IND vs AUS: "कुछ मजबूरियां थीं..." कोच के लिए पहली पंसद नहीं थे गौतम गंभीर, बीसीसीआई अधिकारी का बड़ा खुलासा

Gautam Gambhir: ऑस्ट्रेलिया में भारतीय टीम के खराब प्रदर्शन के बाद से गौतम गंभीर सवालों के घेरे में हैं और अब बीसीसीआई के एक अधिकारी ने खुलासा करते हुए कहा है कि गंभीर कोच पद के लिए बीसीसीआई की पहली पंसद नहीं थे.

विज्ञापन
Read Time: 5 mins
Gautam Gambhir: कोच के लिए पहली पंसद नहीं थे गौतम गंभीर

भारतीय क्रिकेट जब अपने दो दिग्गज खिलाड़ियों कप्तान रोहित शर्मा और सीनियर बल्लेबाज विराट कोहली की खराब फॉर्म से जूझ रहा है तब मुख्य कोच गौतम गंभीर और उनके सहयोगी स्टाफ की टीम में बदलाव के दौर से निपटने में भूमिका भी चर्चा का विषय बन गई है.

मौजूदा बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में टीम का सफर मुश्किल रहा है क्योंकि उसे आक्रामक और बेहद मजबूत ऑस्ट्रेलियाई टीम के सामने सही संयोजन हासिल करने में संघर्ष करना पड़ा है. मेहमान टीम शुक्रवार से यहां पांचवां और अंतिम टेस्ट मैच खेलेगी जिसे जीतना उसके लिए बेहद महत्वपूर्ण है.

मैदान पर आने वाले उतार-चढ़ाव के कारण मैदान के बाहर भी कुछ समस्याएं पैदा हो रही हैं और ड्रेसिंग रूम में अशांति की चर्चाएं बढ़ रही हैं. पता चला है कि गंभीर टीम के अधिकांश खिलाड़ियों के साथ एकमत नहीं हैं और संवाद उतना अच्छा नहीं है जितना रवि शास्त्री और राहुल द्रविड़ के समय हुआ करता था.

यह भी पढ़ें: IND vs AUS: जसप्रीत बुमराह नहीं बल्कि रोहित शर्मा के बाद 'Mr. Fix-It' होंगे कप्तान? रिपोर्ट में कप्तानी को लेकर बड़ा दावा

कप्तान रोहित शर्मा ने कहा था कि वह चयन के मुद्दों पर खिलाड़ियों से व्यक्तिगत रूप से बात करते हैं लेकिन जुलाई में गंभीर के कार्यभार संभालने के बाद रोहित ने कुछ ऐसे खिलाड़ियों को स्पष्ट रूप से नहीं बताया है कि उन्हें टीम से बाहर क्यों रखा जा रहा है जो जूनियर नहीं हैं.

रोहित की स्वयं की खराब फॉर्म ने भी उनकी मदद नहीं की है. लेकिन यह भी विश्वसनीय रूप से पता चला है कि अधिक मुखर व्यक्ति माने जाने वाले गंभीर को खिलाड़ियों के उस समूह का बहुत अधिक विश्वास हासिल नहीं है जो कोहली या रोहित जितने उम्रदराज नहीं हैं लेकिन हर्षित राणा या नितीश रेड्डी जैसे नए भी नहीं हैं.

Advertisement

भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर पीटीआई को बताया,"एक टेस्ट मैच बचा है और फिर चैंपियंस ट्रॉफी है. अगर प्रदर्शन में सुधार नहीं हुआ तो गौतम गंभीर की स्थिति भी सुरक्षित नहीं होगी."

चयन समिति के साथ गंभीर का समीकरण भी इस समय स्पष्ट नहीं है. टीम में ऐसे खिलाड़ी हैं जो प्लेइंग इलेवन के साथ प्रयोग करने की उनकी प्रवृत्ति के कारण असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. मौजूदा श्रृंखला में रेड्डी जैसे खिलाड़ी ने शानदार प्रदर्शन किया है लेकिन शुभमन गिल से जुड़े फैसलों को लेकर अब भी बहस चल रही है.

Advertisement

बीसीसीआई सचिव जय शाह अब अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद के प्रमुख बन गए हैं और बोर्ड को उनका पूर्णकालिक उत्तराधिकारी 12 जनवरी के बाद ही मिलेगा. एक बार प्रशासनिक स्थिरता आ जाने के बाद बीसीसीआई के शीर्ष अधिकारियों को कुछ सोचना होगा.

यह भी पढ़ें: IND vs AUS: सिडनी टेस्ट के बाद रोहित शर्मा को लेकर हो सकता है बड़ा फैसला, स्मिथ, कोहली का दिया जा रहा तर्क- रिपोर्ट

Advertisement

जब तक शाह बीसीसीआई के प्रभारी थे तब तक वही फैसले करते थे. बोर्ड के मौजूदा अध्यक्ष और पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज रोजर बिन्नी को कोई नीति संबंधी फैसला लेते नहीं देखा गया है. लेकिन अगर फरवरी-मार्च में होने वाली चैंपियंस ट्रॉफी में भारत का प्रदर्शन बहुत बेहतर नहीं रहा तो गंभीर के पर कतर दिए जाएंगे.

बीसीसीआई अधिकारी ने कहा,"वह कभी भी बीसीसीआई की पहली पसंद नहीं थे (वीवीएस लक्ष्मण थे) और कुछ जाने-माने विदेशी नाम तीनों प्रारूप के कोच नहीं बनना चाहते थे इसलिए वह एक समझौता थे. जाहिर है कुछ अन्य मजबूरियां भी थीं." न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू मैदान पर 0-3 से मिली हार के बाद गंभीर से पहले ही कुछ कठिन सवाल पूछे जा चुके हैं और अगर बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी भी गंवा दी गई तो दिल्ली के ओल्ड राजिंदर नगर के इस पूर्व सलामी बल्लेबाज के लिए चीजें मुश्किल हो सकती हैं.

Advertisement

पहले से ही एक विचारधारा यह है कि गंभीर को केवल टी20 टीम की कमान सौंपी जानी चाहिए जो एक ऐसा प्रारूप जिसमें वह सफल कप्तान और फिर कोलकाता नाइट राइडर्स और लखनऊ सुपरजायंट्स दोनों के सफल मेंटर (मार्गदर्शक) रहे.

एक सवाल यह भी पूछा जा रहा है कि क्या वह विराट कोहली को ऑफ स्टंप के बाहर की तरफ लगातार आउट होने के मामले में कोई समाधान दे पाए हैं? हालात को देखते हुए, इसका जवाब 'नहीं' ही लगता है.

भारत के लिए 90 से अधिक टेस्ट खेलने वाले एक पूर्व दिग्गज ने कहा,"गौतम अपने पूरे जीवन में इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में खेलते हुए गेंद को स्लिप और गली की तरफ दबाते थे. इसलिए उन्हें पता है कि कोहली की समस्या क्या है. उन्होंने इसे एक खिलाड़ी (2014 में) और एक कमेंटेटर के रूप में और अब एक कोच के रूप में देखा है." उन्होंने कहा,"अगर उसे (गंभीर को) पता है कि क्या गलत है तो उसे (कोहली को) यह बताना चाहिए."

बीसीसीआई के अधिकारी सहयोगी स्टाफ के एक प्रमुख सदस्य के बारे में कुछ अन्य घटनाक्रमों पर भी नजर रख रहे हैं जिसके साथ सभी स्थानों पर उसका निजी सहायक रहता है. ऐसा माना जा रहा है कि संबंधित व्यक्ति को आईपीएल के दौरान मैदान पर जाने की सुविधा थी जहां वह मैच के बाद फ्रेंचाइजी जर्सी पहनकर प्रवेश करता था. एक शीर्ष सूत्र के अनुसार ऑस्ट्रेलिया में बीसीसीआई सदस्यों को समर्पित बॉक्स में उसकी उपस्थिति को सराहा नहीं गया.

यह भी पढ़ें: IND vs AUS: ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर टीम इंडिया में 'तुरुप के इक्के' को चाहते थे गौतम गंभीर, सेलेक्टर्स ने नहीं मानी बात, रिपोर्ट में हुआ बड़ा खुलासा

Featured Video Of The Day
Delhi Assembly Elections 2025 | 'कल दो अहम विकास योजना का शुभारंभ': Atishi
Topics mentioned in this article