"निश्चित तौर पर यह बहुत ही...", मुरलीधरन ने आईसीसी को दी वॉर्निंग, तो अगली पीढ़ी को दिया यह बड़ा चैलेंज

मुरलीधरन ने 350 वनडे मैचों में 534 विकेट भी लिए हैं. उनका मानना ​​है कि ओवल में इंग्लैंड के खिलाफ तीसरे टेस्ट मैच में जीत के कगार पर होने के बावजूद श्रीलंका ने श्रृंखला इसलिए गंवा दी क्योंकि उनके पास इस प्रारूप में खेलने के लिए आवश्यक निरंतरता नहीं थी.

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मुरलीधरन ने बहुत ही बड़ी बात कह दी है

पिछले काफी महीने से दुनिया के तमाम दिग्गज  चिंता जता रहे हैं. अपने-अपने तरीके से बचते हुए बात को रख रहे हैं, लेकिन अब श्रीलंकाई दिग्गज मुथैया मुरलीधरन ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट काउंसिल (ICC) को चेताते हुए साफ-साफ बोल दिया है कि टेस्ट क्रिकेट का भविष्य खतरे में है. साथ ही, उन्होंने भविष्य की पीढ़ी को एक तरह से चैलेंज देते हुए यह भी ऐलान कर दिया कि इस फॉर्मेट में 800 विकेट लेने का उनका रिकॉर्ड कोई भी गेंदबाज नहीं तोड़ पाएगा. टेस्ट क्रिकेट में मुरलीधरन के बाद दूसरे सर्वश्रेष्ठ ऑफ स्पिनर ऑस्ट्रेलिया के नॉथन लियोन (530 विकेट) और भारत के रविचंद्रन अश्विन (516 विकेट) हैं.

"मैं बहुत ही चिंतित हूं"

श्रीलंका के लिए 133 टेस्ट मैच खेलने वाले मुरलीधरन ने सोमवार को 'डेली मेल' से कहा, 'मैं निश्चित रूप से टेस्ट क्रिकेट को लेकर चिंतित हूं. हर देश शायद केवल छह या सात टेस्ट मैच ही खेलेगा. इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया एशेज खेल सकते हैं, लेकिन कुछ अन्य देशों में, बहुत से लोग इसे नहीं देख रहे हैं. बहुत कम टेस्ट क्रिकेट खेल जा रहा है.  उन्होंने अपने 800 टेस्ट विकेटों के रिकॉर्ड पर कहा, 'इसे तोड़ना बहुत मुश्किल है, क्योंकि अब सबका ध्यान शॉर्ट-फॉर्मेट क्रिकेट पर चला गया है साथ ही, हमने 20 साल तक खेला है. अब करियर छोटे हो गए हैं.'

मुरलीधरन ने 350 वनडे मैचों में 534 विकेट भी लिए हैं. उनका मानना ​​है कि ओवल में इंग्लैंड के खिलाफ तीसरे टेस्ट मैच में जीत के कगार पर होने के बावजूद श्रीलंका ने श्रृंखला इसलिए गंवा दी क्योंकि उनके पास इस प्रारूप में खेलने के लिए आवश्यक निरंतरता नहीं थी.

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"सभी प्रतिभाशाली हैं, लेकिन चिंता यह है कि..."

उन्होंने कहा, 'समस्या निरंतरता की है. इससे फर्क नहीं पड़ता कि खिलाड़ी कितने अच्छे हैं, क्योंकि वे सभी प्रतिभाशाली हैं. एकमात्र बात यह है कि वे कैसे अनुभवी बन सकते हैं? आजकल, यह मुश्किल है. उनके दिमाग में बहुत सारे टूर्नामेंट और चीजें हैं.' श्रीलंका ने आखिरी बार 1998 में ओवल में टेस्ट मैच जीता था, जब मुरलीधरन ने शानदार प्रदर्शन किया था. उन्होंने मैच को याद करते हुए कहा, "विकेट सपाट था, और भले ही इंग्लैंड ने लगभग 450 रन बनाए, लेकिन हमने लगभग 600 रन बनाए थे। चौथे दिन शाम विकेट स्पिन करने लगा था। मैं हमेशा गेंद को स्पिन करता था, और मुझे उछाल मिली। यही कारण है कि हम मैच जीत गए थे."

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