कुछ साल पहले ही की बात है, जब युवा पृथ्वी शॉ (Prithvi Shaw) को सवश्रेष्ठ युवा बल्लेबाज और भविष्य का स्टार करार दिया गया था. लेकिन चोट, बर्ताव और कुछ बातों के चलते हुआ यह कि पांच सालों में पृथ्वी पांच टेस्ट, छह वनडे और एक टी20 मुकाबला ही खेल सके. और आज हालात ये हैं कि पिछले दिनों घोषित एशियाई खेलों की टीम में भी वह जगह नहीं बना सके. और कभी रेस में उनसे खासे पीछे खड़े यशस्वी जायसवाल (Yashasvi Jaiswal) और ऋतुराज गायकवाड़ (Rutraj Gaikwad) उनसे आगे हो गए हैं. हालांकि, न्यूजीलैंड के खिलाफ उनकी वापसी हुई थी, लेकिन तब उन्हें एक भी मैच नहीं खिलाया गया
पृथ्वी ने एक वेबसाइट से बातचीत में कहा कि वह नहीं जानते कि करियर की अहम दौर पर क्यों उन्हें बिना एक भी मैच खिलाए बिना टी20 टीम से बाहर कर दिया गया. उन्होंने कहा कि जब मुझे टीम के बाहर किया गया, तो मुझे नहीं पता कि इसके पीछे क्या वजह रही.
पथ्वी भले ही कारण न जानते हैं, तो लेकिन इसके पीछे आईपीएल हो सकता है, जहां वह 8 मैचों में सिर्फ 116 रन ही बना सके. यहां तक कि कैपिटल्स को उन्हें इलेवन से बाहर बैठाने को मजबूर होना पड़ा. एक बार फिर से शॉर्ट पिच और अंदर आती हुई गेंदों पर उनकी खामी को बाकी टीमे के बॉलरों ने अच्छी तरह भुनाया.
पृथ्वी बोले कि कोई कह रहा था कि ऐसा फिटनेस के कारण हो सकता है. लेकिन सच यह है कि मैं बेंगलुरु गया और एनसीए में सभी टेस्ट पास किए. मैंने फिर से ढेरों रन बनाए और फिर से टी20 टीम में वापसी की. लेकिन फिर से मुझे विंडीज के खिलाफ मौका नहीं मिला. युवा ओपनर ने कहा कि मैं निराश हूं, लेकिन आपको आगे बढ़ना होता है. मैं इसमें कुछ नहीं कर सकता. मैं किसी के साथ नहीं लड़ सकता
कुल मिलाकर ऐसा लग रहा है कि पृथ्वी अब एशिया कप और विश्व कप के लिए भी सेलेक्टरों की प्लानिंग का हिस्सा नहीं है. और वजह साफ है कि जहां इशान किशन सहित जायसवाल और ऋतुराज को अब प्राथमिकता मिल रही है. ऐसे में पृथ्वी को अब टीम इंडिया में वापसी के लिए न केवल लगाता रन बनाने होंगे, बल्कि किसी दूसरे ओवर के फ्लॉप होने का इंतजार भी करना होगा.
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