हाल ही में चैंपियंस ट्रॉफी में बल्ले से शानदार प्रदर्शन करने वाले पंजाब किंग्स के कप्तान श्रेयस अय्यर (Shreyas Iyer) ने कहा है कि मेगा इवेंट में शानदार प्रदर्शन के बाद अब उन्हें खुद को किसी के सामने साबित करने की जरूरत नहीं है. अय्यर पांच मैचों में 48.60 के औसत से भारत के लिए 243 रन बनाकर सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे थे. अय्यर को अपने करियर में लगातार कभी किसी बात को, तो कभी शॉर्ट-बॉल खेलने को लेकर आलोचना का सामना करना पड़ता रहा है. बावजूद इसके कि साल 2023 विश्व कप में उन्होंने 11 पारियों में 530 रन बनाए थे.और अब उन्होंने चैंपियंस ट्रॉफी में अहम रोल निभाया है.अय्यर ने हाल ही में कहा कि पिछले दिनों नागपुर में जोफ्रा आर्चर के खिलाफ लगातार जड़े छक्कों से उन्हें शॉर्ट-पिच के खिलाफ खासा कॉन्फिडेंस मिला.
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अय्यर ने कहा, 'कॉन्फिडेंस के लिहाज से निश्चित तौर पर ऐसा हुआ. लेकिन अगर आप मेरे घरेलू सीजन को देखोगे, तो मैं इस साल बहुत शॉर्ट-पिच गेंद खेलीं. और मैंने मुश्किल गेंदों पर छ्क्के लगाए. इससे मुझे बहुत ही कॉन्फिडेंस मिला. तकनीकी रूप से मैंने थोड़े चौड़े स्टांस के साथ आधार बनाया और इससे मुझे शॉट में पावर पैदा करने में मदद मिली. इसके बाद मैं इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज में इसे दोहराने में सफल रहा', उन्होंने कहा, 'अब मैं किसी को संदेश नहीं भेजना चाहता. अब मुझे खुद में भरोसा करना है और सर्वश्रेष्ठ क्रिकेट खेलनी है. सारे संदेश अपने आप पहुंच जाएंगे'
चैंपियंस ट्रॉफी के ज्यादा मैचों की तरह अय्यर को फाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ मिड्ल ओवरों में रन औसत बढ़ाने के लिए कहा गया था. 252 का ज्यादा बड़ा लक्ष्य न होने के बावजूद भारत कुछ विकेट गंवाकर कुंद पड़ गया था. बीच में अय्यर को स्पिनरों से निपटना पड़ा और उन्होंने अक्षर पटेल के साथ चौथे विकेट के लिए अहम साझेदारी निभाई. फाइनल में अय्यर ने 62 गेंदों पर 48 रन बनाए थे.
अय्यर इस पारी पर बोले, 'मेरा इरादा लगातार बैटिंग करने का था. अगर आप याद करोगे, तो पाओगे कि हम हर गेंद पर रन के हिसाब से बैटिंग कर रहे थे. और अगर मैं उस गेंद (सैंटनर के खिलाफ) बाउंड्री लगा देता, तो यह अंतर पैदा करता. दुर्भाग्यवश यह थोड़ा तेज आई और मैं इस पर पावर पैदा नहीं कर सका'