"गंभीर का काम मैदान पर कोचिंग देना है न कि...", हरभजन बीसीसीआई की आचार-संहिता के इस पहलू पर उठाई उंगली

BCCI's diktat: हाल ही में बीसीसीआई द्वारा जारी किए गए 10 सूत्रीय एजेंडे पर मिश्रित प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है. पहला बड़ा कमेंट हरभजन की तरफ से आया है

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
नई दिल्ली:

ऑस्ट्रेलिया में हार के बाद स्टार क्रिकेटरों पर नकेल कसने और टीम में "एकता और अनुशासन" लाने के मकसद से BCCI द्वारा जारी किया गए 10  सूत्रीय एजेंडे को पूर्व दिग्गजों और मीडिया द्वारा अलग-अलग नजर से देखा ज रहा है. एक वर्ग इसे पसंद कर रहा है, तो आलोचना करने वाले भी लोग हैं. इसी बीच पूर्व दिग्गज हरभजन सिंह ने हेड कोच गौतम गंभीर को लेकर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है. भज्जी ने कहा है कि गंभीर का काम मैदान पर कोचिंग देना और टीम की तकनीकी खामियां दूर करना है, जबकि प्रशासकीय काम पूरी तरह से बीसीसीआई के सक्षम लोगों पर छोड़  देना चाहिए. 

हाल ही में हेड कोच गौतम गंभीर, रोहित शर्मा, चीफ सेलेक्टर अजित अगरकर ने पूर्व सचिव जय शाह के साथ हालिया प्रदर्शन की समीक्षा की थी. और यह मीटिंग करीब छह घंटे चली थी. इसी के बाद कुछ "गंभीर सिफारिश" बोर्ड को की गई थीं और इनमें से ज्यादातर को मानकर पॉलिसी में तब्दील कर दिया गया. लेकिन पूर्व ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह नई आचार-संहिता के इस पहलू से समहत नहीं है कि खिलाड़ियों को हेड कोच से पहले अनुमति लेने की जरुरत है. 

भज्जी ने कहा, "हमारे समय में ऐसा लिखित में होता था कि कुछ मामलों में बीसीसीआई की पहले से मंजूरी जरूरी है. ऐसे में मंजूरी के लिए बीसीसीआई को मेल भेजकर अनुमति मांगी जाती थी. ऐसे में हेड  कोच को इस मामले में जाने की क्यों जरुरत है? यह उनका काम नहीं है." पूर्व ऑफ स्पिनर ने कहा, "गंभीर का काम मैदान पर काम करना और खिलाड़ियों की तकनीकी खामियों को दूर करना है. प्रशासकीय काम पूरी तरह से बोर्ड के सक्षम और जिम्मेदार लोगों पर छोड़ दिया जाना चाहिए"

Advertisement
Featured Video Of The Day
Eid पर Kishanganj में भिड़े Muslim लोग, जमकर चले लाठी- डंडे, ख़ुशी के माहौल में खट्टास | Bihar News