Danish Kaneria Statement on Shahid Afridi: पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर शाहिद अफरीदी के हालिया बयानों को लेकर भारी विवाद खड़ा हो गया है. खासकर पहलगाम आतंकी हमले को लेकर उनके दिए बयानों की जमकर आलोचना हो रही है. अफरीदी ने भारतीय मीडिया और सेना पर बेबुनियाद आरोप लगाते हुए कहा कि भारत ने बिना किसी सबूत के पाकिस्तान पर हमला कराने का इल्जाम लगाया है. उन्होंने बातचीत के जरिए समस्याओं का हल निकालने की बात करते हुए कहा कि क्रिकेट को राजनीति से दूर रखना चाहिए.
अफरीदी ने यह भी आरोप लगाया कि भारत में हमला होते ही मीडिया ने पाकिस्तान के खिलाफ गलत प्रचार शुरू कर दिया. उन्होंने भारतीय मीडिया की तुलना बॉलीवुड से करते हुए कहा कि वहां बिना सबूत के कहानियां गढ़ी जाती हैं. अफरीदी ने यह भी कहा कि पाकिस्तान शांति का पक्षधर है और आतंकवाद का समर्थन नहीं करता.
दानिश कनेरिया ने अफरीदी पर साधा निशाना
अफरीदी के इन बयानों के बाद पाकिस्तान के पूर्व स्पिनर दानिश कनेरिया ने उन पर कड़ा हमला बोला है. कनेरिया ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पहले ट्विटर) के जरिए कहा कि अफरीदी हमेशा कट्टरपंथी विचारधारा को बढ़ावा देते रहे हैं. कनेरिया ने आरोप लगाया कि जब वह पाकिस्तान टीम का हिस्सा थे, तब अफरीदी ने उन पर इस्लाम धर्म अपनाने का दबाव डाला था और उनके साथ भोजन करने से भी मना कर दिया था. कनेरिया ने इस व्यवहार को अपमानजनक बताया.
'हिंदू हूं और मुझे गर्व है' - दानिश कनेरिया
दानिश कनेरिया ने एक अन्य पोस्ट में लिखा, "मैं हिंदू हूं और मुझे इस पर गर्व है. मैंने उस देश के लिए खेला जिसमें मेरा जन्म हुआ. हिंदू चाहे दुनिया में कहीं भी हों, वे अपने देश के प्रति वफादार रहते हैं. पाकिस्तान के आम लोगों ने मुझे प्यार दिया, लेकिन वहां के शासकों ने मेरे साथ वही व्यवहार किया जो विभाजन के समय मेरे समुदाय के साथ किया गया था."
पाकिस्तान पर भी साधा निशाना
कनेरिया ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को भी आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि जब कोई आतंकियों को 'स्वतंत्रता सेनानी' कहता है, तो वह सीधे तौर पर राज्य प्रायोजित आतंकवाद को स्वीकार करता है. उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले को लेकर भी ट्वीट करते हुए कहा कि हिंदुओं को निशाना बनाना एक सुनियोजित मानसिकता का परिणाम है, और पीड़ितों को न्याय मिलना चाहिए. बलूचिस्तान मुद्दे पर भी कनेरिया ने पाकिस्तान की आलोचना करते हुए कहा कि बलूच लोगों पर जुल्म ढाने वालों के साथ खड़ा होना शर्मनाक है.