भारत के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने बुधवार को कहा कि चेतेश्वर पुजारा इंग्लिश काउंटी चैंपियनशिप में लंबे समय तक खेलने के कारण ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ विश्व टेस्ट चैंपियनशिप(डब्ल्यूटीसी) फाइनल से पूर्व भारतीय टीम के अपने साथियों को बहुमूल्य सलाह दे सकते हैं. पुजारा को परिस्थितियों की जानकारी और (ससेक्स की) कप्तानी के अनुभव को देखते हुए उनकी सलाह महत्वपूर्ण हो सकती है विशेषकर ऑस्ट्रेलिया के स्टार बल्लेबाज स्टीव स्मिथ के खिलाफ जो इसी काउंटी टीम की ओर से खेलते हैं.
डब्ल्यूटीसी फाइनल सात से 11 जून तक लंदन के द ओवल में होना है. गावस्कर ने ‘स्टार स्पोर्ट्स' से कहा, ‘‘यह बात ख़ास है कि वे वहां मौजूद रहे हैं, इसका मतलब है कि उन्होंने देखा है कि द ओवल की पिच किस तरह का बर्ताव कर रही है.'' उन्होंने कहा, ‘‘वह शायद द ओवल में नहीं खेले हो, वह भले ही ससेक्स मे रहे हों जो लंदन से काफी दूर नहीं है लेकिन उन्होंने इस पर नज़र रखी होगी कि वहां क्या चल रहा है और जहां तक बल्लेबाजी या कप्तानी की बात है तो उनकी सलाह बहुमूल्य होगी. ''
गावस्कर ने कहा, ‘‘यह मत भूलिए कि उन्होंने टीम (ससेक्स) की कप्तानी भी की है इसलिए निश्चित तौर पर इस समय टीम के अपने साथी ऑस्ट्रेलिया के स्टीव स्मिथ को देखकर उसने कुछ रणनीतियां भी बनाई होंगी.'' गावस्कर ने कहा कि इंडियन प्रीमियर लीग में खेलने के बाद भारतीय बल्लेबाजों को डब्ल्यूटीसी फाइनल से पहले बल्ला घुमाने की अपनी गति से सामंजस्य बैठाना होगा और उन्होंने बल्लेबाजों को जितना संभव हो उतना देर से खेलने की सलाह दी. उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि वह बल्ला घुमाने की अपनी गति पर ध्यान देंगे. वे टी20 से आ रहे हैं जहां बल्ला काफी तेजी से घुमाया जाता है जबकि टेस्ट क्रिकेट में बल्ला घुमाने की गति अधिक नियंत्रित होती है और ऐसे में उन्हें इस पर गौर करना होगा.''
गावस्कर ने जोर देते हुए कहा कि इंग्लैंड के हालात को देखते हुए जितना संभव हो बल्लेबाजों को उतना देर से शॉट खेलने की जरूरत है जिससे कि गेंद स्विंग हो चुकी हो. उन्होंने साथ ही कहा कि बल्लेबाजों को शॉट खेलने के लिए गेंद तक पहुंचने की गलती करने से बचना होगा. उन्होंने आगे कहा, ‘‘उन्हें इंग्लैंड में जितना संभव हो उतना देर से खेलने की जरूरत है जिससे कि गेंद स्विंग हो चुकी हो, शॉट खेलने के लिए गेंद तक पहुंचने की कोशिश नहीं करनी जो गलती अच्छी पिच पर खेलते हुए काफी लोग करते हैं.'' उन्होंने गेंदबाजों को फुल लेंथ की गेंद फेंकने की सलाह दी जिससे कि ड्यूक गेंद को स्विंग होने का मौका मिले. गावस्कर ने कहा, ‘‘गेंदबाजी इकाई के रूप में आपको नई गेंद से फुल लेंथ की गेंदबाजी करनी होगी जिससे कि गेंद को हवा और पिच से मूवमेंट मिले.''
गावस्कर ने इंग्लैंड की परिस्थितियों में खेलते हुए भारत के सामने आने वाली चुनौतियों पर भी बात की. उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि इंग्लैंड के हालात चुनौतीपूर्ण होंगे क्योंकि सबसे पहले तो हमें तेज धूप में खेलने की आदत है. जब आप इंग्लैंड में खेलते हैं तो अधिकतर आप ऐसे हालात में खेलते हैं जब सूरज नहीं निकला होता, आसमान में बादल छाए होते है, मौसम ठंडा होता है.'' इस पर पूर्व क्रिकेटर ने कहा, ‘‘आपको पता है कि भारतीय, वेस्टइंडीज और श्रीलंका के खिलाड़ियों को इस तरह के हालात में खेलने की आदत नहीं होती जिससे थोड़ी दिक्कत हो सकती है.''
उन्होंने कहा, ‘‘इस तरह के हालात में पिच पर टप्पा खाने के बाद ही नहीं बल्कि हवा में भी गेंद स्विंग होती है जो भारत में नहीं होता. आपको हवा में स्विंग होती गेंद से सामंजस्य बैठाने में कुछ समय लग सकता है.'' गावस्कर ने कहा, ‘‘और यही कारण है कि जब आप विदेश जाते हैं तो लोग सलाह देते हैं कि आप दो या तीन अभ्यास मैच खेलें जिससे आपको अंदाजा लग जाता है कि टेस्ट मैच में क्या होने वाला है.''














