजेता को ट्रॉफी दिए बिना उसे वापस ले लेना शामिल है.'
रविवार को भारतीय खिलाड़ियों ने मोहसिन नकवी से ट्रॉफी लेने से मना कर दिया. मोहसिन नकवी एशियाई क्रिकेट परिषद और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) के अध्यक्ष होने के साथ-साथ पाकिस्तान के आंतरिक मंत्री भी हैं. एशियाई क्रिकेट परिषद (ACC) के उपाध्यक्ष बांग्लादेश के अमीनुल इस्लाम और आईसीसी एसोसिएट्स के प्रतिनिधि, जो पहले एमिरेट्स बोर्ड के सीईओ रहे हैं, मुबाशिर उस्मानी ने भी मोहसिन नकवी से अपना रुख बदलने की बात कही, लेकिन उन्होंने मानने से इनकार कर दिया.
सूत्रों ने बताया,'इस्लाम ने ट्रॉफी भारत को देने की पेशकश की, लेकिन नकवी ने कहा कि वह ही एसीसी अध्यक्ष होने के नाते भारतीय टीम को ट्रॉफी देंगे.नकवी लगातार फोन पर अपने वरिष्ठ अधिकारियों से सलाह ले रहे थे, जिन्होंने उन्हें अपना रुख बदलने से मना किया था.' नकवी ने एसीसी अधिकारियों को ट्रॉफी ले जाने का आदेश दिया. यह सुनकर सभी हैरान रह गए क्योंकि ट्रॉफी दी नहीं गई. एमिरेट्स बोर्ड के सीईओ सुल्तान मोहम्मद ज़रवानी ने भी मामला सुलझाने की कोशिश की, लेकिन कोई असर नहीं हुआ. सूत्रों ने टेलीकॉम एशिया स्पोर्ट को बताया,'विजेताओं से ट्रॉफी लिए बिना उसे वापस ले लेना बहुत गंभीर बात है और इसे गलत माना जाता है. अगर बीसीसीआई आईसीसी की बैठक में सख्त कदम उठाता है, तो यह पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के खिलाफ गंभीर कार्रवाई हो सकती है.'