- एशिया कप 2025 के लिए टीम इंडिया का चयन मंगलवार को किया जाएगा जिसमें जसप्रीत बुमराह की भूमिका पर असमंजस है
- जसप्रीत बुमराह अक्टूबर में विंडीज के खिलाफ होने वाली टेस्ट सीरीज से वापसी कर सकते हैं
- गावस्कर ने बुमराह के चयन को लेकर कहा कि चयनकर्ताओं को तय करना चाहिए कि उन्हें कब खिलाना उचित होगा
Gavaskar on Jasprit Bumrah: एशिया कप (Asia Cup 2025) के लिए टीम इंडिया का चयन मंगलवार को किया जाएगा. पूर्व दिग्गजों और फैंस के बीच मेगा इवेंट के लिए टीम को लेकर बहुत ही उत्सुकता बनी हुई है. जिन खिलाड़ियों को लेकर चर्चा है, उनमें स्टार पेसर जसप्रीत बुमराह (Jasprit Bumrah) भी हैं. बुमराह को लेकर असमंजस की स्थिति है कि वह एशिया कप में खेलेंगे भी या नहीं. एक खबर यह भी है कि वह अक्तूबर में विंडीज के खिलाफ (Ind vs Wi) खेले जाने वाली टेस्ट सीरीज से वापसी करेंगे. और यही बात महान दिग्गज सुनील गावस्कर (Gavaskar on Bumrah) को पसंद नहीं आई है. इसी असमजंस के बीच सनी ने बुमराह को कड़ा संदेश दिया है.
गावस्कर ने एक अग्रणी अखबार के लिए लिखे कॉलम में कहा, 'कोई भी बात ऐसी नहीं है, जो अनिवार्य है और जिसके बिना काम नहीं चल सकता. यही वजह है कि सेलेक्टरों के लिए यह बहुत ही महत्वपूर्ण है कि वे अब तय करें कि बुमराह को कब खेलना चाहिए. इंग्लैंड के खिलाफ हाल ही में खत्म हुई सीरीज में पहले से ही उनके खेलने को लेकर अच्छी खासी बहस हो चुकी है. सही बात यह है कि वह पहले ही चयन समिति को यह बता चुके थे कि वह पांच में से केवल तीन ही टेस्ट खेल सकते हैं.और बहस से निकली यह बात बहुत ही ज्यादा चर्चा का विषय रही कि बुमराह को ओवल में क्या वह टेस्ट खेलना चाहिए था, जिसमें भारत को हर हाल में जीत चाहिए थी. खासकर यह देखते हुए कि यहां पिच पर बहुत ज्यादा घास थी'
उन्होंने आगे लिखा, 'अब अगला टेस्ट मैच अक्टूबर में खेला जाएगा. ऐसे में बुमराह के पास चोट से उबरने के लिए पूरे दो महीने का समय है. भारतीय प्रबंधन ने कहा था कि बुमराह के भविष्य को देखते हुए उन्हें आखिरी टेस्ट में जगह नहीं दी गई. यही वह रेखा है, जहां यह अहम हो जाता है कि व्यक्ति विशेष के लिए क्या अच्छा है और भारतीय टीम के लिए क्या?'
गावस्कर ने लिखा, 'निश्चित तौर पर अगर बुमराह फिट थे, तो भारतीय क्रिकेट की भलाई के लिए उन्हें खेलना चाहिए था. हालांकि, मुझे यह स्पष्ट नहीं है कि बुमराह के आखिरी टेस्ट में न खेलने का फैसला उनका था या टीम प्रबंधन का, लेकिन आखिर में भारत की जीत ने आखिर में एक बार फिर से दिखाया कि अगर कोई बात जानने की जरूर थी, तो वह यह है कि कोई भी खेल के लिए अनिवार्य नहीं है. खेल आगे बढ़ता रहता है.