Kirti Azad vs Rohan Jaitley: डीडीसीए (दिल्ली एण्ड डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन) के प्रेसिडेंट पद के लिए खड़े हुए उम्मीदवार कीर्ती आज़ाद ने नैतिक शासन के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की है. इसके साथ ही मौजूदा अधिकारियों द्वारा डीडीसीए में हो रहे दुराचार पर रोशनी डालते हुए कीर्ती आज़ाद और उनकी टीम ने 'फंड्स के गलत मैनेजमेन्ट' पर सवाल उठाया और रोहन जेटली और उनकी टीम से कड़े सवाल पूछे. बता दें, डीडीसीए के चुनाव 13 से 15 दिसंबर तक होने हैं. नतीजे 16 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे. जेटली की अगुआई वाले मौजूदा पदाधिकारियों के सत्ता में बने रहने की उम्मीद है लेकिन आजाद को बदलाव की लहर नजर आ रही है. चुनाव में कुल 3748 सदस्यों के मतदान करने की उम्मीद है.
कीर्ती आज़ाद ने लगाए कई आरोप
इन चुनावों में अपने नारे 'अब नहीं बदलेगा तो कभी नहीं बदलेगा' के साथ कीर्ती आज़ाद तत्काल प्रभाव से डीडीसीए की फंक्शनिंग में बदलाव लाना चाहते हैं. उनका उद्देश्य भारतीय क्रिकेट और खिलाड़ियों के छवि में 'सम्मानजनक' बदलाव लाना है. तथा एसोसिएशन के सदस्यों में उन्हें दी जाने वाली सुविधाओं के प्रति गर्व की भावना उत्पन्न करना है.
मीडिया को सम्बोधित करते हुए कीर्ति आज़ाद ने कहा, डीडीसीए के सदस्यों को लम्बे समय से उचित दर्जे से वंचित रखा गया है. एसोसिएशन को मिलने वाले अनुदान का गलत प्रबन्धन किया गया है. खातों की सही ऑडिटिंग नहीं हो रही हैं एसोसिएशन के सदस्यों को उन सुविधाओं से वंचित रखा गया है, जिनके वे हकदार हैं. सबसे बड़ी बात, रोहन जेटली के नेतृत्व में डीडीसीए स्टेडियम को अपग्रेड करने में नाकाम रहा है, जैसा कि वादा किया गया था.
रोहन जेटली के समर्थन में आए वीरेंद्र सहवाग
वहीं एक तरफ जहां कीर्ति आजाद ताल ठोक रहे हैं तो दूसरी तरफ 2011 के विश्व विजेता खिलाड़ी वीरेंद्र सवहाग ने रोहन जेटली का समर्थन किया है. सहवाग ने एक वीडियो जारी कर कहा,"पिछले कई सालों में आपने(रोहन जेटली) डीडीसीए के स्टेडियम में बहुत अच्छा काम किया है. खासकर जो आपने डीपीएल की शुरुआत की है, उसमें जो बच्चों को मौका मिल है, कुछ बच्चे फर्स्ट क्लास खेले हैं, कुछ बच्चे आईपीएल में प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. तो यह एक बहुत बड़ा कदम है जो आपने उठाया है. तो उम्मीद करता हूं कि आने वाले समय में भी आप ऐसा ही अच्छा काम करोगे." सहवाग ने चुनावों के लिए रोहन जेटली की टीम को शुभकामनाएं देते हुए आगे कहा,"मालूम है मुझे जीतोगे तो आप ही."
सचिव पद के संजय भारद्वाज ठोक रहे ताल
कीर्ति आज़ाद-संजय भारद्वार के पैनल ने मौजूदा डीडीसीए पैनल पर फंड्स के गलत प्रबन्धन, अपनी पसंद के सदस्यों में टिकट वितरण, जमीनी स्तर पर विकास की अनदेखी और सदस्यों की सहभागिता की कमी पर सवाल उठाए. कीर्ति आज़ाद की अध्यक्षता डीडीसीए में पारदर्शिता और सुधार का स्पष्ट आह्वान है, जो क्रिकेट संस्थानों को चरम पर पहुंचाने का वादा करता है.
वहीं सचिव पद के उम्मीदवार संजय भारद्वाज ने भी कीर्ति आज़ाद का पक्ष लिया. 1986 से 1989 के बीच उन्होंने रणजी ट्रॉफी में दिल्ली का प्रतिनिधित्व किया और कीर्ति आज़ाद, मदन लाल, मोहिन्दर अमरनाथ, सुरिंदर खन्ना, रमन लाम्बा, संजय भारद्वाज जैसे दिग्गजों के साथ खेल चुके हैं.
2018 में वे डीडीसीए राजनीति में कदम रखा और क्रिकेट में सुधार लाने की सोच के साथ आदर्श उम्मीदवार बन गए. वे डीडीसीए में भ्रष्टाचार के खिलाफ भूख हड़ताल करने वाले पहले व्यक्ति थे. जिन्होंने सदस्यों के लिए बेहतर सुविधाओं और पारदर्शिता के लिए लड़ाई शुरू की. कीर्ति आज़ाद-संजय भारद्वाज पैनल ने पारदर्शी, विश्वस्तरीय, समावेशी, सदस्य उन्मुख एवं प्रेरणादायी डीडीसीए की कल्पना की है.
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