- लॉर्ड्स टेस्ट के अंतिम दिन भारत की टीम ने 7 विकेट पर 82 रन बनाकर जीत के लिए 111 रन की चुनौती सामने पाई है
- भारतीय बल्लेबाजों के जल्दी आउट होने से टीम की स्थिति खराब हो गई और जीत का रास्ता बेहद कठिन हो गया है
- इतिहास में चौथी पारी में तीन विकेट रहते हुए इतने रन बनाना केवल एक बार हुआ है, जो पाकिस्तान ने 1994 में किया था
England vs India: किसी ने भी नहीं सोचा था कि लॉर्ड्स से टेस्ट के आखिरी दिन सोमवार को भारतीय टीम के साथ ऐसा होगा, जो हो गया! करोड़ों भारतीय फैंस को भरोसा था कि उनके उनके हीरो आखिरी दिन बचे 135 रन बनाने के लिए केएल राहुल, पंत सहित तमाम बल्लेबाज अग्रेंजों को करारा जवाब देकर बताएंगे कि जो चौथे दिन आखिरी सेशन में हुआ, उसका ज्यादा मतलब नहीं था. लेकिन पांचवें दिन तो हालात इतने खराब हो गए कि देखते ही देखते टीम गिल ने अपने तीन विकेट सिर्फ 11 रन के भीतर गंवा दिए. और देखते ही देखते ऋषभ पंत, (9), केएल राहुल (39) और वॉशिंगटन सुंदर (0) 11 रन के भीतर पवेलियन लौट गए. टीम इंडिया का स्कोर 7 विकेट पर 82 रन हो गया. और इसी के साथ ही टीम इंडिया लॉर्ड्स में ऐसी जगह आकर खड़ी हो गई, जहां से उसका जीतना किसी चमत्कार से कम नहीं होगा क्योंकि करीब 148 साल के इतिहास में ऐसा सिर्फ ही बार हुआ है.
ऐसा इतिहास में सिर्फ एक ही बार हुआ
वॉशिंगटन सुंदर का विकेट गिरने के समय भारत को तीसरा टेस्ट जीतन के लिए 111 रन की दरकार थी. और इतिहास में चौथी पारी में 3 विकेट हाथ में होते हुए इतने बचे हुए रन को किसी टीम द्वारा एक ही बार हासिल किया गया है. इस कारनाने को किसी और नहीं, बल्कि पड़ोसी देश पाकिस्तान ने किया था. पाकिस्तान टीम ने चौथी पारी में सिर्फ 3 विकेट हाथ में होते हुए बाकी बचे 11 रन साल 1994 में कराची में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बनाए थे. तब पाकिस्तान कुल 314 रनों का पीछा कर रहा था.
चैलेंज पर खरे उतरेंगे ये स्टार?
यहां से चमत्कार का होना पूरी तरह से पहली पारी में शानदार प्रदर्शन करने वाले और अभी तक मैच में उपयोगी ऑलराउंड प्रदर्शन करने वाले नितीश रेड्डी पर निर्भर करता है. निश्चित तौर पर बचे हुए 111 रन बनाना कतई आसान नहीं होने जा रहा है. लेकिन अगर यह ऐसा करने में सफल रहते हैं, तो भारतीय इतिहास में वो घटित होगा, जो पहले कभी नहीं हुआ, लेकिन सवाल यही है कि क्या इस चैलेंज पर खरे उतरेंगे ये स्टार?