भारत मुंबई के वानखेड़े में न्यूजीलैंड को 372 रनों से मात देकर 1-0 से सीरीज जीतने में कामयाब रहा. अगर यह कहा जाए कि मेहमान टीम की तरफ से दस विकेट चटकाने वाले एजाज पटेल (Ajaz Patel) की अपनी टीम के लिए लड़ाई लड़ सके, तो एक बार को बिल्कुल भी गलत नहीं होगी, लेकिन वह अनलकी साबित हुए. वह भी एक नहीं, बल्कि तीन कारणों से. निश्चित ही, अगर न्यूजीलैंड टीम में कोई शख्स सबसे ज्यादा निराश या खुद को अनलकी महसूस कर रहा होगा, वह एजाज पटेल ही हैं. चलिए आप बारी-बारी से ये वजहें जान लीजिए.
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पहली वजह
एजाज ने पहली पारी में दस विकेट लिए, लेकिन इसके बावजूद उनकी टीम नहीं जीत सकी. एजाज ने 119 रन देकर 10 विकेट लिए थे. एजाज से पहले कपिल देव ने विंडीज के खिलाफ 1993 में 83 रन देकर नौ विकेट लिए थे. एजाज से पहले तक कपिल देव इस मामले में अनलकी थी, लेकिन अब यह बदनसीबी एजाज से चिपक गयी कि पारी में दस विकेट लेने के बावजूद अपनी टीम के लिए मैच नहीं जीत सके.
दूसरी वजह
बात सिर्फ पारी की ही नहीं, बल्कि यही बात मैच को लेकर भी लागू होती है. इस मामले में एजाज से पहले अनलकी जवागल श्रीनाथ ने साल 1999 में मैच में 132 रन देकर नौ विकेट लिए थे, लेकिन जवागल भारत को नहीं जीता सके थे. अब वानखेड़े में एजाज पटेल ने मैच में 225 रन देकर 14 विकेट जरूर लिए, लेकिन वह भी मैच नहीं ही जिता सके.
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तीसरी वजह
एजाज पटेल ने मैच पर मानो पूरी तरह से कब्जा कर लिया. मैच में 14 विकेट लिए, लेकिन याद नहीं आता कि आखिरी बार कब ऐसा हुआ था कि जिस गेंदबाज ने पारी में दस सहित मैच में कुल 14 विकेट चटकाए हों और उसे मैन ऑफ द मैच न मिला हो. वानखेड़े में मयंक अग्रवाल को मैन ऑफ द मैच चुना गया, लेकिन एजाज पटेल हाथ मलते हुए मानो पूछते रह गए कि मेरा कसूर क्या है.
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