Ind vs Nz Final: भारतीय बल्लेबाजों ने चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में रविवार को न्यूजीलैंड के खिलाफ खेले जाने से पहले शुक्रवार को नेट पर जमकर पसीना बहाया. ज्यादातर बल्लेबाजों ने वरुण चक्रवर्ती, कुलदीप यादव, अक्षर पटेल और रवींद्र जडेजा की चौकड़ी के सामने कीवी स्पिनरों को ध्यान में रखते हुए अभ्यास किया. इनके खिलाफ प्रैक्टिस करने के बाद बल्लेबाजों ने स्थानीय स्पिनरों के सामने प्रैक्टिस की. पिछले मैच में न्यूजीलैंड के कप्तान सेंटनर ने कसी गेंदबाजी (10-1-41-1) की थी लेकिन ब्रेसवेल (9-0-56-0) थोड़े महंगे रहे. इन दोनों ने मिलकर अब तक चार मैचों में 13 विकेट लिए हैं। रचिन रविंद्र (6-0-31-1) ने भी बाएं हाथ की स्पिन का अच्छा स्पैल डाला था. कुल मिलाकर साफ है कि भारतीय बल्लेबाजों का पूरा फोकस कीवियों के स्पिन जाल को काटने पर है. वहीं, दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम (डीआईसीएस) की पिच से स्पिनरों को कुछ मदद मिलने की उम्मीद है, इसलिए भारतीय बल्लेबाज कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते.
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'पिच की प्रवृत्ति में बदलाव नहीं'
भारत के बल्लेबाजी कोच सितांशु कोटक ने कहा कि यहां की पिच धीमी गति के गेंदबाजों को मदद देना जारी रख सकती है. उन्होंने कहा, ‘विकेट निश्चित रूप से थोड़ा बदलते हैं, लेकिन यहां इसकी प्रवृत्ति में बहुत बदलाव नहीं आया है. हमारी बल्लेबाजी वास्तव में अच्छी रही है.' कोटक ने कहा कि भारतीय बल्लेबाज़ किसी भी दिन किसी भी पिच के अनुकूल खुद को ढाल सकते हैं. उन्होंने कहा, ‘हमारे बल्लेबाज किसी भी सतह पर खुद को ढाल सकते हैं. इसलिए यही मुख्य बात है. मुझे लगता है कि हम विकेट के हिसाब से खुद को ढाल सकते हैं.'
उन्होंने कहा, ‘लेकिन इस तरह के विकेट (डीआईसीएस पर), आप स्ट्राइक रोटेट करने की कोशिश करते हैं और आप खेल को गहराई तक ले जाने की कोशिश करते हैं. अगर आप लक्ष्य का पीछा कर रहे हैं तो खेल को खत्म करने की कोशिश करते हैं या बड़ा लक्ष्य निर्धारित करने की कोशिश करते हैं. मुझे लगता है कि हमने यह बहुत अच्छा किया है.'