'निश्चित तौर पर वो दिन आएंगे', गौतम की कप्तान गिल को 'गंभीर' वॉर्निंग, हेड कोच बोले-इंग्लैंड दौरे में क्या था सबसे अहम पहलू

Gambhir vs Gill: गौतम गंभीर ने गिल को उस बात को लेकर चेतावनी दी है, जो बहुत ही कड़वा सच है. और युवा कप्तान को लेकर इसे बहुत ही सावधान रहना होगा.

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Gautam Gambhir on Shubman Gill: भारतीय क्रिकेट टीम ने शुभमन गिल की कप्तानी में 2 टेस्ट मैचों की घरेलू सीरीज में वेस्टइंडीज को 2-0 से हराया है. सीरीज में कप्तान और खिलाड़ी के रूप में शुभमन गिल (Shubman Gill) शानदार रहे. तारीफ मुख्य कोच गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) की भी तारीफ हो रही है, लेकिन टीम इंडिया कोच ने गिल को वॉर्निंग दे दी है. गंभीर (Gambhir warns Gill) का मानना है कि गिल ने मुश्किल समय का कप्तान के तौर पर अच्छी तरह सामना किया है, लेकिन उनके सामने कठिन समय आना बाकी है. 

गिल की कप्तानी पर गंभीर ने कहा,'गिल ने अभी तक कुछ ही टेस्ट मैचों में कप्तानी की है. उनमें दबाव और मुश्किल हालातों से निपटने की क्षमता है. वह अपनी काबिलियत पर काम कर रहे हैं, लेकिन, अभी तक कप्तानी के सबसे बुरे दिनों का सामना उन्होंने नहीं किया है. वे दिन जरूर आएंगे. मैं देखना चाहूंगा कि जब चीजें उनके हिसाब से नहीं होंगी, तो वह कैसे प्रतिक्रिया देंगे मैं उनका बोझ कम करने और उनका साथ देने के लिए हमेशा उनके साथ हूं, लेकिन उन्हें अपना काम सही तरीके से करना होगा. अब तक, वह पारदर्शी, स्पष्टवादी, मेहनती और सही काम करने पर केंद्रित रहे हैं.'

गंभीर बोले, 'मुझे कप्तान के रूप में गिल के साथ हुई पहली बातचीत अच्छी तरह याद है. मैंने उनसे साफ कहा था कि उन्हें गहरे समुद्र में फेंका गया है. वे डूब जाएंगे या फिर विश्वस्तरीय तैराक बन जाएंगे. इंग्लैंड दौरे पर उनके बनाए रन से ज्यादा अहम मेरे लिए दबाव में उन्होंने जिस तरह टीम को संभाला, वो है. एक बेहतरीन इंग्लैंड टीम के खिलाफ एक युवा टीम का नेतृत्व करते हुए मुझे लगता है कि उन्होंने अपनी कप्तानी की सबसे कठिन परीक्षा का सामना किया.'

पूर्व ओपनर ने कहा, 'ओवल टेस्ट के बाद हमने जीत हासिल की. मैंने उनसे कहा कि उन्होंने अपनी सबसे कठिन परीक्षा पास कर ली है. अब चीजें आसान हो जाएंगी. मुझे पूरी उम्मीद है कि ऐसा ही होगा क्योंकि वह वाकई इसके हकदार हैं. उनके बारे में कई अनुचित बातें कही गई हैं, लेकिन मेरा मानना ​​है कि हम अक्सर खिलाड़ियों का आंकलन उनकी क्षमता और उम्मीदों के आधार पर करते हैं. कोई 24 या 25 साल का खिलाड़ी 50 से ज्यादा औसत से टेस्ट में हर जगह रन बनाए. इसमें समय लगता है और उनमें क्षमता थी.'

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