IND vs NZ 2nd Test: "हमारे पास भी..." भारत के खिलाफ दूसरे टेस्ट से पहले न्यूजीलैंड कप्तान का बड़ा बयान

IND vs NZ 2nd Test Tom Latham: 2017 में भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक ऐसी पिच पर मैच खेला था

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IND vs NZ 2nd Test Tom Latham on Pune Pitch

IND vs NZ 2nd Test Tom Latham on Pune Pitch : भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच गुरूवार से यहां होने वाले दूसरे टेस्ट के लिए काली मिट्टी की सूखी पिच तैयार की जा रही है. उम्मीद है कि यह पूरी तरह से सूखी रहेगी, जहां स्पिनरों के लिए अच्छी-ख़ासी मदद होगी. हालांकि न्यूज़ीलैंड के कप्तान टॉम लैथम ने पिच (Tom Latham on Pune Pitch Spin Track) को लेकर किसी भी तरह से चिंतित नहीं होने की बात कही है. उनका मानना है कि अगर पिच पहले दिन से ही काफ़ी ज़्यादा टर्न लेती है तो यह उनके स्पिनरों को भी मदद करेगी. दूसरे टेस्ट की पूर्वसंध्या पर लैथम ने कहा, "हमारे सामने जिस तरह की भी परिस्थितियां रहेंगी, हम कोशिश करेंगे कि उसके प्रति हम जल्द से जल्द अनुकूलित हो जाएं. यह एक ऐसा मामला है, जो हमारे नियंत्रण में नहीं है. अगर हमें लगा कि पिच पर स्पिनरों के लिए ज़्यादा मदद रहेगी तो हमारी टीम में भी चार स्पिनर हैं. हम पहले से अत्याधिक धारणाओं के साथ मैदान पर नहीं उतर सकते."

ऑलराउंडर रचिन रविंद्र ने भी अपने कप्तान के इस विचार का समर्थन किया है. 2017 में भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ एक ऐसी पिच पर मैच खेला था, जो काफ़ी ज़्यादा टर्न कर रही थी लेकिन यह बात भारतीय टीम के पक्ष में नहीं गई थी और उन्हें उस मैच में हार का सामना करना पड़ा था. उस मैच में स्टीव ओ कीफ़ ने 12 विकेट लिए थे, जिसके कारण ऑस्ट्रेलिया तीन दिन में ही वह टेस्ट मैच जीत गया था.

रचिन ने कहा, "अगर पिच पर गेंद काफ़ी ज़्यादा स्पिन होती है तो इससे हमारी टीम के लिए भी अच्छा मौक़ा बनेगा. अगर आप टॉस जीत जाते हैं और पहले गेंदबाज़ी करते हुए दो-तीन विकेट जल्दी ले लेते हैं तो आप मैच पर अच्छी पकड़ बना सकते हैं. एक टीम के तौर पर हमारे सामने जो भी प्रस्तुत किया जाएगा, हमें उसे स्वीकार करना होगा. हम उसे बदल नहीं सकते. पिच पर हमारा कोई नियंत्रण नहीं है, लेकिन हम अपने रवैये को नियंत्रित कर सकते हैं. हम इस परिस्थिति को कैसे अपनाते हैं, बल्लेबाज़ी या गेंदबाज़ी में मौक़ा आने पर निरंतरता का कितना प्रयास करते हैं, यह हम पर है. हम इस चुनौती को लेकर उत्साहित हैं, चाहे वह जैसी भी हो."

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न्यूज़ीलैंड ने बेंगलुरु में पहले टेस्ट के लिए तीन स्पिनर्स को अपनी टीम में शामिल किया था, लेकिन पहली पारी के दौरान उन्हें एक भी स्पिनर की ज़रूरत नहीं पड़ी थी. हालांकि पुणे की स्पिन की मुफ़ीद पिच पर दोनों पारियों में स्पिनरों की भूमिका काफ़ी ज़्यादा बढ़ सकती है. न्यूज़ीलैंड इस बात के लिए भी तैयार है कि अगर हालात की मांग हो तो एक तेज़ गेंदबाज़ की जगह अतिरिक्त स्पिनर को चुना जा सकता है. ऑफ़ स्पिन ऑलराउंडर माइकल ब्रेसवेल अपने दूसरे बच्चे के जन्म के लिए घर लौट गए हैं, लेकिन उनके पास मिचेल सैंटनर (बाएं हाथ के उंगलियों के स्पिनर) और ईश सोढ़ी (रिस्ट स्पिनर) जैसे अन्य विकल्प मौजूद हैं.

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लैथम ने कहा, "मैंने अपनी प्लेइंग XI के बारे में काफ़ी कुछ सोचा है. आप लोगों से बात करने के बाद हम अपना अंतिम निर्णय लेंगे. जैसा कि मैंने कहा, यह बस यह इस बात को सुनिश्चित करने के बारे में है कि हम जितनी अच्छी तरह से अनुकूलित हो सकें, और यहां के पिछले मैचों से थोड़ी जानकारी लेने की कोशिश करें, और साथ ही जिन अभ्‍यास पिचों पर हम खेल रहे हैं, उम्मीद है कि वह मैच की पिच जैसी या कुछ हद तक समान होंगी. मुझे लगता है कि यही हमारे टीम की खू़बसूरती है कि हम खेल में बहुत अधिक पूर्वधारणाएं लेकर नहीं जाते और यह सुनिश्चित करने की कोशिश करते हैं कि हम जितनी अच्छी तरह से परिस्थिति के प्रति अनुकूलित हो सकें."
 

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