अगर दक्षिण अफ्रीका के हाथों 0-2 से मिली हार को टीम इंडिया का पिछले कुछ सालों का टेस्ट क्रिकेट सबसे न्यूनतम प्रदर्शन करार दिया जाए, तो गलत नहीं ही होगा. इस हार से पूर्व क्रिकेटर, फैंस और मीडिया बुरी तरह गुस्से में हैं, तो बीसीसीआई को कुछ समझ नहीं आ रहा कि इस मोड़ पर क्या किया जाए. इस तरह की रिपोर्ट आ रही हैं कि बोर्ड हेड कोच को हाल-फिलहाल हटाने नहीं जा रहा, लेकिन बोर्ड के अधिकारी गंभीर के हालिया प्रेस में दिए गए बयान से खुश नहीं हैं. हालांकि, बोर्ड गौतम से खुश नहीं है, लेकिन अगर भारत अगले साल होने वाले टी20 विश्व कप में बेहतर नहीं करता है, तो हालात उनके लिए तेजी से बदल सकते हैं.
दक्षिण अफ्रीका से हार के बाद गौतम गंभीर की प्रेस कॉन्फ्रेंस में कही गई बाते बातें विवाद में आ गईं. खासतौर पर कोलकाता टेस्ट के बाद ईडेन गार्डन की पिच को लेकर दिए गए गैरजरूरी बयान ने आग में घी डालने का काम किया. रिपोर्ट के अनुसार बीसीसीआई गंभीर के दिए गए बयान की शब्दावली और उनकी टोन से खुश नहीं है. बोर्ड को सार्वजनिक मंच पर सामूहिक जिम्मेदारी, विद्रोही टाइप का सुर, दोषारोपण का प्रयास और विरोधाभासी बातें पसंद नहीं आई हैं.
एक अग्रणी अखबार की रिपोर्ट के अनुसार बीसीसीआई ने कोलकाता टेस्ट के बाद पिच को लेकर दिए गए बयान को अनावश्यक रूप से आग में घी डालने के रूप में लिया है. जानकारी के अनुसार बोर्ड गंभीर सार्वजनिक बयानबाजी में उनकी शब्दावली को लेकर खुश नहीं है. शीर्ष बॉस खासकर घर में टेस्ट के रिकॉर्ड को लेकर खुश नहीं हैं. गौतम के मार्गदर्शन में भारत को लगातार कई सीरीज गंवानी पड़ी हैं.वहीं, पूर्व क्रिकेटरों में गौतम के कामकाज के तरीके को लेकर भी बहुत नाराजगी है और बोर्ड इसका भी मूल्यांकन कर रहा है.
बीसीसीआई गंभीर को हटाने के मूड में नहीं
अब जबकि कुछ ही महीने बाद भारत को टी20 विश्व कप में हिस्सा लेना है. अब भारत को अगस्त तक कोई टेस्ट नहीं खेलना है. और विश्व कप को ध्यान में रखते हुए बोर्ड गंभीर को टेस्ट फॉर्मेट से हटाने के मूड में नहीं है. गंभीर को बतौर कोच व्हाइट-बॉल फॉर्मेट में मिली सफलता बड़ी वजह है कि बोर्ड का भरोसा गंभीर में बना हुआ है, लेकिन विश्व कप शुरू होने तक गंभीर को इस फॉर्मेट में भी जीत की लय बरकरार रखनी होगी.













