आयुष बडोनी को IPL में पिछले तीन साल से किया जा रहा था नजरअंदाज

पिछले तीन वर्षों में आयुष बडोनी की हर मुकाम पर अनदेखी की गयी लेकिन जब उन्हें मौका मिला तो उन्होंने लखनऊ सुपरजायंट्स की तरफ से इंडियन प्रीमियर लीग में अपने पदार्पण पर ही छाप छोड़ी.

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युवा क्रिकेटर आयुष बडोनी
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  • IPL में पिछले तीन साल से बडोनी को किया जा रहा था नजरअंदाज
  • इस बार लखनऊ सुपरजायंट्स का मिला साथ
  • आईपीएल डेब्यू मुकाबले में ही मचाया धमाल
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मुंबई:

पिछले तीन वर्षों में आयुष बडोनी (Ayush Badoni) की हर मुकाम पर अनदेखी की गयी लेकिन जब उन्हें मौका मिला तो उन्होंने लखनऊ सुपरजायंट्स (Lucknow Super Giants) की तरफ से इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में अपने पदार्पण पर ही छाप छोड़ी. इस 22 वर्षीय खिलाड़ी ने तमाम विपरीत परिस्थितियों के बावजूद हार नहीं मानी और सोमवार को गुजरात टाइटन्स के खिलाफ 41 गेंदों पर 54 रन की शानदार पारी खेली. स्वर्गीय कोच तारक सिन्हा की आखिरी देन में से एक बडोनी ने भारत अंडर-19 स्तर पर 2018 में श्रीलंका के खिलाफ युवा टेस्ट मैच में नाबाद 185 रन बनाये थे. एशिया कप में भी उन्होंने फाइनल में केवल 28 गेंदों पर 52 रन की पारी खेली थी.

इसके बावजूद उन्हें रणजी ट्राफी और विजय हजारे ट्राफी के लिये दिल्ली की टीम में जगह नहीं मिली. उन्हें आईपीएल की पिछली तीन नीलामी में भी नजरअंदाज किया लेकिन इस बार पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर ने उन्हें मौका दिया. बडोनी ने मैच के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘मुझे कुछ पता नहीं था, क्योंकि मेरा नाम (नीलामी में) तीन साल से आ रहा था और कोई टीम मुझे खरीद नहीं रही थी.'' उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए इस बार जब मेरा नाम आया, मेरी धड़कन तेज थी. मैं नहीं जानता था. मैंने दो-तीन टीम से ट्रायल दिया था. ऐसा दो तीन साल से हो रहा था लेकिन किसी ने मुझे नहीं लिया.''

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बडोनी ने कहा, ‘‘मैं लखनऊ का आभारी हूं कि जो उसने मुझे चुना. इसलिए मुझे अच्छा प्रदर्शन करने और टीम की जीत में योगदान देने की जरूरत है. मैं अपनी तरफ से सर्वश्रेष्ठ प्रयास करूंगा.'' बडोनी ने पिछले साल मुंबई में सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में केवल पांच टी20 खेले. इनमें भी उन्हें केवल एक मैच में बल्लेबाजी का मौका मिला जिसमें उन्होंने आठ रन बनाये थे. उन्होंने अब तक रणजी ट्रॉफी के मैच नहीं खेले हैं.

उन्होंने कहा, 'हां, पिछले तीन साल में थोड़ा संघर्ष किया. मुझे दिल्ली से मौका नहीं मिला, जिसकी वजह से मैंने अपने खेल को बेहतर बनाया. नये शॉट आजमाए, नये शॉट सीखे और इससे मुझे टी20 में मदद मिली.''

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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