किन गेंदबाजों का सामना करना था मुश्किल? चेतेश्वर पुजारा ने लिए ये चार नाम

Cheteshwar Pujara Picks 'Toughest' Bowlers: पुजारा ने अपने रिटारयमेंट के बाद उन गेंदबाजों के नाम लिए हैं, जिनका सामना करने में उन्हें मुश्किल हुई.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
Cheteshwar Pujara: पुजारा ने उन गेंदबाजों ने नाम बताए हैं जिनका सामना करने में उन्हें परेशानी हुई
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • चेतेश्वर पुजारा ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर दिया है. उन्होंने 103 टेस्ट में 7195 रन बनाए.
  • पुजारा ने डेल स्टेन, मोर्ने मोर्कल, जेम्स एंडरसन और पैट कमिंस को अपने करियर के सबसे कठिन गेंदबाज बताया.
  • उन्होंने 2018, 2021 में ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज जीत को अपने करियर की सबसे यादगार उपलब्धि माना.
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।

Cheteshwar Pujara Picks 'Toughest' Bowlers: राहुल द्रविड़ के बाद मैदान पर भारतीय टीम की 'दीवार' बने चेतेश्वर पुजारा ने रविवार को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के संन्यास का ऐलान किया. भारत के लिए 103 टेस्ट मैच खेलने वाले पुजारा ने क्रिकेट के सबसे लंबे फॉर्मेट में 43.60 की औसत से 7,195 रन बनाए. इस दौरान उनके बल्ले से 19 शतक और 35 अर्धशतक भी आए. इसके अलावा, पुजारा ने 5 वनडे मुकाबलों में 51 रन जुटाए. अक्टूबर 2010 में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर डेब्यू करने वाले पुजारा आखिरी बार जून 2023 में टीम इंडिया के लिए खेले थे. पुजारा ने अपनी धैर्यपूर्ण बल्लेबाजी से भारत को ऑस्ट्रेलिया में सफलता दिलाई. वहीं पुजारा ने अपने रिटारयमेंट के बाद उन गेंदबाजों के नाम लिए हैं, जिनका सामना करने में उन्हें मुश्किल हुई. 

संन्यास लेने के बाद पुजारा से उनके सामने आने वाले सबसे कठिन गेंदबाजों के बारे में पूछा गया. इस दौरान उन्होंने चार गेंदबाजों के नाम लिए. पुजारा ने कहा,"मेरे पूरे करियर में, डेल स्टेन, मोर्ने मोर्कल, जेम्स एंडरसन और पैट कमिंस मेरे सामने आए सबसे चुनौतीपूर्ण गेंदबाजों में से रहे हैं." 

चेतेश्वर पुजारा ने अपने संन्यास के बाद राजकोट में पत्रकारों से बात करते हुए 2018 में ऑस्ट्रेलियाई दौरे को अपने करियर की सबसे यादगार सीरीज बताया.  पुजारा ने कहा,"साल 2018 में ऑस्ट्रेलिया का दौरा मेरे लिए यादगार रहा, जब भारतीय टीम ने उस देश में पहली बार टेस्ट सीरीज जीती. साल 2021 में हमने ऑस्ट्रेलियाई सरजमीं पर इस कारनामे को दोहराया. यह दोनों सीरीज यादगार रहेंगी."

इसके अलावा उन्होंने दिग्गज भारतीय खिलाड़ियों के साथ ड्रेसिंग रूम साझा करने को भी यादगार बताया. पुजारा ने कहा,"मुझे दिग्गज खिलाड़ियों के साथ खेलने का मौका मिला है. डेब्यू के समय मैंने सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, वीवीएस लक्ष्मण, महेंद्र सिंह धोनी और गौतम गंभीर जैसे खिलाड़ियों के साथ खेला. इसके बाद युवा खिलाड़ियों के साथ भी मेरा सफर यादगार रहा."

चेतेश्वर पुजारा के क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास लेने की घोषणा के बाद, भारत के पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री ने अनुभवी बल्लेबाज को शुभकामनाएं देते हुए उन्हें "असली योद्धा" कहा. रवि शास्त्री ने कहा,"एक असली योद्धा. उन्होंने कोच के रूप में मेरे कार्यकाल में भारत को लगातार 5 सालों तक नंबर 1 टीम बनाए रखने और ऑस्ट्रेलिया में लगातार दो सीरीज जीतने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जहां वह बहुत शानदार थे. शाबाश पुजी."

मुख्य कोच के रूप में शास्त्री के कार्यकाल में भारत ने टेस्ट क्रिकेट पर अपना दबदबा बनाया. 'मेन इन ब्लू' ने 2018-19 और 2020-21 में ऑस्ट्रेलिया में बैक-टू-बैक टेस्ट सीरीज़ जीतकर इतिहास रचा. पुजारा ने दोनों जीतों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, भारी दबाव को झेला और गुणवत्ता वाले ऑस्ट्रेलियाई हमलों के खिलाफ महत्वपूर्ण रन बनाए. 2018 में पुजारा ने चार मैचों में 74.42 की औसत से 521 रन बनाए, जिसमें तीन शतक और एक अर्धशतक शामिल है. उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 193 था.

Advertisement

2020-21 सीरीज में, उन्होंने चार मैचों में 33.87 के औसत से 271 रन बनाए, जिसमें तीन अर्द्धशतक शामिल थे. इस दौरान उनका सर्वोच्च स्कोर 77 का रहा. गाबा में अंतिम टेस्ट में, उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाजों के शरीर पर कई प्रहार झेले, जिससे जीत और भी यादगार हो गई.

यह भी पढ़ें: क्रिकेट के किस एक नियम को बदलना चाहते हैं आप? सचिन तेंदुलकर ने दिया ये जवाब

यह भी पढ़ें: विराट, रोहित ने लिया संन्यास, अब कौन बढ़ाएगा विरासत को आगे? सचिन तेंदुलकर ने दिया जवाब

Featured Video Of The Day
MP Satna Viral Video: सतना में बस की बाइक से टक्कर होने पर Bus Conductor को चप्पल से पीटा
Topics mentioned in this article