Kapil Dev Reaction on BCCI's family Rule: ऑस्ट्रेलिया में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी सीरीज में भारतीय टीम को 1-3 से हार का सामना करना पड़ा था. इस हार के साथ ही भारतीय टीम वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल की रेस से बाहर हो गई थी. भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया में मिली हार से पहले घर पर न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में 0-3 से करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा था. ऐसे में बोर्ड ने इन हार का संज्ञान लिया था और खिलाड़ियों के लिए 10 प्वाइंट के दिशानिर्देश तय किए थे. इस दौरान बोर्ड ने खिलाड़ियों के साथ परिवार को रखने पर रोक लगाई थी और कुछ नियम तय किए थे. बीसीसीआई के इस नियम के खिलाफ कई खिलाड़ियों ने बयान दिए, जिसमें ताजा नाम अब विराट कोहली का जुड़ा है. वहीं अब टीम इंडिया के पूर्व कप्तान कपिल देव विराट कोहली के समर्थन में आए हैं.
कपिल देव ने फैमिली रूल पर दिया बयान
पूर्व भारतीय कप्तान कपिल देव ने लंबे क्रिकेट दौरों पर खिलाड़ियों के साथ उनके परिवारों के जाने पर चल रही बहस पर अपनी राय साझा की है और कहा है कि दौरों पर परिवार की मौजूदगी महत्वपूर्ण है. बीसीसीआई के नए नियमों के तहत अब खिलाड़ी 45 दिनों से अधिक चलने वाली सीरीज या टूर्नामेंट में, 14 दिनों तक परिवार को अपने साथ रख सकते हैं. जबकि छोटे दौरों के लिए यह सीमा घटाकर सिर्फ सात दिन कर दी गई है.
मंगलवार को पीजीटीआई प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मीडिया से बात करते हुए कपिल देव ने दौरों पर परिवार को साथ रखने के नियम पर कहा,"यह क्रिकेट बोर्ड का फैसला है, मेरा कहना है कि हां, आपको परिवार की जरूरत है, लेकिन आपको हर समय टीम के साथ रहने की भी जरूरत है. हमारे समय में, हम खुद से कहते थे, क्रिकेट बोर्ड से नहीं, कि पहले हाफ में हमें क्रिकेट खेलने दें; दूसरे हाफ में परिवार को भी वहां आकर इसका आनंद लेना चाहिए. यह एक मिश्रण होना चाहिए."
विराट ने BCCI के नियम पर उठाए सवाल
बता दें, रॉयल चैलेंगर्स बेंगलुरु के पूर्व कप्तान और स्टार बल्लेबाज विराट कोहली ने आरसीबी के इनोवेशन लैब समिट में बोलते हुए परिवार के होने के महत्व को बताते हुए कहा था कि कैसे उनकी उपस्थिति मैदान पर चुनौतीपूर्ण और गहन दिनों का प्रबंधन करने में सहायता करती है. कोहली ने कहा,"लोगों को परिवार की भूमिका समझाना बहुत मुश्किल है... हर बार जब आपके साथ बाहर कुछ बहुत मुश्किल हो रहा होता है, तो अपने परिवार के पास वापस आना कितना महत्वपूर्ण होता है. मुझे नहीं लगता कि लोगों को इस बात की समझ है कि इससे क्या फायदा होता है."
विराट कोहली ने कहा कि प्रियजनों के साथ समय बिताने से उन्हें खेल के दबाव से दूर रहने और कठिन मैचों के बाद खुद को अलग-थलग करने के बजाय मानसिक रूप से फिर से तैयार होने का मौका मिलता है. उन्होंने कहा था,"मैं अपने कमरे में जाकर अकेले बैठकर उदास नहीं रहना चाहता. मैं सामान्य होना चाहता हूं. तब आप वास्तव में अपने खेल को एक जिम्मेदारी के रूप में देख सकते हैं."
हाल ही में समाप्त हुई चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान, विराट कोहली, रवींद्र जड़ेजा और मोहम्मद शमी जैसे खिलाड़ियों का परिवार दुबई में उनके साथ था, लेकिन वे टीम होटल में नहीं रुके. उनके रहने का खर्च बीसीसीआई ने नहीं बल्कि खिलाड़ियों ने उठाया था. इससे पहले, इंग्लैंड के खिलाफ व्हाइट बॉल सीरीज के दौरान भी खिलाड़ियों के परिजन टीम होटल में नहीं रूके थे.
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