'अगर मैं चीफ सेलेक्टर होता, तो कोहली को...', वेंगसरकर का बड़ा बयान

वेंगसरकर ने यह बात तब कही है, जब भारत ने हाल ही में इंग्लैंड के खिलाफ गिल की कप्तानी में सीरीज को 2-2 से ड्रॉ कराया है

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  • पूर्व कप्तान ऐलान किया था, जिससे फैंस चिंतित हो गए थे, लेकिन भारत 2-2 से ड्रॉ कराने में सफल रहा था
  • दिलीप वेंगसरकर ने कहा कि सेलेक्टर्स को इंग्लैंड सीरीज तक कोहली को संन्यास न लेने के लिए मनाना चाहिए था
  • वेंगसरकर ने माना कि कोहली के अनुभव और स्तर की सीरीज में बहुत जरूरत थी जो टीम को फायदा पहुंचा सकता था
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कुछ महीने पहले जब पूर्व कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) ने इंग्लैंड के खिलाफ बड़ी सीरीज से पहले संन्यास का ऐलान किया, तो करोड़ों फैंस चिंतित हो गए, लेकिन अब वही फैंस यह कह रहे हैं कि अगर कोहली होते, तो ऐसा भी हो सकता था कि ऐसा प्रदर्शन नहीं ही होता. बहरहाल, अब बदले हालात के बाद तो चर्चा उनके वनडे फ्यूचर को हो चली है. वहीं, अब पूर्व कप्तान और चीफ सेलेक्टर रह चुके दिलीप वेंगसरकर ने कहा है कि सेलेक्टरों को इंग्लैंड सीरीज तक कोहली से संन्यास न लेने के लिए राजी करना चाहिए था.

साल 2006 से 2008 तक चीफ सेलेक्टर की भूमिका निभाने वाले वेंगी ने एक अखबार से बातचीत में कहा, 'अगर मैं चीफ सेलेक्टर होता, तो मैं इंग्लैंड सीरीज खत्म होने के बाद उन्हें संन्यास के लिए राजी करता. हमें इस सीरीज में उनके स्तर और अनुभव की जरूरत थी.' वैसे जब वेंगसरकर जैसा दिग्गज कह रहा है, तो कौन जानता है कि अगर कोहली टीम में होते, तो सीरीज का स्कोर ड्रॉ नहीं, बल्कि भारत के पक्ष में होता.

इतना खराब आगाज रहा था कोहली का और...

वैसे जब कोहली के इंग्लैंड में प्रदर्शन की बात आती है, तो साल 2014 में उनका पहला इंग्लैंड एकदम फ्लॉप रहा था. तब विराट 5 मैचों की 10 पारियों में 13.40 के औसत से 134 रन ही बना सके थे. और उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर भी 39 रन ही था, लेकिन फिर विराट ने साल 2018 में 655 रन बनाए, लेकिन 2021-22 में फिर से विराट का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा. नतीजा यह रहा कि इंग्लैंड की धरती पर खेले कुल 17 टेस्ट में कोहली का औसत 33.21 पर सिमट गया, जो उनके जैसे बल्लेबाज की काबिलियत से बहुत ही कम है.

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