जानिए मोबाइल फोन की तरह क्यों चार्ज की जाती है फीफा विश्व कप की गेंद?

कतर में खेले जा रहे फीफा विश्व कप (FIFA World Cup) में अब तक की सबसे हाई टेक बॉल इस्तेमाल की जा रही है. जिसे मोबाइल फोन की तरह चार्ज भी करना पड़ता है.

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मोबाइल की तरह क्यों चार्ज की जाती है फीफा विश्व कप की गेंद?
नई दिल्ली:

कतर में खेले जा रहे फीफा विश्व कप (FIFA World Cup) में अब तक की सबसे हाई टेक बॉल इस्तेमाल की जा रही है. जिसे मोबाइल फोन की तरह चार्ज भी करना पड़ता है. फीफा विश्व कप में इस्तेमाल की जा रही इस गेंद का नाम अल- रिहला है. जिसे एडिडास (ADIDAS) कंपनी ने डिज़ाइन किया है. बता दें कि इस गेंद को खास तकनीक और प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल करके बनाया गया है.

बता दें कि मैच में इस्तेमाल की जाने वाली हर एक गेंद को मैच शुरू होने से पहले चार्ज किया जाता है. बता दें कि इस फुटबॉल में एक 14 ग्राम का सेंसर लगा हुआ है जिसकी मदद से बॉल को रियल टाइम में  ट्रैक किया जा सकता है. साथ ही खेल के दौरान ये पता लगाया जा सकता है कि फुटबॉल का स्टीक लोकेशन क्या है?

खेल के दौरान किसी भी प्रकार की कोई चीटिंग ना हो सके जैसे कि गोल या ऑफसाइड के मामलों में इस सेंसर की मदद से पता लगाया जा सकता है कि बॉल की असली लोकेशन क्या थी. फुटबॉल में लगे इसी सेंसर में एक बैटरी लगी होती है जिसे हर 6 घंटे के बाद चार्ज करने की ज़रूरत होती है. इसीलिए इस बॉल को चार्ज किया जाता है. अब तो आप समझ ही गए होंगे कि विश्व कप की इस बॉल को मोबाइल फोन की तरह क्यों चार्ज किया जाता है?

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