- इंग्लैंड के पूर्व कप्तान जो रूट ने लॉर्ड्स में भारत के खिलाफ तीसरे टेस्ट में अपना 37वां शतक बनाया और टीम को 387 रन तक पहुंचाया।
- जो रूट ने पिछले चार वर्षों में टेस्ट क्रिकेट में 20 शतक जड़े हैं, जो अन्य दिग्गज खिलाड़ियों की तुलना में दोगुने से अधिक है।
- स्टीव स्मिथ और केन विलियमसन ने इसी अवधि में 10-10 शतक बनाए हैं, जबकि हैरी ब्रूक ने 9 शतक बनाए हैं।
Joe Root v/s Sachin Tendulkar: इंग्लैंड के पूर्व कप्तान जो. रूट (Joe Root) ने लॉर्ड्स में भारत के खिलाफ (Eng vs Ind) तीसरे टेस्ट के दिन करियर के 37वें शतक से इंग्लैंड को 387 का स्कोर दिलाने में बहुत ही अहम भूमिका निभाई. पूर्व कप्तान ने एक और शतक के साथ अपने आंकड़ों को और बेहतर बना दिया. और जो तस्वीर आई है, उसने फैंस के बीच इस बहस को फिर से जन्म दे दिया है कि क्या जो. रूट (Joe Root) सचिन के टेस्ट में सबसे ज्यादा 51 शतकों के रिकॉर्ड को तोड़ देंगे. इस पर अच्छी खासी बहस फैंस के बीच छिड़ सकती है. कुछ इस पहलू पर जो. रूट के पक्ष में तर्क दे सकते हैं, तो कुछ सचिन की साइड में खड़े हो सकते हैं, लेकिन यह सही है कि इस बहस को अनदेखा नही किया जा सकता. और अगर ऐसी चर्चा फिर से होती दिख रही है, तो उसके पीछे है जो. रूट की पिछले 5 साल में शतक बनाने की गति. रूट ने पिछले चार साल में जितने शतक बनाए हैं, बाकी बल्लेबाजों ने उससे आधे शतक जड़े हैं.
पिछले 5 साल में रूट एक तरफ और बाकी...
साल 2021 के बाद से अभी तक यानी पिछले करीब चार साल में जो. रूट ने टेस्ट में 20 शतक जड़े हैं, जबकि इस अवधि में स्टीव स्मिथ और न्यूजीलैंड दिग्गज केन विलियमसन ने 10-10 शतक बनाए हैं, जबकि मॉडर्न ग्रेट हैरी ब्रूक ने 9 शतक बनाए हैं. मतलब जो. रूट ने पिछले चार साल में औसतन सालना 5 शतक जड़े हैं. यह अंतर किसी को भी बताने और समझाने के लिए काफी हैं कि शतक बनाने की स्पीड में जो. रूट एक तरफ हैं, तो बाकी दिग्गज बल्लेबाज दूसरी तरफ
उम्र रूट के साथ है और...
फिलहाल जो. रूट 34 साल के हैं और अगर वह अगले तीन साल और खेलते हैं, वर्तमान 'शतक गति' के आधार पर रूट अगर आने वाले तीन सालों में हर साल पांच शतक जड़ते हैं, तो रूट के शतकों की संख्या इस हिसाब से 52 हो जाएगी. और सचिन के 51 शतकों का रिकॉर्ड पीछे छूट जाएगा.
क्या फिटनेस रहेगी बरकरार?
यह भी एक तथ्य है कि बल्लेबाज की बढ़ती उम्र के साथ ही उसे कुछ दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. फॉर्म को लेकर भी और रिफ्लेक्सेस को लेकर भी. बल्लेबाज विशेष की मनोदशा भी एक अहम बात है. ऐसे में यह भी अहम है कि सचिन का रिकॉर्ड जो. रूट को कितना प्रेरित करता है? और क्या वह उम्र आगे बढ़ने के क्रम में फिटनेस के तमाम तत्वों को बरकरार रख पाएंगे ?