इंग्लैंड दौरे के लिए टीम के ऐलान के बाद प्रशंसकों ने सेलेक्टरों के लिए उठाए ये 4 बड़े सवाल

इंग्लैंड दौरे के लिए घोषित टेस्ट टीम में केएल राहुल और विकेटकीपर ऋिद्धिमान साहा दो ऐसे खिलाड़ी हैं, जो फिटनेस टेस्ट पास करने के बाद ही इग्लैंड का टिकट हासिल कर पाएंगे. ऐसे में टीम चयन के बाद क्रिकेट पंडितों और फैस के बीच तरह-तरह की चर्चा और सवाल चल रहे हैं. कुछ पक्ष में बात कह रहे हैं, तो चयन समिति के लिए सवाल भी कई हैं. क्रिकेटप्रेमियों के सवालों से हम कुछ सवाल लेकर आए हैं. 

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पृथ्वी शॉ को लेकर सेलेक्टरों ने कुछ ज्यादा ही सख्त रवैया दिखाया है.
नई दिल्ली:

इंग्लैंड के लंबे दौर के लिए राष्ट्रीय चयन समिति ने शुक्रवार को 20 सदस्यीय भारतीय टीम का ऐलान कर दिया है. शुरुआत में ऐसी खबरें आ रही थीं कि बोर्ड की योजना लंबे दौरे के लिए 30 सदस्यीय टीम भेजने की है, लेकिन आखिर में सेलेक्टों ने 20 सदस्यीय टीम का ऐलान किया. इसमें भी केएल राहुल और विकेटकीपर ऋिद्धिमान साहा दो ऐसे खिलाड़ी हैं, जो फिटनेस टेस्ट पास करने के बाद ही इग्लैंड का टिकट हासिल कर पाएंगे. ऐसे में टीम चयन के बाद क्रिकेट पंडितों और फैस के बीच तरह-तरह की चर्चा और सवाल चल रहे हैं. कुछ पक्ष में बात कह रहे हैं, तो चयन समिति के लिए सवाल भी कई हैं. क्रिकेटप्रेमियों के सवालों से हम कुछ सवाल लेकर आए हैं. 

1. ज्यादा खिलाड़ी क्यों नहीं?
एक सवाल यह जोर-शोर से चल रहा है कि इस लंबे दौरे में ज्यादा खिलाड़ी क्यों नहीं हैं. भारत को डब्ल्यूटीसी के फाइनल को मिलाकर छह टेस्ट खेलने हैं. खिलाड़ियों को 14 दिन का अनिवार्य कवारंटिन नियम का पालन भी करना है. ऐसे में अगर ईश्वर न करे कोई संक्रमित हो जाता है, तो कैसे काम चलेगा. एकदम विकल्प का इंतजाम कैसे होगा. 

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2. तीसरा विकेटकीपर क्यों नहीं?
लंबे दौरे को देखते हुए साफ है कि ऋषभ पंत पर बोझ बहुत ही ज्यादा होने जा रहा है. अब जहां ऋिद्धिमान साहा का इंग्लैंड का टिकट उनकी फिटनेस पर निर्भर करेगा. ऐसे में सवाल यह भी है कि टीम में तीसरे या रिजर्व खिलाड़ियों में विकेटकीपर को जगह क्यों नहीं दी गयी? 

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3. पृथ्वी शॉ की अनदेखी क्यों?
सभी जानते हैं कि इस युवा ओपनर ने हाल  ही में आईपीएल में बल्ले से कैसा प्रदर्शन किया है. उनके चाहने वाले और क्रिकेटप्रेमी मानकर चल रहे थे कि पृथ्वी शॉ की टीम में जरूर वापसी होगी, लेकिन सेलेक्टरों का तर्क है कि वह सफेद गेंद संस्करण में अच्छा क रहे हैं और लंबे समय से रेड-बॉल क्रिकेट नहीं हुई है. अब सवाल यह है कि वह ऩए खिलाड़ी तो हैं नहीं. क्या भारत के लिए 5 टेस्ट खेल चुके, 1 शतक बना चुके और 42.37 का औसत रखने वाले बल्लेबाज को भी इनिंग क्रिकेट के लिहाज से फिर से कुछ साबित करना होगा. निश्चित ही, सेलेक्टरों ने एक बहुत ही सख्त और शायद गैरजरूरी पैमाना बना दिया है. आगे कितना फॉलो होगा, देखने वाली बात होगी? पृथ्वी शॉ के आईपीएल के इस संस्करण में अभी तक 8 मैचों में 38.50 के औसत से 308 रन हैं. 

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4. अनुकूल हालात में भुवी का चयन क्यों नहीं?
सभी जानते हैं कि भुवनेश्वर एक अलग शैली के गेंदबाज हैं और उनकी ताकत सीम और स्विंग है, जो इंग्लैंड के हालात में हमेशा सर्वोच्च और आदर्श मानी गयी है. ऐसे में भुवनेश्वर कुमार का चयन न होना फैंस के लिए हैरानी भरा रहा. भुवनेश्वर कुमार इस सीजन में हैदराबाद के लिए अभी तक 5 ही मैच खेल सके हैं. और उन्होंने 19 ओवरों में 3 विकेट चटकाए. 

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