बुधवार को शुरू हुई चैंपियंस ट्रॉफी (Champions Trophy 2025) में भारत के चिर-प्रतिद्वंद्वी के साथ होने वाली टक्कर में अभी कुछ दिन बाकी हैं, लेकिन पाकिस्तान के पूर्व दिग्गजों ने भारत पर हमले बोलना शुरू कर दिया है. इसी कड़ी में सबसे कड़ा वार किया है "दूसरा" के मास्टर कहे जाने वाले पूर्व ऑफी सकैलन मुश्ताक ने. पूर्व ऑफ स्पिनर ने कड़े शब्दों का इस्तेमाल करते हुए कहा है, "भारत को उसके रवैये के लिए सबक सिखाया जाना चाहिए." इस कथन के लिए मुश्ताक ने हालही में अपने निजी अनुभव का भी जिक्र डिटेल से दिया. हालांकि, अगर सकलैन को थोड़े भी समझ होती, तो वे वह कदम उठाते ही ही नहीं, जो उन्होंने न्यूजीलैंड टीम के भारत दौरे से पहले उठाया. पहले दो सकलैन ने नासमझी के कारण गलती की, तो दूसरा वह दोष भारत पर ही मढ़ रहे हैं
"इनके नखरे खत्म ही नहीं होते"
एक पाकिस्तानी टीवी चैनल पर जब एंकर ने यह पूछा कि भारत ने कई मुद्दे उठाए हैं और यह मेजबान देश की राह में अड़ंगे डालने जैसा है. सवाल सुनते ही मुश्ताक ने उत्तेजित होते हुए भारत और बीसीसीआई के लिए कहा, "चू-चू-चा-चा लगाई हुई है इन्होंने. इनके नाज नखरे खत्म ही नहीं होते. और हम अभी भी गुण गा रहे हैं इनके. हमारे बच्चे-बच्चे कहते हैं कि विराट कोहली आ जाएं, बुमराह आ जाएं, हम उन्हें देखना चाहते हैं. पाकिस्तान की तरफ से मिन्नतें हो रही हैं. हर बच्चा इन्हें देखना चाह रहा है, लेकिन इनके नखरे ही खत्म नहीं हो रहे." सकलैन का गुस्सा यहीं ही खत्म नहीं हुआ.
"न्यूजीलैंड टीम के स्पोर्ट स्टॉफ का सदस्य था"
पूर्व ऑफ स्पिनर ने अपने निजी अनुभव का जिक्र करते हुए बताया कि वह न्यूजीलैंड टीम के भारत दौरे से पहले कीवी टीम के स्पोर्ट स्टॉफ के सदस्य थे, लेकिन उन्हें भारतीय वीजा नहीं मिला. सकलैन बोले, "मैं अपना निजी अनुभव बताता हूं. पिछले साल भारत-न्यूजीलैंड सीरीज से पहले मैं पाकिस्तान की टीम का मेन्टॉर बनने से पहले कीवी टीम का स्पिन बॉलिंग सलाहकार था." उन्होंने कहा, "दौरे से पांच महीने पहले मुझे न्यूजीलैंड बोर्ड और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड दोनों से वीजा लेटर भी मिला. मैंने इसे लीसेस्टर (इंग्लैंड) स्थित घर से बुक किया. मुझे दो हफ्ते बाद मुलाकात का समय मिला." बहरहाल, सकैलन को समझ होनी चाहिए थी कि भारत सरकार की उनके देशवासियों के लिए क्या विदेश नीति है. लेकिन एक तरह से उन्होंने ऐसा बयान देकर अपनी ही पोल खोल दी है.
"मुझे चार घंटे लाइन में..."
अपने समय के दिग्गज स्पिनर ने कहा, "उन्होंने मुझे चार घंटे लाइन में बैठाकर रखा. मैंने थोड़ा शर्मसार महसूस किया. जिस तक का बर्ताव मेरे साथ हुआ, उससे मुझे निराशा भी हुआ." उन्होंने कहा, "आप विश्वास नहीं करोगे कि मैंने वीजा के लिए कितने लोगों से संपर्क साधा. वे लगातार कहते रहे कि "लाइन में लगा हुआ है. पिछले तीन महीने से यही स्थिति बनी रही. इसी बीच मुझे पीसीबी से ऑफर मिल गया. ऐसे में मैंने वीजा से इनका कर दिया. उन्होंने फीस भी ली और वीजा भी नहीं दिया.". कुल मिलाकर यह सकलैन की हताशा और नसमझी ही ज्यादा और यह बताता है कि इंग्लैंड में रहते और अंतरराष्ट्रीय टीम से जुड़े रहने के बावजूद उनकी विदेशी रिश्तों की समझ कितनी है. अगर थोड़ी सी भी समझ होती, तो वह एप्लाई वीजा ही नहीं करते