Bazball: कुछ ऐसे पदार्पण हुआ बैजबॉल शैली का, जानें इससे जुड़ीं तमाम अहम बातें, फील्डिंग में कैसे करता है काम

Bazball style's key points: भारत ने इंग्लैंड को 371 का टारेगट दिया, तो तमाम फैंस और पंडितों के ज़हन में बैजबॉल शब्द कौंध गया. चलिए इस शैली की तमाम बातें जान लीजिए

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Bazball's elements: स्टोक्स की कप्तानी में बैजबॉल शैली फील्डिंग में भी देखने को मिली
नयी दिल्ली:

मेजबान इंग्लैंड भारत ने हेडिंग्ले में पहला टेस्ट जीतने के लिए सामने 371 रन का टारगेट रखा, तो एक बार करोड़ों फैंस के ज़हन में बैजबॉल (Bazball) कौंध गया. एक ऐसी शैली जो पिछले करीब तीन साल से फैंस, मीडिया और पंडितों की जुबां पर चढ़ी हुई है. ऐसी शैली जिसने खेल के विद्ववानों को विस्मित कर दिया था. और इसके चर्चा में आने की वजह यही है कि इंग्लैंड बिना इस शैली को अमल में लाए बिना पहला टेस्ट मैच नहीं जीत सकता क्योंकि यहां से करीब-करीब चार रन प्रति ओवर की दर आसान नहीं है.यह दर आक्रामक शैली से ही हासिल की जा सकती है. और इसी से बैजबॉल शैली का रिश्ता है. चलिए बैजबॉल (Bazball style) के बारे में बारी-बारी और गहराई से जानिए. 

ऐसे गढ़ा गया बैजबॉल शब्द

बेजबॉल शब्द एक पोडकास्ट के दौरान ईएसपीएन (यूके) के संपादक एंड्रूय मिलर ने दिया. साल 2022 में न्यूजीलैंड के पूर्व कप्तान ब्रेंडन मैकलम के इंग्लैंड का टेस्ट कोच बनने के बाद यह नाम आया. मैकलन का उप नाम 'बैज था. और जब मैकलम और बेन  स्टोक्स ने मिलकर आक्रामक क्रिकेट खेलने का फैसला किया, तो मैकलम के नाम पर बैजबॉल शब्द बन गया.  हालांकि, खुद मैकलम ने कहा था कि वास्तव में यह शब्द इंग्लिश टीम की एप्रोच और उसके प्रबंधन की बारीकियों को बयां नहीं करता. लेकिन वैश्विक मीडिया ने इस शब्द को लपक किया और इंग्लिश टीम की ब्रांड ऑफ क्रिकेट इस शब्द से प्रसिद्ध हो गई. 

बैजबॉल की मनोदशा जानिए

साल 2022 में इंग्लैंड टीम ने नए कोच  ब्रेंडन मैकलम की नियुक्ति के बाद यह शैली विकसित की. मैकलम ने उस समय के कप्तान बेन स्टोक्स को टेस्ट में आक्रामक क्रिकेट खेलने के लिए भरोसे में लिया. बैजबॉल एक ऐसी शैली और मनोदशा है, जिसके तहत पूरा जोर आक्रामक और डिफेंस में सकारात्मक निर्णय लेना है.  इसके कई कौशल और रणनीति  वनडे और टी20 में भी विकसित की गईं. शैली के जन्म (2022) से लेकर  साल 2023, जून तक इंग्लैंड ने 4.65 रन प्रति ओवर की दर से रन बनाए. इस तेज रन गति ने इंग्लैंड को पारी को काफी पहले घोषित करके परिणाम की ओर जाने का मौका दिया 

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बैजबॉल की शैली

बैजबॉल शैली का एक पहलू बल्लेबाज का वनडे क्रिकेट के कौशल को लेकर इसमें और निखार करते हुए इसे टेस्ट क्रिकेट में शामिल करना है. इंग्लिश मीडिया ने क समय यह भी लिखा, बैजबॉल रनों का सीधा रास्ता एक समय अवधि में इयॉन मोर्गन की कप्तानी में इंग्लैड को व्हाइट-बॉल फॉर्मेट में मिली सफलता से आया. इसमें साल 2019 विश्व कप की जीत भी शामिल है.  इंग्लैंड कप्तान बेन स्टोक्स कहते हैं, 'बतौर कप्तान पहली मीटिंग में ही मैकलम के साथ इस शैली पर चर्चा हुई. 'बैज (मैकलम)' के साथ यही बात हुई हां हम इस शैली में खेल सकते हैं. क्यों नहीं?

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बैजबॉल की प्रमुख बातें 

इस शैली के तहत रेड-बॉल फॉर्मेट (टेस्ट) में पॉजिटिव क्रिकेट खेलना है. जब जरूरी हो, तो दबाव को पूरी तरह खत्म करना है. साथ ही जल्द से जल्द मौका मिलने पर इस दबाव को विरोधी टीम पर लाद देना है. इसके तहत संपूर्ण उद्देश्य विकेट चटकाना है. और बिना ड्रॉ के बारे में सोच सिर्फ जीत हासिल करने पर जोर लगाना है. इसके तहत प्रमुण तत्व इस प्रकार हैं:-

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1. माहौल को कम प्रदर्शित करना

2. कोई नकारात्मक बात नहीं

3. किसी भी कीमत पर जीत 

4. विफलता का कोई डर नहीं

5. छोटी से छोटी भी बात के लिए तारीफ

6. संदेश की सरलता

7. मानसिक स्वतंत्रता और हंसी-मजाक को समाहित करना

बैजबॉल शैली का असर

खेल में शैली में बदलाव हुआ, तो इसका असर और परिणाम भी इंग्लैंड पर देखने को मिला. और साल 2022 में इंग्लैंड ने चौथी पारी में लक्ष्य का पीछा करते हुए  सभी टेस्ट मैच जीते. इसमें एक न्यूजीलैंड, तो एक भारत के खिलाफ था. इन चार पारियों में इंग्लैंड ने क्रमश: 277, 299,296 और 278 रनों का पीछा किया. वहीं, इंग्लैंड टीम न्यूजीलैंड के खिलाफ लगातार 250 या इससे ऊपर का लक्ष्य हासिल करने वाली इतिहास की पहली टीम बन गई. 

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बैजबॉल दिखा फील्डिग में भी: आक्रामक फील्डिंग और...

मैकलम ने बैजबॉल शैली बल्लेबाजी तक सीमित नहीं रखी, इसे फील्डिंग में भी अपनाया. एक वर्ग पहली बार फील्डिंग में तस्वीर देखकर हैरान रन गया. इसके तहत कहीं आक्रामक फील्डिंग, मतलब विकेटकीपर, स्लिप गली सहित बाकी नजदीकी फील्डरों को पारंपरिक पोजीशन से काफी ज्यादा आगे तैनात करना. इस कोशिश में फील्डरों ने खासे कैच भी टपकाए, लेकिन मैकलम ने इसे जारी रखा. वहीं, बॉलिंग में सामान्य से तेज गति के साथ बदलाव किए गए. इसके तहत कोच ने बॉलरो ने सहा', जब गेंद हाथ में हों, तो आप पूरी तह निर्भीक रहें, कैच छूटे जाने और ज्यादा बाउंड्री जाने के बारे में न सोजें. सिर्फ और सिर्फ विकेट पर फोकस'

 
 

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